March 30, 2009

अडवाणी के प्रचार के लिए बीजेपी ने खरीदे kEY WORDS ...............

इस बार के लोकसभा चुनाव में सभी राजनितिक दलों का रुझान हाई टेक चुनाव प्रचार की और बढ़ता दिखा रहा है और इन राजनितिक दलों में सबसे आगे है बीजेपी बीजेपी ने अपने नेता लालकृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया है साथ ही भाजपा अडवाणी फॉर पी. एम् के लिए जमकर प्रचार कर रही है इसके लिए उन्होंने गूगल के साथ करार किया है जिसके तहत जिस वेबसाईट पर गूगल एडसेंस के विज्ञापन हैं वहां फ्रंट "अडवाणी फॉर पी. एम्" का एक विज्ञापन आपको नज़र तो आयेगा ही साथ ही गूगल से एक करार किया है जिसके तहत उसने गूगल सर्च इंजन पर पीएम मनमोहन सिंह के साथ सोनिया गांधी और राहुल गांधी आदि को सर्च करने पर गूगल के लैंडिंग पेज के दाईं ओर आडवाणी की तस्वीर के साथ उसे लिखा मिलेगा, 'क्या आपका भी यही सपना है। 21वीं सदी भारत की सदी हो। आडवाणी फार पीएम।' या फिर इसके अलावा "LK Advani's Forum" या फिर "Bloggers For LK Advani" लिंक मिल जायेंगी इन विज्ञापनो के माध्यम से आडवाणी को निर्णायक सरकार चलाने लायक चेहरे के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है खबरों के अनुसार गूगल सूत्रों से कुछ समाचार पत्रों और समाचार चेनलों ने जानकारी जुताई है कि इस करार के तहत भाजपा ने अपनी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी पार्टी कांग्रेस की सोनिया, राहुल, मनमोहन, कांग्रेस, सपा और बसपा सहित करीब 850 की-वर्ड्स खरीदे हैं। इन 850 की-वर्ड्स को सर्च करते ही परिणामों पर आडवाणी के विज्ञापन भी चिपके चले आएंगे।बहरहाल इन की वर्ड्स खरीदने के पीछे चुनाव प्रचार के अलावा और क्या मंशा हो सकती है यह तो पार्टी ही जाने लेकिन इतना तो सच है कि इस चुनाव में प्रचार माइक से लेकर माउस तक जा पहुंचा है

March 26, 2009

लोकसभा चुनाव - फिर चलेगा ट्रिपल डब्ल्यू का जादू |

ये ट्रिपल डबल्यू क्या है ? ये ट्रिपल डबल्यू ? आप नहीं जानते हम बताते हैं...........
लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। सभी दल अपने अपने सियासी वीरों और धुरंदरों को चुनावी आखाडे में उतार रहे हैं सियासी वीरों ने अपने समर्थकों के बीच जाना और उनकी भीड़ जुटाना शुरू कर दिया है पार्टियों के अंदरूनी राजनीती और कलह भी खुलकर सामने आ रही है आरोप प्रत्यारोपों का दौर जमकर चल रहा है निर्वाचन आयोग के नदिशों को ताक पर रखकर खबरों में बनाने और विवाद या कोई बखेडा खडा करने के लिए पार्टियों के उम्मीदवार जुटे हुए हैं लेकिन इस बीच ट्रिपल ''डब्ल्यू के फार्मूले का रंग भी चढाने लगा है कई राजनीतिक धुरंधरों ने अपने "खास लोगों को ट्रिपल ''डब्ल्यू के फार्मूले पर चलने को इशारा कर दिया है, ताकि मतदान तक चुनावी माहौल उनके पक्ष में बन सके।
तू डाल-डाल, मैं पात-पात। यह कहावत सियासी वीरों पर बिल्कुल फिट बैठती है। इधर चुनाव आयोग राजनीतिज्ञों को अनुशासित करने और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, बंदिशें लगा रहा है, लेकिन उधर चुनावी कुरुक्षेत्र में कूदे सूरमा भी कुर्सी के लिए सारे हथकंडे अपना रहे हैं। वो कहते हैं न कुर्सी के लिए कुछ भी करेगा बस संसद जैसे तैसे की राह बन जाए राजनितिक गलियारों में भी इस बात की खूब चर्चा है कि आने वाले दिनों में ट्रिपल डब्लू का जादू जमकर चलेगा आखिर ये ट्रिपल डब्ल्यू है क्या ?..........ट्रिपल डब्ल्यू...... यानि वाइन, वुमेन और वेल्थ जिसका जादू राजनेताओं और उनके खासमखास समर्थकों के सिर चढ़कर बोलेगा। आखिर एक एक वोट कीमती जो होता है और वोट की कीमत मतदाता से ज्यादा हमारे देश के राजनेता समझते हैं
चुनावी अखाडे में मल्लयुद्ध करने उतरे ये धुरंधर आने वाले दिनों में वह सारे हथकंडे आजमाएंगे, जो उनकी संसद की राह आसान करे । जीत के लिए वह ट्रिपल ''डब्ल्यू का भरपूर इस्तेमाल करेंगे। यानी मतदाताओं को लुभाने के लिए वाइन परोसी जाएगी। चुनावी सभाओं में भीड़ जुटाने के लिए वुमेन यानी फिल्मी अभिनेत्रियों का सहारा लिया जाएगा। अब बारी आती है वेल्थ की। तो चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं को पैसे देकर वोट मँगाने की घटनाएँ तो हामारे देश में ऍम बात है और फिर वुमेन और वाइन भी तभी संभव है, जब वेल्थ यानी दौलत होगी। चुनावी सभाओं के लिए पॉलिटीशियन जब पैसा लुटाएगा तो वह चाहेगा कि पब्लिक भी हो। मतलब साफ है कि १५वीं लोकसभा के लिए होने वाले चुनावों में कुर्सी हासिल करने सियासी वीर कुछ भी करने को तैयार हैं, जिन्हें न तो समाज मान्यता देता, न मतदाता और न चुनाव आयोग ही स्वीकार करेगा। लेकिन करें भी क्या कुर्सी का जो सवाल है

March 23, 2009

सजीं मटकों और सुराहियों की दुकानें



गर्मी के मौसम में मटके का ठंडा जल मिल जाए तो क्या बात है ? बदलते दौर में आज भी मटके के पानी की ठंडक के सभी कायल हैं मटके और सुराही के ठंडे पानी में जो मज़ा है वह फ्रिज के पानी में कहाँ गर्मी के मौसम की दस्तक देते ही बाज़ारों में मटकों और सुराहियों की दुकाने भी सजाने लगी हैं जहां बदलते दौर में ठंडे पाने के लिए फ्रिज और मशीनों का प्रचलन बढा है वहीं मटकों की अहमियत भी कम नहीं हुई लेकिन इनके स्वरुप में ज़रूर परिवर्तन आ रहा है यदि आप बाज़ारों में सजी इन मटकों की दूकान पर जाएँ तो आपको स्वयं समझ आ जायेगा इन दिनों बाज़ारों में डिजाइनर मटके और सुराहियाँ ग्राहकों क लुभा रही है पानी को ठंडा रखने के लिए घरों से लेकर आफिस तक की ज़रुरत बन चुके छोटे बड़े सभी साइज़ के मटके बाज़ारों में उपलब्ध हैं लेकिन इस बार रंग बिरंगे मटके बाज़ारों की रौनक बढा रहे हैं व्यापारियों के अनुसार काले रंग के मटके ज़्यादा डिमांड में रहते हैं कुछ व्यापारियों का मानना है कि पानी को ठंडा रखने में सुराही का कोई मुकाबला नहीं साथ ही लाने ले जाने में सुविधाजनक होने के कारण इनकी बिक्री 45 से 55 प्रतिशत तक होती है ख़ास बात यह है कि बाजारों में ग्राहकों की सुविधा को देखते हुए नल लगे मटके और सुराहियाँ उपलब्ध हैं साथ ही कई मटके और सुराहियों का निर्माण अलग तरह की मिट्टी से किया जाता है ताकि पानी को ज्यादा देर तक ठंडा रखा जा सके
क्या हैं मटके के पानी के फायदे :- गर्मी के मौसम में मटके और सुराहियों के पानी पीने के बहुत फायदे हैं ख़ास बात तो यह है कि यह पानी नेचुरल ठंडा होता है साथ ही कभी भी शरीर को नुक्सान नहीं पहुचाता तेज़ धूप में घूमने के बाद यदि फ्रिज का ठंडा पानी पी लिया जाये तो यह बेहद नुक्सान करता है वहीं मटके का ठंडा पानी तन - मन को शीतलता प्रदान करता है साथ ही इस परम्परागत तरीके को इस्तेमाल करके बिजाली की बचत भी हो जाती है

March 18, 2009

मध्यप्रदेश : लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की तीसरी सूची जारी - तीन सीटों पर अभी कोई फैसला नहीं |

<><><>(कमल सोनी)<><><> भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने मंगलवार को मध्यप्रदेश में आगामी लोकसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी कर दी है भाजपा ने तीसरी सूची में कुल ६ उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं इस सूची को मिलाकर मध्यप्रदेश की कुल २९ संसदीय सीटों में से २६ सीटों पर उम्मीदवारों घोषित कर दिए हैं जबकि तीन सीटों छिन्दवाडा, खजुराहो और सीधी सीट पर अभी भी असमंजस बरकरार है खबरों के मुताबिक इन तीनो सीटों पर उम्मीदवार चुनने का फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह करेंगे खबरों में तो यह भी है तीन सीटें भाजश की वजह से रोकी गई हैं
गौरतलब है कि कभी भाजपा नेता लालकृष्ण आडवानी पर पक्षपात पूर्ण रवैये का आरोप लगाकर भाजपा से अलग हुई उमा भारती ने प्रधानमंत्री पद के लिए आडवानी की उम्मीदवारी का खुले तौर पर समर्थन किया है और अपने इस आशय का पत्र भी उन्होंने ने एल के. आडवानी को लिखा है समझा जा रहा है कि भाजश नेत्री उमाभारती के बीजेपी के प्रति नरम रवैये के मद्देनज़र बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति ने पध्याप्रदेश की तीन सीटों को पेंडिंग में दाल दिया है
दूसरी और वर्त्तमान में मध्यप्रदेश विधान सभा में मंत्री पद संभाल रहे नेताओं में से तीन मंत्रियों गौरीशंकर बिसेन, राजेंद्र शुक्ल तथा रंजना बघेल को लोकसभा चुनाव मैदान में उतारने का विचार चुनाव समिति कर रही थी लेकिन कोई भी लोकसभा चुनाव मैदान में उतरने के लिए तैयार नहीं था पार्टी ने इन मंत्रियों की बात मानते हुए उन्हें इस शर्त पर चुनाव मैदान में नहीं उतारा कि पार्टी उनकी जगह जिसे उम्मीदवार घोषित करेगे उस उम्मीदवार को जितने का जिम्मा उनका ही होगा



कौन कौन कहाँ से ? :-

BETUL - JYOTI DHURVE
BALAGHAT - K.D.DESHMUKH
REWA - CHANDRAMANI TRIPATHI
MANSAUR - LAKSHMI NARAYAN PANDE
DHAR - MUKAM SINH KIRADE
SHAHDOLE - NARENDRA MARAVI
MURENA - NARENDRA SINH TOMER
BHIND - ASHOK ARGAL
GWALIOR - YASHODHRA RAJE
GUNA - NAROTTAM MISHRA
SAGAR - BHUPENDRA SINGH
TIKAMGARH - VIRENDRA KUMAR KHATIK
DAMOH - SHIVRAJ SINGH LODHI
SATNA - GANESH SINGH
JABALPUR - RAKESH SINGH
MANDLA - FAGGAN SINGH KULASTE
HOSHANGABAD - RAMPAL SINGH
VIDISHA - SUSHMA SWARAJ
BHOPAL - KAILASH JOSHI
RAJGARH - LAKSHMAN SINGH
DEWAS - THAWAR CHAND GAHLOT
UJJAIN - SATYANARAYAN JATIYA
INDORE - SUMITRA MAHAJAN
KHANDWA - NAND KUMAR SINGH CHAUHAN
RATLAM - DILIP SINGH BHURIA
KHARGONE - MAKHAN SINGH

March 17, 2009

लोकसभा चुनाव 2009 : सट्टा बाज़ार की सरगर्मी बढीं


<><><>(कमल सोनी)<><><> देश में १५ लोकसभा के लिए होने वाले चुनाव की तारीखें घोषित हो चुकी हैं उसके बाद से ही सट्टा बाज़ार की सरगर्मियां भी बढ़ गई हैं देश, प्रदेश और क्षेत्रीय स्तर के राजनितिक समीकरण पर सट्टे लगने लगे हैं खबरों के मुताबिक सभी संभावित समीकरणों पर अब तक करीब 1200 करोड़ रुपए का सट्टा लग चुका है। किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी और यूपीए व एनडीए गठबंधन में से कौन बनाएगा सरकार। कौन बनेगा प्रधानमंत्री सत्ता की चाबी किस दल के हाथों में होगी कौन सा दल किस गठबंधन को बाहर से समर्थन देगा क्या होगा सीटों का बंटवारा इन सभी के रेट तय हो गए हैं और उनमें लगातार उतार चढाव भी जारी है ख़ास बात तो यह है कि सट्टे बाजों ने मान लिया है कि बसपा और थर्ड फ्रंट चुनाव परिणाम आने के बाद यूपीए को समर्थन देगा। खबरों में यह है कि अब तक 1200 करोड़ रुपए का सट्टा लोकसभा चुनाव के संभावित परिणाम पर लग चुका था। माना तो यह भी जा रहा है कि 16 मई को मतगणना के दिन तक यह रकम बढ़ कर 14 हजार करोड़ तक पहुंच जाएगी। हलाकि प्रधानमंत्री पद के लिए सट्टेबाजों ने भाव नहीं खोले हैं।
किसके कितने भावः :- १५ लोकसभा के लिए कुल 543 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं यह चुनाव देश भर में पांच चरणों में सम्पान होंगे यूपीए और एनडीए गठबंधन में से कौन सत्ता में आयेगा । इसका भाव हाल ही में सट्टेबाजों ने खोला था। सट्टेबाजों ने शुरुआत में ही यूपीए गठबंधन का 72 पैसे का भाव खोला था, जो घटाकर को 64 पैसे हो गया। दूसरी और एनडीए का भाव 1 रुपए 60 पैसे खुला था, जो अब घटाकर 1 रुपए 50 पैसे हो गया है।
सट्टेबाजों का अनुमान :- १५ लोकसभा के लिए कुल 543 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं आम चुनाव में सटोरियों की अनुमान है कि कांग्रेस 150-152 सीटें जीत सकती है। दूसरी और भाजपा 125-140 और मायावती की पार्टी बसपा 35-40 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है।

March 8, 2009

खुशखबरी : कमला नेहरू प्राणि उद्यान इंदौर में सफ़ेद बाघिन सीता ने तीन शावकों को जन्म दिया |


<><><>(कमल सोनी)<><><> वन्य प्राणियों और उनके संरक्षण के प्रति जागरुक और रुची रखने वालों के लिए यह खबर दिल को सोकूं देने वाली है जब मुझे यह खबर मिली तो मुझे भी बेहद हर्ष हुआ मध्यप्रदेश के इंदौर में पहली बार कमला नेहरू प्राणि उद्यान में एक सफेद बाघिन ने तीन शावकों को जन्म देकर वन्य प्रेमियों में खुशी की लहर फैला दी है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सफेद बाघिन सीता ने कल रात तीन शावकों को जन्म दिया। लगातार विलुप्त होती वन्यप्राणियों की संख्या तथा तेज़ी से घटती सफ़ेद बाघों की संख्या के बीच इस खबर से कमला नेहरू प्राणी उद्यान इंदौर में खुशी की लहर दौड़ गई सीता को पिछले वर्ष मई में औरगांबाद से यहां लाया गया था। तीनों शावक स्वस्थ हैं। जानकारी मिली है की इंदौर के प्राणी उद्यान में करीब 14 वर्षा बाद शावकों ने जन्म लिया है। उन्होंने बताया कि सफेद बाघों की यह प्रजाति विलुप्ति होने की कगार पर हैं और ऐसे में तीन सफेद बाघों का जन्म लेना हर्ष की बात है। ऐसा मध्य प्रदेश में पहली बार हुआ है। इससे पूर्व भी बाघों की घटती संख्या पर लगाम कसने वन विहार भोपाल और पन्ना टाइगर रिसर्व काफी समय से प्रयासरत हैं इसी तारतम्य में वन विहार भोपाल में वन्यप्राणियों के संरक्षण तथा उनके प्रति आमजनमानस में रुची लाने के उद्देश्य से "वन्य प्राणी एडाप्शन योजना" चलाई गई है यह योजना भी खासी लोकप्रिय होती रही है दूसरी और पन्ना टाइगर रिसर्व भी घटते बाघों के लेकर चिंतित है जिसके लिए पन्ना में एक मात्र बाघिन के लिए दुल्हन ली गई है शेर के लिए नै दुल्हन शेरनी को बांधवगढ राष्ट्रीय उद्यान से पन्ना नेशनल पार्क टाईगर रिजर्व में लाया गया है ताकि बाघों की संख्या में इजाफा हो सके इसके अलावा पन्ना में एक और बाघिन लाने की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं दूसरी बाघिन कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से लाइ जायेगी बहरहाल वन्य प्राणियों की निरंतर घटती संख्या के मद्देनज़र यह खबर बेहद खुश करने वाली तो है ही लेकिन वन्य प्राणियों को संरक्शान दिया जाना बेहद आवश्य है साथ ही उनके अवैध शिकार पर भी रोकथाम लगाने की आवश्यकता है

March 2, 2009

शाही होगा इस बार का लोकसभा चुनाव - १० हज़ार करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान

<><><>(कमल सोनी)<><><> एक और पूरी दुनिया आर्थिक संकट से जूझ रही है तो दूसरी और आगामी लोकसभा चुनाव में सभी पार्टियां दिल खोलकर खर्चे करेंगी इस बार के चुनाव अमेरिकी चुनावों से भी महंगे होंगे चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखों की भी घोषणा कर दी है इस बार आम सत्ता का महाकुम्भ पांच चरणों में संपन्न होगा चुनाव की घोषणा होते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है
देश पर छाए आर्थिक संकट के बावजूद विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा लोकसभा चुनावों के दौरान पानी की तरह पैसा बहाए जाने के आसार हैं। सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) द्वारा कराए गए सर्वे के मुताबिक अप्रैल-मई में प्रस्तावित आम चुनावों का कुल खर्च करीब दस हजार करोड़ रुपए आ सकता है। और यह तो सिर्फ लोकसभा चुनाव का ही खर्चा है लोकसभा चुनाव के साथ कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव भी संपन्न होंगे उनका व्यय अलग होगा यह राशि अमेरिका के अब तक के सबसे महंगे बताए जा रहे इस बार के राष्ट्रपति चुनावों में उम्मीदवारों द्वारा किए गए 1.8 अरब डॉलर (करीब 8000 करोड़ रुपए) के खर्च से भी कहीं ज्यादा है। खास बात तो यह है अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में इतना खर्च लगभग एक साल में किया गया लेकिन देश में होने वाले लोकसभा चुनाव में १०हज़ार करोड़ से अधिक राशिः मात्र दो से ढाई माह में ही खर्च कर दी जायेगी अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में 4000 करोड़ रु बराक ओबामा ने किये थे वहीं 1200 करोड़ रु हिलेरी क्लिंटन ने खर्च किये थे और 2000 करोड़ रु जॉन मेक्केन ने व्यय किये थे इसके अलावा 800 करोड़ रु अन्य खर्चे हुए थे
दोगुना से ज्यादा महंगे चुनाव :- वर्ष 2004 में भारत में 14 वीं लोकसभा के लिए हुए पिछले आम चुनाव में कुल 4500 करोड़ रु व्यय हुए थे और इस बार यह राशिः बढ़कर 10 हज़ार करोड़ रु होने का अनुमान है ‘वोट के बदले नोट’ का खेल :- सर्वे में जारी रिपोर्ट के मुताबिक दस हजार करोड़ रुपए का एक चौथाई हिस्सा यानि करीब 2500 करोड़ रुपए उम्मीदवारों द्वारा अनाधिकृत तरीके से वोटरों को दिए जाने के आसार हैं। कर्नाटक व आंध्रप्रदेश में बड़े पैमाने पर वोटों की खरीद-फरोख्त हो सकती है।
कौन करेगा कितना खर्च :-
चुनाव आयोग : 1300 करोड़ रु.
केंद्रीय व राज्य एजेंसियां : 700 करोड़ रु.
पार्टी फंड : 1650 करोड़ रु. जिनमें क्षेत्रीय दलों के उम्मीदवार : 1000 करोड़ रुपए खर्च करेंगे।
केंद्रीय स्तर के उम्मीदवार : 4350 करोड़ रु.
मतदाताओं को लुभाने : 2500 करोड़ का खर्च होगा
कब कब हुआ कितना खर्च :-
वर्ष 1991 आम चुनाव :- 1700 करोड़ रु
वर्ष 1996 आम चुनाव :- 2200 करोड़ रु
वर्ष 1998 आम चुनाव :- 3200 करोड़ रु
वर्ष 2004 आम चुनाव :- 4500 करोड़ रु

लोकसभा के महा-कुम्भ की घोषणा - आचार संहिता लागू

<><><>(कमल सोनी)<><><> चुनाव आयोग ने 15 लोकसभा के महा-कुम्भ की घोषणा कर दी है इसके साथ ही चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है 15 लोकसभा के महा-कुम्भ पांच चरणों में संपन्न होगा घोषणा होते ही आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। 15 लोकसभा के महाकुम्भ में चुनाव आयोग ने वोटिंग के लिए फोटो पहचान पत्र ज़रूरी होगा इसके लिए आयोग ने सख्त रवैया अपनाने के निर्देश जारी किये हैं साथ ही देश भर में 8,28,000 पोलिंग बूथ बनाए जायेंगे पांच चरणों में होने वाले इन चुनावों के लिए 11 लाख इलेक्ट्रौनिक वोटिंग मशीनों की आवश्यकता होगी चुनाव आयोग ने कहा है कि किसी भी आकस्मिक स्थिति की आशंका के मद्देनज़र 13.66 लाख इलेक्ट्रौनिक वोटिंग मशीनों की व्यवस्था की गई है चुनाव में देश भर से 71 करोड़ से ज़्यादा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे और दो जून से पहले सरकार का गठन कर लिया जाएगा। इन चुनावों के दौरान 99 सीटों पर परिसीमन का असर दिखेगा। 84 सीटें सुरक्षित हैं।
पांच चरणों में होगा महाकुम्भ :-
>>>>> 16 अप्रैल को चुनावों का पहला चरण होगा। इस चरण में 124 सीटों के लिए वोटिंग कराई जाएगी।
>>>>> चुनावों का दूसरा चरण 23 अप्रैल को होगा। इसके तहत 141 सीटों पर मतदान होगा।
>>>>> 30 अप्रैल को होने वाले तीसरे चरण के मतदान में 107 सीटों पर उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा।
>>>>> मतदान का चौथा चरण सात मई को होगा जिसमें 85 सीटों पर मतदान कराये जायेंगे
>>>>> पांचवां चरण 13 मई को होगा। इनमें 86 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।
>>>>> वोटों की गिनती 16 मई को होगी।
>>>>> 2 जून के पहले लोकसभा का गठन हो जायेगा
कहाँ कितने चरणों में होंगे मतदान :-
>>>>> उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सभी पांच चरणों में मतदान होगा जबकि बिहार में चार चरणों में चुनाव कराए जाएंगे।
>>>>> महाराष्ट्र तथा प. बंगाल में तीन चरणों में चुनाव होंगे।
>>>>> अरूणाचल प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश तथा पंजाब में दो चरणों में ये महाकुम्भ संपन्न होगा
>>>>> इन लोकसभा चुनावों के साथ ही अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और उड़ीसा में विधानसभा चुनाव भी कराए जाएंगे।
>>>>> इसके अलावा बाकी के राज्यों में एक चरण में चुनाव संपन्न होंगे
इससे पहले, आम चुनावों के कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए चुनाव आयोग की बैठक हुई। निर्वाचन सदन में हुई इस बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त एन गोपालस्वामी, दोनों आयुक्त नवीन चावला और एसवाई कुरैशी तथा आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।