<><><>(कमल सोनी)<><><> सिंगरौली (मध्यप्रदेश) में एस्सार पॉवर प्लांट लगाने पर उपजा विवाद थामने का नाम नहीं ले रहा है एस्सार पॉवर प्लांट लगाने के लिए किसानो को विस्थापित करने पर पिछले दिनों सिंगरौली में किसानो ने जिस तरह उग्र रूप धारण कर लिया और आगजनी की घटनाएं हुई उससे प्रदेश में राजनीती भी गरमा गई है लोकसभा चुनाव की सुगबुगाहट के चलते विपक्ष में बैठी कांग्रेस भी इस मुद्दे पूरी तरह से भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना नहीं चाहती लेकिन प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने साफ़ लफ्जों में कहा कि हम सिंगरौली को सिंगूर नहीं बनने देंगे मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ला और सिंगरौली के विधायक को वहां की जिम्मेदारी सौपी है हम किसी भी कीमत पर किसानो और वहां रह रहे गरीबों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने एक टीम तैयार की है जो वहां जायेगी और परिक्षण करेगी हम किसानो को उनकी ज़मीन का पूरा दाम देंगे किसानो के उग्र रूप ले लेने के बाद वहां उपजे विवाद की बात कहते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सिर्फ अतिक्रमण का मामला था जिसे हटवाने के लिए जिला प्रशासन पुलिस बल के साथ पहुंचा था जिसके विरोध में वहां गलत वातावरण निर्मित हुआ था
मुख्यमंत्री ने साफ साफ़ कहा कि प्रदेश में बिजली संकट है और उसे दूर करने के लिए हम सिंगरौली को पॉवर हब बनायेंगे और किसानो को उनका पूरा मुआवजा भी देंगे पुनर्वास के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि एइसे मामलों के लिए केंद्र की विस्थापन नीति का पालन किया जायेगा साथ में हम जो अतिरिक्त कर सकेंगे वह भी करेंगे सिंगरौली में हुए अतिक्रमण पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब इस तरह की घोषणाये होती है तो लोग अतिक्रमण कर उस पर अपने अपने दावे करने लगते हैं धारा ४ के अंतर्गत जो नहीं आते वे अतिक्रमण हैं जो जायज़ है और वैध है वो दिया जायेगा किसी के साथ अन्याय नहीं किया जायेगा मुख्यमंत्री ने विकास के इस विषय पर कोई भी अप्रिय स्थिति बनने से रोकने में मीडिया और विपक्ष से मदद करने आग्रह किया है
क्या है सिंगरौली विवाद :- प्रदेश में गहराए बिजली संकट से निपटने सिंगरौली में एस्सार पॉवर प्लांट लगाने के लिए उसे लगभग १८ सौ एकड़ ज़मीन का आवंटन किया गया जिसके लिए आवंटित क्षेत्र में रह रहे किसानो और गरीबों के विस्थापन की बात सामने आई तो वहां के निवासियों ने इसका विरोध किया विरोध ने उग्र रूप तब धारण कर लिया जब जिला प्रशासन पूरे बल के साथ वहां स्थनीय निवासियों को बेदखल करने पहुँच गया नतीजा यह हुआ कि हाथ में हल पकड़ने वाले किसानो ने डंडे, पत्थर और हथियार उठाकर सरकारी अमली पर हमला बोल दिया इस आक्रमण में कई अधिकारी कर्मचारी घायल हो गए
क्या हो समाधान :- मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ते बिजली संकट के चलते सिंगरौली में पॉवर प्लांट लगना भी बेहद आवश्यक है क्योंकि ये कहीं न कहीं पूरे प्रदेश के हित के साथ जुडा हुआ है ज़रुरत है शासन प्रशासन को पूरे तालमेल के साथ स्थनीय निवासियों और किसानो को विशवास में लेने की और न सिर्फ उन्हें उनकी ज़मीन का पूरा मुआवजा दिया जाये बल्कि उन्हें यह भी समझाना होगा कि इस पॉवर प्लांट के भविष्य में क्या फायदे होंगे क्यूंकि ज़रा सी लापरवाही और धैर्य में कमी से माहौल बिगड़ते देर नहीं लगती और फिर उसके बाद शुरू हो जाती है राजनीती राज्य सरकार को इस दिशा में गंभीरता से काम करना होगा क्योंकि किसानो को विश्वास में लिए बगैर इस पॉवर प्लांट की कल्पना करना गलत होगा वर्त्तमान में सिंगरौली में जो हालत हैं उससे किसी भी तरह की जदबाजी करना घातक हो सकता है हालाकि इस विषय पर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की गंभीरता को भी नकारा नहीं जा सकता
January 13, 2009
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