December 31, 2008

नए साल 2009 का स्वागत हो नए संकल्पों के साथ

सभी ब्लॉगर साथियों को नए वर्ष २००९ की शुभकामनाएं
<><><>(कमल सोनी)<><><> वक़्त बीतते पता नहीं चलता. कभी-कभी लगता है कि बस चंद माह पहले की ही बात है कि लोग तहे दिल से वर्ष 2008 का स्वागत कर रहे थे. और आज उसी साल के अलविदा कह रहे हैं वक्त कभी रुकता नहीं यह तो निरंतर आगे ही बढ़ता रहता है साल दर साल हम नए साल का स्वागत करते हैं सभी के दिल में नए साल के स्वागत के लिए उमंगें रहती हैं सभी नए साल का जश्न नए तरीकों से मनाना चाहते हैं युवा पीढी में खासकर नए साल ने जश्न के लिए खासा उत्साह देखने को मिलता है कोई पार्टियों में जाता है कोई पिकनिक में कोई सिर्फ अपने परिवार के साथ खुशियाँ मनाता है वर्ष २००८ तो बीत गया कह गया हमेशा के लिए अलविदा और छोड़ गया ढेर सारी अच्छी और बुरी यादें आज नया साल २००९ आपके दरवाज़े पर दस्तक दे रहा है नए साल के स्वागत में कहीं भी जाएँ और खुशियाँ बांटे लेकिन आने वाले साल के हर दिन को उर्जावान, और खुशियों भरा बनाने के लिए कुछ संकल्प भी लें क्योंकि वास्तविकता तो यह है आज के दिन सभी एक दूसरे को मिलेंगे, खुशियाँ बाटेंगे, बधाई और एस.एम्.एस. का दौर रहेगा, पार्टियों में डांस और मस्ती भी रहेगी और उसके बाद हमारी आपकी दिनचर्या फिर वही हो जायेगी इसीलए आने वाले साल को और बेहतर बनाने के लिए आज कुछ संकल्प ले
समय की कीमत करें :- हर वर्ष आप एक नई क्लास में जाते हैं, नई-नई चीजें सीखते हैं और नए-नए दोस्त भी बनाते हैं। लेकिन यह आप खुद महसूस करते होंगे कि जैसे-जैसे साल गुजरता जाता है, वैसे-वैसे आप फिर से पुराने रुटीन-वर्क पर लौटने लगते हैं। और फिर से एक नया साल आपके सामने होता है। लेकिन इस बार ज़रा सोचिये की पिछली बार आपने जो लक्ष्य निर्धारित किये थे उन्हें पाने में आप कहाँ तक सफल हुए कितना समय आपका बर्बाद हुआ
संवेदनशील और परोपकारी बने :- हमें अपने देश, समाज, और प्रकृति के प्रति संवेदनशील रवैया अपना चाहिए ज़रा किसी की मदद करके तो देखिये कितनी खुशी मिलती है आप अपने देश, समाज, परिवार और प्रकृति के प्रति जितने ज़्यादा संवेदन शील रहेंगे उतना ही आपमें सदगुणों का विकास होगा
नियमित दिनचर्या बनायें :- यदि आपकी दिनचर्या अनियमित है तो यह आपके विकास में सबसे बड़ी बाधक है अपने २४ घंटे के कार्यों का मूल्यांकन करें आप स्वयं उसे बेहतर तरीके से नियमित कर सकते है ऐसा करके आप अपना कीमती समय भी बचा सकते है नियमित दिनचर्या जीवन को संतुलित बनाती है और एक संतुलित जीवन ही प्रगति की राह पर हमेशा आगे बढ़ता है
मन में हीन भावना या अभिमान न पनपने दें :- अक्सर कर देखा जाता है कि कुछ लोगों में अपनी किसी कमी के कारण स्वयं के प्रति हीन भावना पनपने लगती है दूसरा अपनी किसी खूबी के चलते मन में अभिमान आ जाता है ये दोनों ही विकास में बाधक हैं अपनी किसी कमी को अपनी कमजोरी न बनने दे सकारात्मक रवैया अपनाते हुए ये सोचें कि आपके पास क्या है ये न सोचे कि आपके पास क्या नहीं है और यदि आप अपनी किसी खूबी का अभिमान करते है तो ये याद रखें कि दुनिया में कोई सर्वश्रेष्ठ नहीं होता यदि आपमें कुछ बेहतर है तो उसका सदुपयोग करें
स्वास्थ्य पर ध्यान दें :- जिंदगी में स्वास्थ्य का बहुत महत्व है अच्छा स्वास्थ्य रहने से मन में कोई विकार भी नहीं आता अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन अपना सही खानपान करें और प्रतिदिन आधा घंटा व्यायाम करें व्यायाम न सिर्फ आपको तरोताजा रखता है बल्कि आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करता है समय पर नींद लेना भी बेहद आवश्यक है
नया साल आया है नई खुशियाँ लाया है नई उम्मीदें है खुद से देश से लेकिन जीवन की छोटी छोटी बातें हमारे जीवन में बड़े महत्व रखती है अपने जीवन को बेहतर बनाने कुछ नए संकल्प लें और नया साल मनाये

December 30, 2008

डाकिया लाइसेंस लाया |

<><><>(कमल सोनी)<><><> क्या आपको अपना लाइसेंस बनवाना है ? तो अब चिंता करने की कोई बात नहीं अब आपको लाइसेंस बनवाने के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे जी हाँ परिवहन विभाग अब आपका लाइसेंस आपके घर तक पहुँचने की व्यवस्था कर रहा है लाइसेंस अब पासपोर्ट पैटर्न पर बनेंगे अधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परिवहन विभाग और डाक विभाग के बीच एक एम्ओयूं साइन होगा जिसके बाद जल्द ही यह सुविधा पूरे प्रदेश में लागू हो जायेगी सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश शासन ने भी इसकी अनुमति दे दी है आगामी १५ दिनों में दोनों विभागों में समझौता होने की संभावना है साथ ही परिवहन विभाग वाहनों के पंजीयन और लाइसेंस के लिए दर्ज किये गए पते का सत्यापन भी डाकिये से ही कराएगा दोनों विभागों में होने वाले अनुबंध के बाद पूरे प्रदेश के जिलों के परिवहन कार्यालाओं के सत्यापन का काम भी डाक विभाग द्वारा संभाल लिया जायेगा इसके लिए परिवहन विभाग को डाक सबंधी खर्चे ही डाक विभाग को देने पड़ेंगे हलाकि उम्मीद की जा रही है कि इस नई व्यवस्था से दलाओं और लाइसेंस में हो रहे फर्जीवाडे में कुछ हद तक अंकुश लग सकेगा खबर to यह भी है कि आधिकारिक स्तर पर सभी चर्चाएँ पूर्ण हो चुकी हैं अब सिर्फ एम्ओयूं साइन करने की औपचारिकताएं ही बाकी हैं
कैसे होगा काम :- प्रदेश भर के जिलों में स्थापित परिवहन विभाग के कार्यालय में एक विशेष खिड़की खोलकर उसमें डाक विभाग के एक कर्मचारी को तैनात किया जायेगा आर.टी.ओ. कार्यालय से रोजाना डाक और सत्यापन के दस्तावेज़ डाकिये को संग्रहित करने होंगे साथ ही प्रतिदिन की सत्यापन रिपोर्ट आर.टी.ओ. कार्यालय में जमा करानी होगी साथ ही परिवहन विभाग और डाक विभाग की वेबसाईट पर भी इसकी सम्पूर्ण जानकारी फीड की जायेगी जिससे पता चल सकेगा कि लाइसेंस कहाँ और किस स्थिति में है
क्या कारण है समझौते के पीछे :- दिनों दिन डाक विभाग के हाथो से काम निकल कर निजी कोरोयर कंपनी के हाथो में जा रहा था साथ ही दूर दराज़ के क्षेत्र तक भी डाक विभाग के पहुँच है जहां कोरियर एजेंट नहीं जाते बहरहाल डाक विभाग और परिवहन विभाग के इस समझौते से उम्मीद की जा रही है कि दलाओ और बिचौलियों पर कुछ हद तक अंकुश लग सकेगा हलाकि शासकीय विभागों में व्याप्त अफसरशाही और भ्रष्टाचार इस नई पहल में कितनी बाधा पहुंचायेगा यह देखना होगा लेकिन इस नए समझौते से लाइसेंस बनवाने वालों और वाहनों के पंजीयन करने वालों को थोड़ी राहत ज़रूर मिलेगी

December 27, 2008

तीस दिन का अल्टीमेटम खत्म - प्रधानमंत्री की सैन्य प्रमुखों के साथ बैठक

<><><>(कमल सोनी)<><><> २६ दिसम्बर को हुए मुंबई में चरम पंथी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को तीस दिनों के भीतर कार्यवाही करने का अल्टीमेटम दिया था हलाकि इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम उठाना तो छोड़ उलटा पाकिस्तान बयानबाजी में उलझा रहा जबकि उस पर चौतरफा दबाव है मुंबई हमले में की साजिश रचने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने का अल्टीमेटम शुक्रवार २६ दिसम्बर को ख़त्म हो गया
तनाव भरा रहा पूरा दिन :- ३० दिनों का अल्टीमेटम ख़त्म होने के बाद पूरा दिन तनाव भरा रहा इस बीच सरहद पर भी हलचल देखी गई भारत और पाक दोनों ने सीमाओं पर अपने अपने सैनिकों की तैनाती बढा दी है पाकिस्तान ने अफगान सीमा पर तैनात अपने सेना के जवानो को भारत पाक सीमा पर भेजना शुरू कर दिया है साथ ही शास्त्र बल के जावानों की सभी छुट्टियां भी रद्द कर दीं हैं दूसरी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी ने भी अपने सभी विदेशी दौरे रद्द कर दिए भारत में भी सेनाओं की छुटियाँ रद्द होने के साथ ही उन्हें सैन्य साजो सामान के साथ सीमा की और रवाना कर दिया गया है साथ ही भारतीय सीमा पर मौजूद आउट पोस्टों की दूरी कम करने के लिए बी.एस.ऍफ़. ने नए पोस्ट बनाना शुरू कर दिया गया है तथा इनके बीच गश्त बढाकर सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता कर दी गई है
एटमी युद्ध संभव :- अमेरिकी खुफिया एजेंसी सी.आई.ऐ. ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होने की संभावनाएं बताई हैं सी.आई.ऐ.का कहना है कि जम्मू कश्मीर में हलचल बढ़ने से भारत को मजबूरन पाकिस्तान पर हमला करना पड़ सकता है
पहले इस्तेमाल नहीं करेंगे एटामिक हथियार :- इस बीच पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी और पाकिस्तानी रक्षा मंत्री चौधरी अहमद मुख्तार ने अपने बयान में कहा कि युद्ध की स्थिती में पाकिस्तान पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा
प्रधानमंत्री ने ली सेना प्रमुखों की बैठक :- भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सेना प्रमुखों की बैठक ली जिसमें बढ़ते तनाव के मद्देनज़र देश की सुरक्षा स्थिती और भारतीय सेना की तैयारियों की समीक्षा की सेना प्रमुखों ने प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया कि भारतीय सेना पाकिस्तान के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है इसी बीच सुरक्षा के दृष्टिकोण से भारतीयों को पकिस्तान न जाने की सलाह दी गई है बैठक में सीमा पर पाकिस्तान गतिविधियों से पैद्द स्थिती की भी समीक्षा की गई
पाकिस्तान के प्रयास नाकाफी :- अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री रिचर्ड वाउचर ने कहा कि मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ दबाव में जो कदम उठाये है वे नाकाफी हैं इस दिशा में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपनी ज़मीन पर आतंकी तत्वों की सफाई के लिए फ़ौरन कदम उठाया चाहिए

December 17, 2008

सरहद पर हलचल - हालात हुए गंभीर

<><><>(कमल सोनी)<><><> मुंबई हमलों के बाद भारत ने पाकिस्तान को आतंकियों और आतंकी शिविरों के ख़िलाफ़ कार्यवाही कराने के लिए ३० दिनों का समय दिया था २६ नवम्बर को हुए हमलों के बाद अज पूरे २९ दिन हो गए है इन २९ दिनों में पाकिस्तान जो भी कार्यवाही की वो कितनी संतोषजनक है यह तो सभी जानते है लेकिन भारत और पकिस्तान दोनों ही देशों की तरफ़ से सीमा पर सेनाओं की हलचल बढ़ गई हैं साथ ही बढ़ा है आरोप - प्रत्यारोप और चुनौतियों का दौर निश्चित रूप से युद्ध आतंकवाद का हल नहीं है लेकिन पकिस्तान ने जिस तरह से युद्ध का हुआ बनाया उससे उसकी ध्यान बांटने की एक कूटनीति ज़रूर कहा जा सकता है हालाकि युद्ध से कितना नुकसान पाकिस्तान को हो सकता है अपने अड़ियल रवैये से वह इसका आंकलन भी नही कर पा रहा यदि युद्ध होता है तो अपेक्षाकृत भारत के पाकिस्तान को ज़्यादा नुक्सान हो सकता है वैश्विक मंदी के इस दौर में भारत की अपेक्षा पाकिस्तान पर आर्थिक संकट के बादल गहराने का खतरा मंडराने लगेगा और तो और उसे राजनीतिक नुकसान भे हो सकते हैं
मुंबई हमलों के २९ दिनों के बाद स्वयं सीमा सुरक्षा बल के अतिरिक्त महानिदेशक यूके बंसल ने स्वीकार किया है कि राजस्थान से लगती पाकिस्तान सीमा में पाक सेना की हलचल बढ़ी हैं पिछले दिनों पाक वायु सेना के अभ्यास की भी खबरें आई थी दूसरी और भारतीय वायुसेना ने भी अभ्यास किया बंसल ने बुधवार को पाकिस्तान से लगती राजस्थान सीमा में सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लेकर सीमा सुरक्षा बल अधिकारियों से सुरक्षा व्यवस्था पर विचार विमर्श किया। बंसल ने सीमा सुरक्षा बल की अग्रिम चौकियों का भी निरीक्षण किया और जवानों से मिले। सीमा सुरक्षा बल सूत्रों ने भाषा से बातचीत करते हुए कहा कि यह सही है कि सीमा पार आम दिनों के मुकाबले रेंजर्स और सेना का जो मूवमेंट होता है उसमें थोड़ी बढ़ोत्तरी हुई है।
भारतीय वायुसेना के आक्रमण से डरता है पाकिस्तान - बोरबोरा :- उधर भारतीय वायुसेना की पश्चिमी कमान के प्रमुख एअर मार्शल पीके बोरबोरा ने कहा कि पाकिस्तान पर भारतीय वायुसेना के आक्रमण से डरता है यही कारण है कि वह युद्ध से कतराता है। हालांकि थलसेना के मामले में उसे भारत से कुछ हद तक समानता हासिल है।’ उन्होंने भारतीय वायुसेना की तैयारियों के बारे में बताते हुए कहा कि हमने पांच हजार संभावित लक्ष्यों की पहचान कर हमले की योजना बना ली गई है। बोरबोरा ने दावा करते हुए कहा, ‘हम पाक पर चार से छह घंटे के नोटिस पर भी हमला कर सकते हैं

प्रभु ईशु का जन्मोत्सव क्रिसमस आस्था और उल्लास के साथ मनाने के लिए सभी तैयारियां पूरी

<><><><>( कमल सोनी )<><><><> क्रिसमस और नव वर्ष के आगमन पर बाजारों की रौनक लौट आई है बाजारों में कपडे, ग्रीटिंग, और उपहारों की दुकाने सज गई है अपने अपने तरीकों से शुभकामनाएं देने के लिए बाज़ारों में उपहारों की तलाश में भी लोग दुकानों पर पहुंचने लगे हैं हलाकि नव वर्ष से पूर्व क्रिसमस के तैयारियों में जुटे ग्राहकों की संख्या ज़्यादा है व्यापारी वर्ग भी इस बार अच्छे कारोबार की उम्मीद कर रहे हैं बाज़ार में क्रिसमस ट्री, और संता क्लाज़ की डिमांड ज़्यादा है साथ ही स्वीट्स और बेकरी में भी ग्राहकों का हुजूम देखा जा सकता है
इस बार बाज़ार में गिटार बजाते, बर्फीली वादियों में बैठे और नाचते गाते सान्ता क्लाज़ ग्राहकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं साथ ही ईसा मसीह और मदर मेरी के आकर्षक पुतले भी बाज़ार की रौनक में चार चाँद लगा रहे हैं क्रिसमस के शुभकामना सन्देश वाला ग्रीटिंग कार्ड लगा हुआ क्रिसमस ट्री भी ग्राहकों को लुभा रहा है सान्ता की ड्रेस टोपी, की खूब बिक्री हो रही है क्रिसमस के लिए शुभ सन्देश लिखी डाईरियाँ भी लोग उपहार स्वरुप देने के लिए पसंद कर रहे हैं
होंगी प्रार्थना सभाएँ : प्रभु ईशु का जन्मोत्सव आस्था और उल्लास के साथ मनाने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं चर्च और क्रिसमस ट्री सज धज कर तैयार हैं हर चर्च में चारनी (झोपडी) तैयार है कल सुबह से ही सामूहिक प्रार्थना सभाओं का आयोजन शुरू हो जायेगा मुंबई में हुए आतंकी हमलों के बाद क्रिसमस पर घटना के शिकार और शहीदों को श्रद्धांजली अर्पित की जायेगी कल रत १० बजे चर्चों में केरोल सिंगिंग प्रार्थना की जायेगी क्रिसमस पर केरोल सिंगिंग प्रार्थना, क्रिसमस ट्री, केंडल और संता क्लाज़ का विशेष महत्व है क्रिसमस पर पुअभु इशू का जन्मोत्सव मनाकर सभी एक दूसरे को केक और मिठाइयां बाँट कर शुभकामनाएं देते है
नन्हे मुन्ने बच्चों ने शांति दूत बनकर शांति का दिया सन्देश :- भोपाल में क्रिसमस से पूर्व नन्हे मुन्ने स्कूली बच्चों का प्रीती सेंटा फैशन शो का आयोजन किया गया जहां बच्चों ने संता क्लाज की ड्रेस पहनकर आतंकवादियों को शांति का सन्देश दिया है खुशियों और आनंद के पर्व क्रिसमस का इंतज़ार सभे को होता है लेकिन इस पर्व का सब्ससे ज़्यादा बेसब्री से इंतज़ार होता है बच्चों को मुबई आतंकी हमले में मारे गए लोगों और शहीदों को मोम्बत्ते जलाकर श्रद्धांजली दी और विश्व शांति की कामना की इन स्कूली बच्चों ने शांति दूत बनकर शांती का सन्देश दिया इस दौरान बच्चों के हाथों में बैनर थे जिस पर लिखा था "अब और माफी नहीं"

चौतरफा मंदी फ़िर भी भारत में रोज़गार के बढ़ते अवसर


23/दिसम्बर/2008/(कमल सोनी)>>>> जहाँ एक और आर्थिक मंदी के कारण पूरे विश्व में नौकरियों में कटौती की जा रही है वहीं भारत में रोज़गार के अवसर बढ़ रहे है देश में चाहे बैंकिन सेक्टर हो, बीम क्षेत्र हो, बी.पी.ओ. या फ़िर टेलीकाम जगत चाहे शासकीय नौकरी हर क्षेत्र में नौकरी की संभावनाएं बढ़ रही हैं हा क्षेत्र में उर्जावान, और टेलेंटेट युवाओं की मांग बढ़ रही है यहाँ आपको एक ख़ास बात बताना आवश्यक हो जाता है की रोज़गार ने नज़रिए से भारत दुनिया के तीन सबसे बेहतर देशों में शुमार है यही मुख्या कारण है की जहाँ दुनिया के दूसरे देशों में नौकरी में कटौती की जा रही है तो दूसरी और भारत में नै नौकरियों में भर्ती की जा रही है अब एक सवाल हम सभी के ज़हन में आता है की "आखिर भारत में ही इतनी भर्तियाँ क्यों?" जी हाँ पूरी दुनिया में नौकरियों में भारी मात्रा में कटौती की गई इसके उल्टे भारत में निजी और शासकिये दोनों ही तरफ़ से नै नौकरियों की भर्ती की घोषणा की गई
इसका मुख्य कारण है :- <*> कम लागत के कारण विदेशी कंपनियों के लिए बचत के स्त्रोत मौजूद हैं <*> भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास डर सात से आठ फीसदी का होना <*> कुशल, उर्जावान और कंपनी के प्रति समर्पित कर्मचारी <*> बाज़ार के धीमेपन का कंपनी के कामकाज पर ज्यादा असर नहीं होना <*> नए अवसरों की उपलब्धता
भारत की कई नामी और बड़ी कंपनियों ने ख़ुद छटनी की संभावना से इनकार करते हुए नै नौकरियां देने की घोषणा की है अनिल धीरुभाई अम्बानी ने छटनी की बातों को दरकिनार कर अगले कुछ माह में ९०००० नौकरियों के अवसर देने की घोषणा की है दूसरी और दूरसंचार क्षेत्र की कंपनी एल्काटेल ल्यूसेंट १००० नई भर्ती करने जा रही है इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक ने भी बड़े पैमाने पर भर्ती की घोषणा की है हाल ही में बैंकिंग सेक्टर के एक के बाद एक घोषणाये करने के बाद देश में युवाओं में उत्साह भर दिया है इसके बाद बीमा जगत का नंबर आता है
रोज़गार के दृष्टिकोण से भारत में बढ़ती संभावनाओं के चलते वे कंपनियाँ जो दुनिया के दूसरे देश में छटनी कर रही हैं वे ही भारत में अपनी कंपनियों में नई भर्ती कर रही हैं एक मैन पावर कंपनी के सर्वे के अनुसार लगभग १९ % कंपनियों को अगले वर्ष की पहली तिमाही में रोज़गार में बढोत्तरी की उम्मीद है
किस क्षेत्र में हैं रोज़गार की कितनी संभावनाएं :-


और लौट आई ताज और ओबेरॉय होटल की रौनक

(KAMAL SONI)>>>> २६ नवम्बर को हुए आतंकी हमले के बाद ताज और ओबेरॉय होटल की रौनक लौट आई है ताज और ओबेरॉय होटल अब पुनः मेहमानों की मेज़बानी के लिए तैयार हैं दोनों ही होटलों को रविवार को मेहमानों के लिए खोल दिया गया चरमपंथी हमलों के दौरान होटलों की इमारतों को व्यापक नुक़सान पहुँचा था दोनों ही होटलों में आतंकियों के हमलों में १८० लोग मारे गए थे जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल थे मुंबई में ताज और ओबेरॉय को निशाना बनाने वाले आतंकी देश की अर्थव्यवस्था को निशाना बनाना चाहते थे टाटा के प्रबंधन वाले ताज ने घोषणा की है कि भविष्य में चरमपंथी हमलों को रोकने के लिए उपाए किए जाएँगे. हालाँकि उपाए कैसे होंगे, इस पर प्रबंधन चुप्पी साधे हुए है. भारत ने पाकिस्तान स्थित चरमपंथी गुटों को इन हमलों के लिए ज़िम्मेदार ठहराया था.
धार्मिक अनुष्ठान :- होटल खुलने बाद दोनों ही होटलों में सर्वधर्म पूजा सभाएँ आयोजित की गई साथ ही धार्मिक अनुष्ठान संम्पन्न कराये गए होटल ताज में हुई पूजा में टाटा ग्रुप के चेयरमेन रतन टाटा भी शामिल हुए सर्व धर्म प्रार्थना सभा के बाद रतन टाटा ने कहा "यह एक नए युग की शुरुआत है इसने मुझे गर्व का एह्साह कराया है यह साबित हो गया है कि हम आहत हो सकते हैं लेकिन धराशाई नहीं इस होटल में लौटी रौनक की बहाली में उन लोगों को समर्पित करता हूँ जिन्होंने २६ नवम्बर के हादसे में अपनी जाने गंवाई
हमले का नामोनिशान तक मिटा दिया गया :- दोनों ही होटलों की साफ सफाई में हमले का हर नामोनिशान भी मिटा दिया गया है साथ ही होटल के साफ़ सफाई और मरम्मत का कम अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी से कराया गया है ताज होटल ने अपने एक हज़ार से अधिक प्रमुख ग्राहकों को इस शुभ मौके पर शानदार दावत के लिए आमंत्रित किया
ज़रुरत व्यापक और पुख्ता सुरक्षा की :- २६ नवम्बर को हुए आतंकी हमले के बाद ताज और ओबेरॉय होटल की रौनक अब पुनः लौट आई है लेकिन इन चरमपंथी हमलों ने महज़ इन होटलों को ही नहीं बल्कि पूरे देश की पांच सितारा और तीन सितारा होटलों, शोपिंग मॉल, थिएटर, रेलवे स्टेशन और ऐसे सभी स्थल जहां सार्वजनिक रूप से लोगों की मौजूदगी अधिक रहती है उन सभी स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने की एक सीख भी मिली है साथ ही पूरे देश को मिला है आतंकवाद के प्रति जागरूक होने कि और एहतियात बरतने की पूरे देश के होटल मालिकों को आज ज़रुरत है कि अपनी होटल की सुरक्षा व्यवस्था में कोई कमी न रहने दें और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने को हमेशा तैयार रहे ताकि फिर इन आतंकियों के नापाक इरादों को मुँहतोड़ जवाब दिया जा सके

शहादत पर सियासत - बेशर्म नेताओं की बेहूदा जुबान

( कमल सोनी )>>>> मुझे यह कहते हुए गर्व का एहसास होता है के में एक भारतीय हूँ लेकिन दुःख भी होता देश के नेताओं की बेहूदा पर मुंबई हमले के बाद हमारे देश के नेताओं ने जिस तरह से बयान दिए हैं उससे उनकी बेशर्मी और बेहूदगी का अहसास स्वतः ही हो जाता है सत्ता के गलियारे में बैठे इन नेताओं से तो देश की सुरक्षा व्यवस्था की दिशा में कोई काम नहीं किया जाता दूसरा एक जवान देश के नाम अपनी जान कुर्बान कर देता और उसकी शहादत पर गर्व करने के बजाय उस पर व्यंगात्मक टिप्पणी की जाती है या फिर उसकी मौत पर इन नेताओं द्वारा सवाल उठाये जाते हैं केंद्रीय मंत्री अब्दुर रहमान अंतुले ने मुंबई आतंकी हमलों में शहीद हेमंत करके के मौत पर सवालिया निशान लगाए थे जिसके बाद संसद समेत पूरे देश से उन्हें आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है अंतुले ने कहा था कि उनको नहीं पता कि मुंबई एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे आतंकवाद के शिकार हुए या किसी और बात के, जिसके बाद उन्हें प्रधान मंत्री को अपना इस्तीफा तक सौपना पड़ा हलाकि इसकी अभी आधिकारिक तौर पर पुश्टी नहीं हुई है दूसरी और उस शहीद मेजर के पिता की पीड़ा को कौन समझेगा जो उसने नेता को बाहर का रास्ता दिखाने को बाध्य हो गया स्तब्ध हो गया पूरा देश केरल के सीएम के बयान को सुनकर कि अगर संदीप उन्नीकृष्णन शहीद नहीं होते तो कोई कुता भी उनके दरवाजे नहीं आता । अपने इस बयान के बाद मुख्यमंत्री ने न सिर्फ अपने पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई बल्कि पूरे देश का अपमान किया ये वही हैं ना जो हर पाँच वर्ष में रंग बदलते हैं? ये वही झूठों के बादशाह हैं जो चुनाव के वक्त अपनी वादों की पिटारी खोल कर तमाशा दिखाने बैठ जाते हैं उस एक वोट के बदले में हमें मिलाती है बेरोजगारी, असुरक्षा, भ्रष्टाचार, अनीति खुद लालबत्ती और सुरक्षा के घेरे में रहने वाले इन नेताओं को पूरे देश की असुरक्षा का ज़रा भी एहसास नहीं है उनकी इस बयानबाजी से समझ नहीं आता कि किस मिट्टी के बने हैं जिन पर किसी भी गाली का असर तो होता नहीं उल्टे बेलगाम जुबान से समय, मौका और परिस्थितियों को ना समझते हुए ऐसी शर्मनाक बयानबाजी करते हैं। शहीद उन्नीकृष्णन के पिता ने तो सिर्फ घर घर में प्रवेश करने से रोका था अगर और कोई होता तो शायद वही सलूक करता जिसके वो लायक हैं देश के मासूम सपूत इस देश और देशवासियों की रक्षा के लिए कुर्बान हो गए और हमारे नेताओं के मुँह से ऐसी मिट्टी झर रही है। क्या बेहतर यह नहीं होता कि वे सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना करते हुए कहते कि मैं शहीद के पिता की पीड़ा समझ सकता हूँ और इस समय उनका गुस्सा जायज है। मैं उनके गुस्से का सम्मान करता हूँ । लेकिन वो कहावत है न "बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर, पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर" हर नेता चाहे वे किसी भी पार्टी के हों उन्हें एक बात को अच्छी तरह से समझ में आ जानी चाहिए कि आज वे सब सड़क पर खड़े हैं। उनके सारे भेद खुल चुके हैं। आज देश का बच्चा-बच्चा उनके नाम पर गालियाँ दे रहा है। और उन पर सौपी गई अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी पर अफ़सोस व्यक्त कर रहा है एक शहीद के लिए इतनी निम्न स्तर की भाषा का प्रयोग करना हमारे देश के संस्कारों में नहीं हैं अफ़सोस तो इस बात का भी है कि देश के नेता इतना भी नहीं जानते कि एक शहीद के परिवार की व्यथा को समझते हुए संवेदना प्रकट करने का तरीका क्या है तब तो उन्हें इसी तरह की भाषा में समझाना होगा, यही उनके स्तर की है । देश की जनता अब इन्हें सुधरने और सम्हलने का मौका भी नहीं देना चाहती । इनकी झूठी माफी को भी नामंजूर किया जाना चाहिए सारा देश इस समय संदीप उन्नीकृष्णन और शहीद हेमंत करकरे के परिजनों के दर्द को गहराई से महसूस कर रहा है। मुंबई में हुए हमलों के बाद सारा देश एक जुट है और आज गद्दी पर बैठे इन नेताओं को होश में आ जाना चाहिए कि अब कोई धोखा नहीं चलेगा कोई फरेब नहीं चलेगा कोई बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जायेगी अब वे देश की जनता को अपने झूठे वादे और बड़ी बड़ी घोषणाओं से गुमराह नहीं कर सकते यही समय है कि वे अपनी खोई हुई साख बचाने एकजुट होकर काम करें

बुश को मारे गए जूते की कीमत ४८ करोड़

18/दिसम्बर/2008/(kamal soni )>>>> बुश को मारे गई जूते की कीमत ४८ करोड़ हो गई है इराकी पत्रकार मुन्तज़र अल जैदी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपती जोर्ज बुश पर फेंका गया जूता बेहद ख़ास हो गया है यही नही कुछ दिनों पूर्व वेनेजुएला के साम्यवादी राष्ट्रपति ह्यूगो शावेज ने अमरीकी राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू बुश पर जूते फेंकने वाले इराकी पत्रकार के कारनामे को साहसिक करार दिया था हालाकि जूता मारने के बाद इराकी पत्रकार को इस गुस्ताखी की सज़ा भी मिली मुन्तज़र अल जैदी के भाई दरगाम अल जैदी ने अपने बयान में कहा है कि जूता फेंकने के बाद सुरक्षा गार्डों ने उसके साथ बुरा बर्ताव किया दरगाम ने कहा कि सुरक्षा गार्डों ने उसे बुरी तरह से पीटा जिससे उसकी बांह और पसलियाँ टूट गई हैं साठ ही उसकी आंखों और पैर में चोट भी आई है एक साउदी व्यक्ति मोहम्मद मखाफा ने बुश को मारे गए जूते के इस जोड़े की कीमत ४८ करोड़ रुपये लगाई है साथ ही उसने इसे खरीदने की मंशा भी जाहिर की है इस प्रकार से कहें तो बुश को मारा गया जूट दुनिया का सबसे महँगा जूता हो गया है ६० वर्षीया मखाफा ने अपने एक बयान में कहा है कि मेरे लिए यह सारी जायदाद से बढ़कर है बहरहाल मुन्तज़र के इस कदम को अरब देशों में काफी सराहना मिल रही है साथ ही यहाँ घटना साल की सबसे चर्चित घटनाओं में शुमार हो गई है ऑनलाइन वीडियो गेम भी हुआ शुरू :- जहाँ एक ओर बुश को मरा गया जूता दुनिया का सबसे ज़्यादा महँगा जूता भले बन गया हो लेकिन अब इस घटना पर वीडियो गेम भी बन गया है जिसमें एक खिलाड़ी बुश को दूसरे खिलाड़ी के जूते के वार से बचना है दूसरी ओर खबरें यह भी हैं कि एक अफगान कॉमेडी शो ने घटना को दिखने का फैसला किया है

चमत्कारिक प्रभाव ॐ के

17/दिसम्बर/2008/( कमल सोनी )>>>> भारतीय दर्शन यूँ तो पूरे विश्व में चर्चित है वहीं यह वैज्ञानिकों के लिए भी जिज्ञासाओं का विषय रहा है यही कारण है कि वैज्ञानिकों ने समय समय पर इस पर कई शोध भी किए आध्यात्म में ॐ का विशेष महत्व है वेद शास्त्रों में भी ॐ के कई चमत्कारिक प्रभावों क उल्लेख मिलता है आज के आधुनिक युग में वैज्ञानिकों ने भी शोध के मध्यम से ॐ के चमत्कारिक प्रभाव की पुष्टी की है पाश्चात्य देशों में भारतीय वेद पुराण और हजारों वर्ष पुराणी भारतीय संस्कृति और परम्परा काफी चर्चाओं और विचार विमर्श का केन्द्र रहे हैं दूसरी और वर्तमान की वैज्ञानिक उपलब्धियों का प्रेरणा स्त्रोत भारतीय शास्त्र और वेद ही रहे हैं हलाकि स्पष्ट रूप से इसे स्वीकार करने से भी विज्ञानी बचते रहे हैं ॐ को लेकर वैज्ञानिकों का प्रयोग काफी चर्चा में रहा है वैज्ञानिकों ने शोध में यह तथ्य पाया कि ॐ का जाप अलग अलग आवृत्तियों और ध्वनियों में दिल और दिमाग के रोगियों के लिए बेहद असर कारक है यहाँ एक बात बेहद गौर करने लायक यह है जब कोई मनुष्य ॐ का जाप करता है तो यह ध्वनि जुबां से न निकलकर पेट से निकलती है यही नही ॐ का उच्चारण पेट, सीने और मस्तिस्क में कम्पन पैदा करता है यह कम्पन शरीर की मृत कोशिकाओं को पुनर्जीवित कर देता है तथा नई कोशिकाओं का निर्माण करता है शोध में यह भी पाया गया कि ॐ का जाप मस्तिष्क से लेकर नाक, गला फेफडे के हिस्सों में तेज़ तरंगे प्रवाहित करता है यही नही आयुर्वेद में भी ॐ के जाप के चमत्कारिक प्रभावों का वर्णन है वैज्ञानिकों ने मस्तिस्क और दिल के विभिन्न रोगों से ग्रसित २५०० पुरूष और २०० महिलाओं को प्रयोग के लिए चुना इनमें उन लोगों को भी शामिल किया गया जो अपनी बीमारी के अन्तिम चरण में पहुँच चुके थे इन व्यक्तियों को रोजाना अलग अलग आवृत्तियों में ॐ का जाप कराया गया साथ ही उनके उपचार में प्रयोग लाइ जा रही दवाओं को बंद कर मातृ जीवन रक्षक दवाओं को ही देना जारी रखा गया साथ ही प्रत्येक तिमाही में इनका शारीरिक परिक्षण कराया गया इस तरह यह प्रयोग लगभग चार साल चला लेकिन चार साल में इसके चौकाने वाले परिणाम सामने आए लगभग ७० फीसदी पुरूष और ८५ फीसदी महिलाओं को इसमें ९० फीसदी राहत मिली इस तरह के कई प्रयोगों के बाद भारतीय आध्यात्मिक प्रतीक चिन्हों को के प्रति पश्चिम देशों के लोगों में भी खुलापन देखा गया ॐ हिंदू धर्म का प्रतीक चिन्ह ही नहीं बल्कि हिंदू परम्परा का सबसे पवित्र शब्द है प्रतिदिन ॐ का उच्चारण न सिर्फ़ ऊर्जा शक्ति का संचार करता है शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाकर कई असाध्य बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है

December 15, 2008

अब आसान हुआ सपनों का आशियाना बनाना

भोपाल 16/दिसम्बर/2008/(ITNN)>>>> अब सपनों का आशियाना बनाना और भी आसान हो गया है क्योंकि सरकारी बैंकों ने होम लोन पर ब्याज दरे घटा दी है सरकारी बैंकों ने निम्न आय वर्ग के आवासीय योजनाओं के प्रोत्साहन के लिए ब्याज दरे घटाई हैं दूसरी और निजी बैंकों ने भी होम लोन पर ब्याज दरों में कटौती के संकेत दिए हैं जिनमें एह.डी.ऍफ़.सी. और आई.सी.आई.सी.आई शामिल हैं देश के लडखडाते हाऊसिंग सेक्टर में जान फूंकने तथा मकानों के मांग बढाने के लिए सरकारी बैंकों ने यह कदम उठाया है ३० जून २००९ तक होम लोन सस्ते कर दिए गए हैं योजना का लाभ उठाने के लिए इस अवधी के भीतर क़र्ज़ प्राप्त करने की अनिवार्यता होगी साथ ही इस योजना के तहत लाभ लेने वाले ग्राहकों के लिए अगले पांच वर्ष तक यही दरे लागू रहेंगी सरकारी बैंकों ने निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए ५ लाख रु तक के होम लोन पर ब्याज दरे १०% से घटा कर ८.५% कर दीं हैं वहीं ५ लाख से २० लाख तक के मध्यम वर्ग के लिए लोन की दरे १०.२५% से घटाकर ९.२५% कर दीं हैं यह सुविधा सिर्फ नए ग्राहकों को होगी और उन्ही को होगी जो नया घर खरीद रहे हैं


क्या है अंतर नई और पुरानी दरों में :-


मध्यप्रदेश में "कौन बनेगा मंत्री" - तय करेगा हाई कमान

भोपाल 15/दिसम्बर/2008/(KAMAL SONI)>>>> मध्यप्रदेश में तेरहवीं विधानसभा के गठन की सरगर्मी बढ़ गई हैं चुनावों में ज़बरदस्त जीत के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दूसरी बार प्रदेश की सत्ता की बागडोर अपने हांथों में ले ली है और अब मंत्री मब्न्दल के गठन के लिए बैठकों का दौर चल रहा है इसी कड़ी में शिवराज सिंह मंत्री मंडल के गठन के लिए बैठकों के लंबे दौर चले भ्रष्टाचार के आरोपों से आहत बीजेपी ने पिछली सरकार के दागी मंत्रियों को पुनः मंत्री पद दिए जाने पर कई आशंकाएं व्याप्त हैं यही कारण है की बेदाग़ मंत्रीमंडल तैयार करने में बीजेपी और शिवराज सिंह को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है हालाकि पिछली सरकार के कई दागी मंत्रियों को पुनः मंत्रीमंडल में जगह मिल जाने की पूरे संभावनाएं बनती हैं इसका ज़िक्र इनसाईट टी.वी. ने अपने पिछले अंक में किया था लेकिन साथ ही पिछली सरकार के कई दागी मंत्रियों के विकाल्प तलाशने की कवायदें भी चल रहीं हैं इस दिशा में कई नामों पर विचार भी हुआ है लेकिन इसके साथ ही कौन बनेगा मंत्री के फैसला करवाने के लिए पार्टी संगठन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पार्टी हाई कमान के पक्ष में हैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंत्रीमंडल के संभावित मंत्रियों की सूची तैयार कर ली है और वे आज यह सूची लेकर दिल्ली रवाना हो गए हैं पहली चरण में २० मंत्रियों के नामों की घोषणा भी होने की संभावना है जोड़ तोड़ में जुटे कई मंत्री :- पीछली सरकार के कई मंत्री इस बार मंत्री पद प्राप्त करने के जोड़ तोड़ में जुटे हुए हैं और उन्होंने प्रदेश के दिग्गजों के साथ दिल्ली तक सेटिंग जमा रखी है दूसरी ओर केबिनेट में जगह पाने की जोड़ तोड़ में २३ सांसदों ने दिल्ली में डेरा दाल दिया है राजनीति के गलियारों में खबर तो यह भी है कि ये सांसद अपने सांसद पद से इस्तीफा देंगे बहरहाल पार्टी कोई भी हो गुटबाजी का शिकार होने की वजह से अब हर पार्टी अपनी आतंरिक विवादों का हल हाई कमान के निर्देशों के आधार पर खोजा जाने लगा है मुख्यमंत्री ने मंत्रियों की सूची तो तैयार कर ली लेकिन उन पर आख़िरी मुहर लगवाने अब वे दिल्ली गे हैं लेकिन मध्यप्रदेश बीजेपी के लिए यह एक सकारात्मक पहलू है कि तेरहवीं विधानसभा के गठन के लिए शिवराज मंत्रीमंडल के चुनाव में पार्टी हाई कमान की भागीदारी बड़ी है इससे न सिर्फ दागी मंत्रियों को सबक मिलेगा बल्कि नए मंत्रियों को पूरी निष्ठा के साथ प्रदेश के विकास के लिए काम करने का निर्देश भी मिलेगा