January 31, 2009

अब मुख्यमंत्री ने बुलाई अपने निवास पर "हाथ ठेला और रिक्शा श्रमिकों" की पंचायत


<><><>(कमल सोनी)<><><> पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान पंचायतों की माध्यम से आम जनमानस से रूबरू होकर उनकी समस्याओं को जानने और उन समस्याओं का निराकरण करने का करिश्मा दिखा चुके प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंचायतों की इस कड़ी में एक और अध्याय जोड़ दिया है और वह है "हाथ ठेला और रिक्शा चालकों की पंचायत" समाज के उच्च वर्ग के बारे में तो हमेशा से ही सोचा जाता रहा है लेकिन समाज के अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति की रोज़मर्रा की वे समस्यायें जो उसके विकास में बाधक हैं उनका निराकरण भी बेहद आवश्यक है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंचायतों का आयोजन कर वास्तव में उन लोगों की व्यथा सुनी है जो सरकार की योजनाओं की वास्तविक हकदार हैं
मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित इस पंचायत में पूरे प्रदेश से लगभग 2000 से अधिक हाथ ठेला और रिक्शा चालक शामिल हुए और उन्होंने अपनी मूलभूत समस्याओं से सरकार को अवगत कराया जिसके बाद प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह ने उनकी समस्याओं को आधार रख हाथ ठेला और रिक्शा चालकों के लिए कई घोषणाये की इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास पर आए हाथ ठेला चालकों और रिक्शा चालकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश को विक्सित बनाने के लिए सबसे पीछे रहने वाले गरीब और पसीना बहाने वाले का विकास सरकार की प्राथमिकता होगी उन्होंने कहा कि आप सभी जो सुझाव देंगे उस पर तत्काल कार्यवाही कर योजनाओं की घोषणा की जायेगी
ये थी समस्यायें और सुझाव ? :- पंचायत में शामिल हुए रिक्शा चालको और हाथ ठेला चालकों ने बच्चों की शिक्षा, स्वयं और परिवार का स्वास्थ्य, इज्ज़त और सम्मान मिले, कम ब्याज पर लोन मिले, बच्चों को छात्रवृत्ती मिले, रिक्शा चालकों और हाथ ठेला चालकों को पंजीयन कराया जाय और उन्हें परिचय पत्र दिया जाय, तथा श्रम क़ानून के अंतर्गत रखा जाय, स्वयं का रिक्शा खरीदने मदद मिले
क्या हुई घोषणाये ? :-
>>> शहरों और कस्बों में बनेंगे होकर्स जोन जहाँ रिक्शा चालक और हाथ ठेला चालक खड़े कर सकेंगे अपने वाहन
>>> सभी रिक्शा चालक और हाथ ठेला चालक के तीन माह में बनेंगे परिचय पत्र नगरिया निकाय करेगा पंजीयन
>>> रिक्शा खरीदने के लिए १५०० अनुदान और ८००० रु कम ब्याज पर बैंक से लोन मिलेगा हाथ ठेले के लिए भी उसी अनुपात में अनुदान और लोन मिलेगा
>>> रिक्शा चालक और हाथ ठेला चालक को भी मिलेगा मजदूर सुरक्षा योजना का लाभ
>>> कन्या के विवाह के लिए ६००० रु के सहायता
>>> बेहतर उपचार मिले इसके लिए दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना का लाभ मिलेगा जिसके अंतर्गत २०००० रु का इलाज़ मुफ्त किया जायेगा
>>> अन्तिम संस्कार के लिए २००० रु सरकार देगी
>>> रिक्शा चालक और हाथ ठेला चालक को जनश्री बीमा योजना का लाभ मिलेगा
>>> बच्चों की शिक्षा के लिए ९वीन से बारहवीं तक १०० रु प्रतिमाह छात्रवृत्ती
>>> हर ३१ जनवरी को मानेगा रिक्शा चालक और हाथ ठेला चालक दिवस
शुरू होंगी दो नई योजनायें :-
>>> रिक्शा चालक और हाथ ठेला चालक के लिए " रिक्शा मालिक और हाथ ठेला मालिक योजना शुरू होगी
>>> मुख्यमंत्री हाथ ठेला और रिक्शा चालक कल्याण योजना शुरू होगी
क्या किए वादे ? :-
>>> रिक्शा चालक और हाथ ठेला चालक को इज्ज़त और सम्मान का जीवन जीने दिया जायेगा यदि कोई उनकी इज्ज़त से खिलवाड़ करेगा तो शिकायत करने पर सरकार स्वयं सख्त से सख्त कार्यवाही करेगी
>>> एक साल में स्वयं का वाहन मालिक बनायेंगे
>>> पत्नी को प्रसूती पर १००० रु और महिला को ४५ दिन की मज़दूरी यदि पुरूष हो तो १५ दिन की मज़दूरी >>> जनश्री बीमा योजना का प्रीमियम सरकारी खजाने से देने का वायदा
चिर परिचित अंदाज़ में दिखे शिवराज :- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रिक्शा चालक और हाथ ठेला चालक के कल्याण के लिए जब घोशनाएँ की तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना हे न रहा अपने उसी चिर परिचित अंदाज़ में उन्होंने रिक्शा चालक और हाथ ठेला चालक का दिल जीत लिया सम्मलेन में नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने मुख्यमंत्री स्व आग्रह किया कि वे बस स्टेंड पर काम करने वाले हम्मालों के लिए भी पंचायत आयोजित कर उनकी समस्याओं का निराकरण करें
मुख्यमंत्री निवास पर हुई पंचायत में नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर, पूर्व मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा, सांसद कैलाश जोशी, निर्धन वर्ग आयोग के अध्यक्ष बाबूलाल जैन, बी.डी.ऐ. अध्यक्ष सुरेन्द्र नाथ सिंह तथा नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव राघव चंद्र तथा आयुक्त एस.एन मिश्रा मोजूद थे
बहरहाल प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान का पंचायतो के माध्यम से आम जनमानस रो रूबरू होकर निर्धन, उपेक्षित और गरीब तबके के लोगों की समस्यायें जानकर उनका निराकरण निकालने तथा हाथों हाथ कल्याणकारी फैसले लेने का यह सिलसिला वास्तव में समाज के कल्याण और उत्थान के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही घोषणये महज़ कागजी बनकर न रह जायें इस दिशा में भी कोई सकारात्मक बदलाव लाने की ज़रूरत है

January 30, 2009

लोकप्रिय हो रही है "वन्य प्राणी एडाप्शन योजना"

<><><>(कमल सोनी)<><><> वन्य प्राणियों के संरक्षण के प्रति आम जनमानस में जागरूकता लाने के उद्देश्य से वन विहार भोपाल द्वारा नए वर्ष की शुरुआत में प्रारंभ की गई "वन्य प्राणी एडाप्शन योजना" काफी लोक प्रिय हो रही है "वन्य प्राणी एडाप्शन योजना" के अंतर्गत मौजूदा परिणामो से आगे इस योजना के सफल होने की उम्मीद जतायी जा रही है
"वन्य प्राणी एडाप्शन योजना" के तहत गत 28 जनवरी को वन विहार के नर तेंदुआ ट्रेगा को गोद लिया गया है ट्रेगा की नई अभिभावक भोपाल निवासी श्री मति मीना गुप्ता ने अगले एक माह के लिए ट्रेगा को गोद लिया है जिसके लिए उन्होंने 5760 रु का भुगतान किया है यह राशिः उन्होंने मध्यप्रदेश टाइगर फॉउन्डेशन सोसायटी को दी है श्री मति मीना गुप्ता से पूर्व तीन और लोग इस योजना के तहत वन्य प्राणियों को गोद ले चुके हैं
कौन कौन है वन्य प्राणियों के अभिभावक :- वन विहार में रह रहे वन्य प्राणियों को गोद लेने की योजना गत एक जनवरी से शुरू हुई है। पहले ही दिन आईएएस अफसर अशोक दास की बेटी अभिनीता दास ने एक अजगर को गोद लिया था। अभिनीता देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में कानून की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने इंटर्नशिप की पहली किस्त मिलने पर अजगर को गोद लिया था। इसके बाद पानीपत के राकेश गुगलानी ने ही १० जनवरी को अजगर को ही आगामी छः माह के लिए गोद लिया था इसी कड़ी में उद्योगपति गुलरेज अहमद ने वन विहार के एक बाघ को गोद लिया उन्होंने तीन महीने के लिए बाघ को गोद लिया और इसके एवज में वन विहार प्रबंधन को 36 हजार रुपए दिए ।
क्या है योजना ? :- आमजनमानस में वन्य प्राणियों और प्रकृति के प्रति स्नेह और उनके संरक्षण के लिए जागरूकता बढाने के लिए वन विहार ने एक नई योजना प्रारंभ की है और वह है वनविहार में रह रहे वन्य प्राणियों को गोद लेने की योजना इस योजना के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति वन विहार में रह रहे जानवरों को गोद ले सकेगा वन विहार में बाघ, सिंह, तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा, भू.रीछ, सियार, मगर, घड़ियाल, अजगर, सर्प को गोद ले सकता है गोद लेने वाला व्यक्ति वार्षिक, अर्धवार्षिक, त्रैमासिक अथवा मासिक आधार पर इन्हें गोद ले सकता है वन्य प्राणियों को गोद लेने के लिए भुगतान की गई राशि को आयकर की धारा ८० जी. के तहत आयकर से पूर्णतः मुक्त रखा गया है

January 28, 2009

योग गैर इस्लामी नहीं - देवबंद


<><><>(कमल सोनी)<><><> स्वस्थ्य रहना सभी का मौलिक अधिकार है और प्रतिदिन योग करने से तन और मन स्वस्थ्य तो रहता ही है साथ ही पूरा दिन स्फूर्ति भी देता है लेकिन क्या योग इस्लाम की खिलाफत है ? या फिर गैर इस्लामी है ? यह एक विवाद बना हुआ है
दारुम उलूम (देवबंद) ने कहा है कि योग करना गैर इस्लामी नहीं है उन्होंने मुस्लिम समुदाय द्वारा योग करने पर उठे विवाद को सिरे से खारिज करते हुए इस धार्मिक संथा ने कहा कि योग का मतलब स्वयं को स्वस्थ्य रखना है दारुम उलूम (देवबंद) प्रवक्ता आदिल सिद्दीकी ने अपने एक वक्तव्य में कहा कि इस्लाम में योग को लेकर कोई समस्या नहीं है योग को बेवजह मज़हबी रंग दिया जा रहा है जो कि पूरी तरह से गलत है
श्री सिद्दीकी ने कहा कि प्रतिदिन योग करने का मकसद खुद को सेहतमंद रखना है उन्होंने बताया कि इस्लाम में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है जिसमें किसी को स्वस्थ्य रहने की मनाही हो उन्होंने कहा कि इस्लाम में सेहत को प्राथमिकता दी गई है और सेहतमंद जीवन जीने के लिए मुस्लिम समुदाय योग को एक्स्सरसाईस के रूप में कर सकते हैं उन्होंने प्रत्येक मुसलमान को प्रतिदिन पांच बार नमाज़ पढ़ने की बात कहते हुए कहा कि नमाज़ पढ़ना भी एक प्रकार की एक्स्सरसाईस ही है उन्होंने नमाज़ की प्रक्रिया पर गौर फरमाते हुए कहा कि यदि नमाज़ भी एक प्रकार का योग ही है जो किसी व्यक्ति को स्वस्थ्य रहने में अहम् भूमिका निभाती है
गौरतलब है मुस्लिम समुदाय पर योग करने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है मुसलमानों के योग करने पर विवाद उस समय गहराया था जब मलेशिया नॅशनल फतवा काउंसिल ने मुस्लिम समुदाय के योग करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था हाल ही में इन्डोनेशिया में भी मुसलमानों के योग करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था ख़ास बात यह है कि यह प्रतिबन्ध मुसलमानों में योग के प्रति बढ़ते रुझान को देखकर लगाया गया था इस प्रतिबन्ध के पीछे यह भी दलील दी गई थी योग करते समय होने वाले मंत्रोच्चार से मुसलमानों की आस्था डगमगा जायेगी इन सबसे पूर्व मध्य प्रदेश में प्रतिवर्ष होने वाले सामूहिक सूर्ये नमस्कार के लिए भी कुछ मुस्लिम समुदायों द्वारा सूर्य नमस्कार में हिस्सा लेने पर आपत्ती जतायी गई थी
बहरहाल योग भारतीय संस्कृति की एक अहम् हिस्सा है जो स्वस्थ्य रहने में अहम् भूमिका निभाता है लेकिन योग को एक मज़हबी रंग देना या फिर उसे किसी धर्म विशेष का बताना वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन दारुम उलूम (देवबंद) के इस वक्तव्य के बाद मुस्लिम समुदाय के उन लोगों को राहत ज़रूर मिलेगी जो योग के प्रति अपना रुझान रखते हैं वैसे भी योग किसी धर्म विशेष का न होकर सभी के लिए है और पूरी दुनिया में भारतीय योग परम्परा को विशेष महत्व भी प्राप्त है

अनुसूचित जाति और जनजाति पर बलात्कार के मामलों में मध्यप्रदेश अव्वल

<><><>(कमल सोनी)<><><> अनुसूचित जाति और जनजाति पर बलात्कार के मामलों में मध्यप्रदेश पूरे देश में नंबर वन है कम से कम राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, गृह मंत्रालय के आंकडों से तो यही पता चलता है सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 तथा अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के अंतर्गत दर्ज मामलों की समीक्षा तथा निगरानी करने के लिए गठित समिति द्वारा अनुसूचित जातियों और जनजातियों पर हो रहे अत्याचार और अपराधों को रोकने और उनके तौर तरीके बनाने के लिए राज़धानी भोपाल में आहूत एक सभा में देश के पांच राज्यों में अनुसूचित जाती और जनजाति की महिलाओं पर हुए बलात्कार के मामलों की ताजा सूची जारी की है सूची में मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति पर बलात्कार के मामलों में सबसे अव्वल रहा है
ब्यूरो द्वारा वर्ष २००५-०७ के समयावधी में अनुसूचित जाति और जनजाति पर हुए बलात्कार के मामलों की ताज़ा सूची जारी के है सूची दर्शाए आंकडों की बात करें तो मध्यप्रदेश में ही अनुसूचित जाति और जनजाति पर बलात्कार के 5763 मामले दर्ज किये गए हैं जिनमें 4225 प्रकरण अनुसूचित जाति, और 1538 प्रकरण अनुसूचित जनजाति की महिलाओं पर किये गए बलात्कार के हैं मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति की कुल आबादी ९१.५ लाख है तथा अनुसूचित जनजाति की आबादी १२२.३ लाख दूसरा अनुसूचित जाति पर ४६.२% तथा अनुसूचित जनजाति पर १२.६% मामले दर्ज हैं
समीक्षा और निगरानी समिति कि इस बैठक में सामजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री मति मीरा कुमार कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति पर होने वाले अत्याचारों पर अंकुश लगाने निरंतर बैठकें आयोजित किये जाने की ज़रुरत है उन्होंने राज्य सरकारों और संघ राज्य क्षेत्रों से अनुरोध किया कि वे जिले के अन्दर अनुसूचित जाति और जनजाति पर सर्वाधिक अत्याचार होने वाले क्षत्रों की पहचान करें तथा अत्याचारों को रोकने के लिए विशेष पॅकेज तैयार करें उन्होंने आर्थिक विकास योजनाओं, भूमि सुधार हेतु कारगर कार्य करने, न्यूनतम मजदूरी को सख्ती से लागू करने, नज़दीकी पुलिस स्टेशन तक पहुँचने हेतु सड़क निर्माण, विशेष रूप से महिला और सवा सहायता समूह का विकास करने इत्यादि को पॅकेज में शामिल करने का विशेष अनुरोध किया श्री मति मीरा कुमार ने जानकारी दी कि डॉ अम्बेडकर प्रतिष्ठान में एक नई योजना प्रारंभ की गई है जिसके अंतर्गत अनुसूचित जाति और जनजाति पर होने वाले जघन्य अपराधों के शिकार को तात्कालिक रूप से आर्थिक सहायता प्रदान करने की व्यवस्था भी की गई है उन्होंने राज्य सरकारों को सुझाव दिया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति का गठन किया जाय और वर्ष में दो बार बैठकें आयोजित कर अनुसूचित जाति और जनजाति पर होने वाले जघन्य अपराधों की समीक्षा की जाय
<<<<< राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, गृह मंत्रालय के आंकड़े >>>>>

लो अब पियो विटामिन वाली चाय ............!

<><><>(कमल सोनी)<><><> क्या आप चाय के शौकीन हैं ? तब तो यह ख़बर आपके लिए बेहद अच्छी है आपने हर्बल टी, आयुर्वेदिक टी, और भी तरह तरह की चाय के बारे में तो सुना ही होगा समय समय पर होने वाले शोधो और अनुसंधानों से चाय के फायदे और नुकसानों से भी आप परिचित होंगे लेकिन चाय की चुस्की के आनंद साथ चाय यदि सेहत के लिए भी लाभदायक हो तो क्या बात है ?
हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड ने "ब्रुक ब्रोंड सेहतमंद" चाय का नया उत्पाद बाज़ार में उतारा है कम्पनी का दावा है कि यह चाय एक पौष्टिक चाय है क्योंकि इसमें है विटामिन, कार्बोहाइड्रेट का मिश्रण तो है न ये चाय के शौकीनों के लिए खुशखबरी
कैसे होगी विटामिन की पूर्ती :- भारत में 20 करोड़ से ज़्यादा लोग कुपोषण का शिकार हैं वास्तव में हमारी जनसंख्या का 60 प्रतिशत हिस्सा उपयुक्त मात्रा में विटामिन ना ले पाने के कारण विटामिन की कमी का शिकार है चूँकि लगभग 95 प्रतिशत लोग रोजाना चाय ज़रूर पीते हैं ऐसे में श्री में विटामिन पूर्ती का चाय सबसे अच्छा और आसन माध्यम है कंपनी का दावा है कि इस सेहतमंद चाय के तीन प्याले अनुशंसित आहार की पूर्ती करते है यानि हमारी रोजाना ज़रुरत का 50%
इस चाय के सम्बन्ध में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ डेवलपमेंट मेनेजमेंट के डॉ एस. के. त्रिवेदी ने कहा " कि कुपोषण से गंभीर नुकसान होते हैं और यह मानसिक और भौतिक विकास रोक देता है उन्होंने बताया कि हमारी 70% जनसंख्या माइक्रोन्यूट्रीएंट की रोजाना ज़रुरत को पूरा नहीं कर पाता उन्होंने बताया कि यह उत्पाद पूरे परिवार को दैनिक ज़रुरत में विटामिन की पूर्ती भी करेगा"
चाय तो हम सभी पीते ही हैं सुबह सुबह की चाय की चुस्की की क्या बात है और जब यह चुस्की विटामिन से भरपूर हो तो चाय का आनंद और सेहत के लिए भी फायदेमंद

January 27, 2009

गणतंत्र दिवस पर तिरंगे का अपमान - समयावधि पश्चात भी नहीं उतारा गया तिरंगा

<><><>(कमल सोनी)<><><> मल्हारगढ़ मंदसौर में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के नजदीक भाजपा का झंडा फहराए जाने से उपजा विवाद थमता इससे पूर्व ही रतलाम में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अपमान का मामला प्रकाश में आ गया गणतंत्र दिवस पर जहां पूरा देश राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को सलामी दे रहा है वहीं तिरंगे के अपमान करने वालों के भी कमी नहीं है जिस तिरंगे की आन बान शान के लिए हमारे हजारों जवानो ने खुद को कुर्बान कर दिया आज फिर उसी तिरंगे को अपमानित कर राष्ट्रीय पर्व को शर्मसार कर दिया गया तिरंगे के अपमान के अकेले रतलाम में ही दो मामले सामने आये हैं
पहला मामला रतलाम डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का है जहां शाम हो जाने के बाद भी सम्मान पूर्वक राष्ट्रीय ध्वज नहीं उतारा गया लाइट्स ओन हो चुकी थी और सूर्यास्त के बाद भी तिरंगा लहरा रहा था तथा ख़ास बात तो यह है कि जिस तिरंगे को सुबह गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान फहराया गया था वह नहीं उतारा गया एक निजी समाचार चेनल के संवाददाता को पूरे घटना क्रम का जायजा लेते देखा गया तो चपरासी ने आनन् फानन में न्यायालय के इमारत पर प्रतिदिन फहराया जाने वाला राष्ट्रीय ध्वज उतार लिया जबकि गणतंत्र दिवस के समारोह में फहराया गया तिरंगा बाद में बिना किसी सम्मान के एक साधारण कपडे की तरह ही उतारा गया
रतलाम जिले का ही दूसरा मामला जो है वह है जिला कांग्रेस कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण) कार्यालय का जहाँ राष्ट्रीय ध्वज, ध्वज दंड पर न फहराकर एक बांस पर ही फहरा दिया गया इतना ही नहीं शाम को करीब सात बजे इसे ऑफिस के मकान मालिक के लड़के ने बड़े ही अपमानित ढुंग से उतारा
क्या कहती है ध्वज संहिता ? :- ध्वज संहिता के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सूर्योदय पूर्व फहराया नहीं जा सकता और साथ ही उसे सूर्यास्त पूर्व उतारा जाना चाहिए वह भी पूरे गार्ड ऑफ़ ओनर और पूरे राष्ट्रीय सम्मान के साथ लेकिन शासकीय कार्यालयों में इसे महज़ एक दैनिक दिनचर्या का सामान्य सा काम या फिर महज़ एक औपचारिकता समझ कर कर दिया जाता है
बहरहाल राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का यह पहला मामला नहीं है इससे पूर्व भी राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के कई मामले प्रकाश में आये हैं ख़ास तौर पर जब गणतंत्र दिवस या फिर स्वतन्त्रता दिवस के शुभ अवसर हो तो ऐसे मामले राष्ट्र के गरिमा को भी फीका करते हैं ऐसे मामलों में यह भी प्रतीत होता है जैसे कि राष्ट्रीय पर्व पर महज खुद को देशभक्त दिखाने का खोखला अभिनय करने का कोई प्रयास किया गया हो लेकिन गौर करने के बात तो यह है राष्ट्र और आमजन के विकास के बात करने वाले जब हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के ही सम्मान के प्रति समर्पित नहीं हो सकते तो देश के संविधान और राष्ट्र के विकास के प्रति अपना कितना समर्पण भाव रखते होंगे

January 24, 2009

आयकर विभाग के छापे के बाद नेताओं की नींद हराम - खुल सकती है बड़े बड़ों की पोल

<><><>(कमल सोनी)<><><> आयकर विभाग ने गुरूवार को मध्यप्रदेश के मंत्रियों के आयकर सलाहकारों के यहाँ ताबड़तोड़ छापे मारे छापे की कार्यवाही में छानबीन के दौरान कई ऐसे दस्तावेज़ मिले हैं जिनसे पता चलता है कि नेताओं और अफसरों ने किस कदर अपनी आय से अधिक निवेश किया है आयकर विभाग की इस छापामार कार्यवाही ने मंत्रियों और नेताओं की नींद हराम कर दी है आयकर विभाग के सूत्रों की माने तो छानबीन के दौरान मिले दस्तावेजों की आगे छानबीन करने पर भ्रष्टाचार से जुड़े ऐसे मामलों का भी खुलासा किया जा सकता है जो राजनेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत की और इशारा भी करता है
आयकर विभाग की इस छापामार कार्यवाही में आयकर सलाहकार मनोहरलाल चौरसिया के पुत्र बीमा एजेंट मनोज चौरसिया के घर से थोक में बीमा पोलिसियाँ ज़प्त की हैं जानकारी मिली है कि यह पोलिसियाँ प्रदेश के कुछ नेताओं और मंत्रियों की हैं पॉलिसियों के सम्बन्ध में चौकाने वाला तथ्य यह सामने आया है कि इनका प्रीमियम ५ से १० लाख रुपये सालाना है सीहोर में मनोहार लाल के दो बैंक लॉकर का भी पता चला है इन बैंक लॉकर को सील कर दिया है छापे में मनोहार लाल के रिश्तेदारों ने भी एक करोड़ रु की अघोषित आमदनी स्वीकारी है
कहाँ कहाँ पड़े छापे :- आयकर विभाग द्वारा गुरूवार को प्रारंभ हुई छापा मार कार्यवाही शुक्रवार को भी जारी रही इस बीच आयकर विभाग की अन्वेषण टीम ने आठ प्रतिष्ठानों पर सर्च और साथ प्रतिष्ठानों पर सर्वे कार्यवाही की आयकर विभाग ने भोपाल, विदिशा, गंजबासोदा, सीहोर और शुजालपुर ये छापे मारे थे
जिन लोगों के यहाँ छापे मारे गए उनमें आयकर सलाहकार, अनाज व्यापारी, ऐसे व्यापारी जिनके पास बड़ी कंपनियों की एजेंसियां तथा डीलर शिप हैं
छापे की खबर हो गई थी लीक :- आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार इस बात की आशंका व्यक्त की जा रही है कि विभाग की इस छापामार कार्यवाही की खबर पहले ही लीक हो गई थी जिससे जिस हिसाब से अघोषित संपत्ति की का पता चलना था वह नहीं चल सका लेकिन आयकर विभाग का यह मानना है कि जो दस्तावेज़ ज़प्त किये गए हैं वे भी बड़े बड़े खुलासे कर सकते हैं
बहरहाल आयकर विभाग की यह छापा मार कार्यवाही गत वर्ष उस समय हुई थी जब विधानसभा चुनाव होने वाले थे और अब इसे महज़ संयोग ही कहा जाय या कुछ और लेकिन इस बार कार्यवाही तब हुई है जब लोक सभा चुनाव बेहद नज़दीक हैं इससे पूर्व भी आयकर विभाग द्वारा लगातार कई छापामार कार्यवाही की गई हैं स्वस्थ्य विभाग के संचालक डॉ योगीराज शर्मा के यहाँ पड़े छापे में अधिकारियों और मंत्रियों की सांठ गाँठ का खुलासा भी हुआ था जिसकी परिणिति में डॉ. योगिराज शर्मा को जाना पड़ा अब देखना यह होगा कि आयकर विभाग के यह छापा मार कार्यवाही कौन से नए खुलासे करती है लेकिन इस छापामार कार्यवाही ने नेताओं, मंत्रियों और उनसे मिलीभगत करने वाले अधिकारीयों की नींद हराम कर दी है

January 22, 2009

अब दिल्ली के तर्ज़ पर भोपाल और इंदौर में भी चलेंगी मेट्रो रेल

<><><>(कमल सोनी)<><><> नई दिल्ली के तर्ज़ पर अब भोपाल और इंदौर में भी मेट्रो रेल चलेंगीं यदि सब कुछ ठीक ठाक चला तो तो आगामी ६-७ सालों में भोपाल और इंदौर वासियों को मेट्रो रेल की सौगात मिल जायेगी इस बात की जानकारी नगरीय प्रशासन तथा विकास मंत्री मध्यप्रदेश बाबूलाल गौर ने भोपाल में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही भोपाल और इंदौर में मेट्रो रेल चलाने के विचार के सात मंत्री बाबू लाल गौर विगत २० जनवरी को दिल्ली गए थे जहाँ उन्होंने मेट्रो रेल व्यवस्था का जायजा लिया साथ ही वे मेट्रो रेल मुख्यालय गए और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरशन के मेनेजिंग डाइरेक्टर तथा वहाँ के वरिष्ठ अधिकारियों से भेंट की
गौरतलब है कि कोच्ची और लुधियाना जैसे शहरों में मेट्रो रेल परियोजना प्रारंभ हो चुकी है भोपाल और इनडोर भी इसे श्रेने में आते हैं लिहाजा सरकार अब भोपा और इंदौर में मेट्रो रेल चलाने का प्रयास कर रही हैं
वैसे मेट्रो रेल उन स्थानों पर सफल मानी जाती हैं जहाँ की आबादी लगभग ३० लाख के आसपास होती है एक अनुमान के मुताबिक भोपाल की आबादी १८ से २० लाख के बीच वहीं इनडोर की आबादी ३०० लाख के आसपास है मेट्रो रेल परियोजना का काम शुरू होने के बाद इसे पूर्ण होने में ६-७ साल का समय लगता है लिहाजा तब तक भोपाल की बाडी भी तीस लाख के आसपास पहुँचने का अनुमान है दूसरी और इंदौर की आबादी ३० लाख होने से मेट्रो रेल पहले इंदौर में शुरू होने की संभावना व्यक्त की जा रही है
कितना होगा खर्चा :- परियोजना प्रारंभ होने के बाद १२००० करोड़ का खर्चा आएगा और परियोजना लगभग ६-७ सालों में पूरी हो जायेगी ६५ किलोमीटर का सफर तय करेगी जो मेट्रो इंटरसिटी की तरह चलेगी मेट्रो रेल में भोपाल और इंदौर के लिए पृथक पृथक से मेट्रो रेल कंपनी बनाई जायेगी
बहरहाल मेट्रो परियोजना के प्रारंभ हो जाने पर जहाँ एक और भोपाल और इंदौर अंतर्राष्ट्रीय परिद्रश्य में नई पहचान मिलेगी तो दूसरी और प्रदेश में औधोगिक निवेश की संभावनाएं बढेंगी लेकिन अब देखना यह होगा कि १२०० करोड़ की इस परियोजना को कब मजूरी मिलेगी और कब इसका काम शुरू हो पायेगा

मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री नरोत्तम के नाम के ख़त ने मचाई सनसनी - भ्रष्टाचार की कहानी मंत्री की जुबानी

<><><>(कमल सोनी)<><><>मध्यप्रदेश सरकार के मंत्रियों पर हमेशा से ही भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं और इस बात का खुलासा भी समय समय पर होता ही रहा है अभी भी कई मंत्रियों पर लोकायुक्त में भ्रष्टाचार के मामले लंबित हैं लेकिन इन दिनों अगर कुछ सुर्खियों में है तो वो है पिछली सरकार में मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा के नाम का वो ख़त जिसमें पूर्व मंत्रियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने का खुलासा किया गया है लेकिन ख़ास बात तो यह है भ्रष्टाचारी मंत्रियों की इस सूची में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम भी शामिल किया गया हैं
विधानसभा चुनावों में जनता ने भले ही भ्रष्टाचार का मुद्दा ना स्वीकारा हो लेकिन प्रदेश को एक स्वच्छ और ईमानदार सरकार देने का वादा करने वाले शिवराज सिंह ख़ुद भ्रष्ट मंत्रियों को मंत्री मंडल से बाहर का रास्ता दिखा पाने में असमर्थ रहे हैं किंतु उनकी नकेल कसने में कामयाब अवश्य हो रहे हैं अगर चिट्ठी पर यकीन करें तो पिछली सरकार में मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा के नाम के इस ख़त में मंत्रियों के भ्रष्टाचार की तथ्यात्मक जानकारी पार्टी आलाकमान को लिखी गई है हालाकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है के यह ख़त निवृतमान मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ही लिखा है यह भी सम्भव है कि किसी ने राजनैतिक विद्वेष के चलते नरोत्तम मिश्रा को कोई हानि पहुंचाने के उद्देश्य से यह ख़त लिखा हो
कौन कौन हैं सूची में :- निवृतमान मंत्री नरोत्तम मिश्रा के नाम के इस सनसनीखेज़ ख़त में भ्रष्ट मंत्रियों की सूची में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, बाबूलाल गौर, राघव जी जयंत मलैया, गोपाल भार्गव, कैलाश विजयवर्गीय, अनूप मिश्रा, जगदीश देवडा, लक्ष्मीकांत शर्मा, तुकोजीराव पवार, जगन्नाथ सिंह, डॉ. राम कृष्ण कुसमारिया, गौरीशंकर बिसेन, नागेन्द्र सिंह, और अर्चना चिटनिस के नाम शामिल हैं इतना ही नहीं इन भ्रष्ट मंत्रियों की सूची में सचिवालय के अधिकारियों और उनकी मंत्रियों के साथ मिली भगत को भी शामिल किया गया हैं निवृतमान मंत्री नरोत्तम मिश्रा के नाम से लिखे गए इस पत्र में सूची में शामिल सभी मंत्रियों पर कमीशन लेकर टेंडर पास कराना, या फ़िर पैसे लेकर कोई काम स्वीकृत कराना, मंत्रियों के सम्पत्ती के ब्यौरे तथा अधिकारियों से वसूली का लेखा जोखा तक शामिल हैं
क्यों लिखा ख़त :- पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के नाम के इस ख़त "मेरे खुले पत्र की पृष्ठ भूमि" में जिन विचारों को अभिव्यक्त किया गया है उनसे यह तो साफ़ जाहिर है कि ख़त लिखने वाला प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह से खफा हैं ख़त में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर धोखा देने का आरोप लगाया है ख़त में लिखा है कि "शिवराज सिंह ने मुझे मंत्रीमंडल में शामिल करने का वादा किया था मेने जब पूछा कि कौन सा विभाग मिलेगा तो उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय" ......... वास्तव में नरोत्तम मिश्रा के नाम का यह ख़त शिवराज मंत्री मंडल में जगह न मिल पाने के कारण से ही लिखा गया प्रतीत होता है
पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के नाम का यह ख़त भाजपा की ओर से पी.एम् इन वेटिंग लाल कृष्ण आडवाणी और पार्टी आलाकमान को लिखा गया था और इस ख़त के माध्यम से किसी तरह से अपने मन की भडास निकालने का पूरा प्रयास किया गया है
बहरहाल अभी तक इस बात की पुष्टि तो नहीं हुई कि यह ख़त मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ही लिखा है जबकि नरोत्तम मिश्रा स्वयं इस चिट्ठी की बात को नकार चुके हैं क्योंकि इस ख़त में जहाँ प्रदेश के ऊँचे कद के नेताओं और मंत्रियों के काले कारनामों का तथ्यात्मक लेखा जोखा है अब सवाल यह उठता है कि यह चिट्ठी पूर्व मंत्री ने नहीं लिखी तो फिर साजिश में कौन शामिल है ? किसने यह ख़त लिखा ? चाल चरित्र और चेहरे के बात करने वाली बीजेपी की किरकिरी अवश्य हो रही है. क्योंकि सरकार के ही भ्रष्टाचार की कहानी मंत्री की जुबान से निकल कर आ रही है लेकिन मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री नरोत्तम के नाम के यह ख़त राजनितिक गलियारों, अधिकारी वर्ग में तथा मीडिया में कौतुहल और चर्चा का विषय बना हुआ है बहरहाल अभी तक इस बात की पुष्टि तो नहीं हुई कि यह ख़त मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ही लिखा है जबकि नरोत्तम मिश्रा स्वयं इस चिट्ठी की बात को नकार चुके हैं इनसाईट टीवी को मिले इस ख़त से तो यही जाहिर होता है कि यह किसी न किसी राजनैतिक विद्वेष का ही नतीजा है लेकिन इससे सता के गलियारों में बैठे राजनेताओं में कुर्सी के लिए आपसी खेंचतान का भी पता चलता है

January 21, 2009

पूरे प्रदेश ने किया एक साथ सूर्य नमस्कार

<><><>(कमल सोनी)<><><> हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पूरे मध्य प्रदेश के स्कूलों में एक साथ सूर्य नमस्कार का आयोजन किया गया मध्य प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक स्कूलों में लगभग १ करोड़ से ज़्यादा छात्र छात्राओं ने सामूहिक सूर्य नमस्कार में हिस्सा लिया सामूहिक सूर्य नमस्कार का यह महायोजन सबेरे 9 से 9.45 तक किया गया इस वृहद आयोजन में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ग्वालियर में और अन्य मंत्रीगण अपने प्रभार वाले जिलों के स्कूल या कॉलेज में आयोजित सामूहिक सूर्य नमस्कार में शामिल हुए । सामूहिक सूर्य नमस्कार व प्राणायाम के आयोजन में एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया हलाकि मौसम के बदलते रूप के चलते कहीं कहीं सूर्य देवता ने दर्शन नहीं दिए भोपाल के सुभाष उत्कृष्ट उ.मा.वद्यालय में आयोजित सामूहिक सूर्य नमस्कार का दूरदर्शन और आकावाणी से सीधा प्रसारण किया गया अन्य स्थानों पर आकाशवाणी के प्रायमरी चैनलों से प्रसारण किया गया ।
कौन कहाँ कहाँ :- शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस शाजापुर जिले के कालापीपल ब्लॉक के छोटे कस्बे रनायल के हाई स्कूल में आयोजत सामूहिक सूर्य नमस्कार में शामिल हुई इसके अलावा अपने प्रभार वाले जिलों में बाबूलाल गौर सागर जिले के बीना में, जयंत कुमार मलैया टीकमगढ़ जिले में, कैलाश वजयवर्गीय धार जिले में, गोपाल भार्गव दमोह जिले के ग्राम झागर में, अनूप मालाविया ग्वालियर में मुख्यमंत्री के साथ, जगदीश देवड़ा देवास जिले में, लक्ष्मीकान्त शर्मा हरदा जले में, नागेन्द्र सिंह नागौद, डिंडोरी में, जगन्नाथ सिंह सीधी जिले में, डा. रामकृष्ण कुसमरया कटनी जिले में, गौरीशंकर बसेन बालाघाट जिले में, तुकोजीराव पवार बड़वानी जिले में, पारसचंद्र जैन मंदसौर जिले के सुवासरा में, श्रीमती रंजना बघेल खरगौन में, राजेन्द्र शुक्ल सतना के बेला में, नारायण सिंह कुशवाहा पोहरी में, कन्हैयालाल अग्रवाल मुरैना में, हरांकर खटीक पन्ना में तथा देवसिंह सैय्याम सिवनी के घंसौर ब्लॉक के शासकीय बालक माध्यमक शाला कटया में आयोजित सामूहिक सूर्य नमस्कार के आयोजन में शामिल हुए ।
अगले सत्र से एक पीरियड सामूहिक सूर्य नमस्कार :- मध्यप्रदेश में अगले शिक्षण सत्र से सभी शासकीय शालाओं में कक्षा पांचवीं से बारहवीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए प्रत्येक सप्ताह के आखिरी दिन के पहले पीरियड में सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास कराया जायेगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मध्यप्रदेश में सामूहिक सूर्य नमस्कार के आयोजन के अवसर पर आकाशवाणी से प्रसारित अपने सन्देश में की। उन्होंने कहा कि सरकार ने पाठ्यक्रम में भी योग को सम्मिलत कर राज्य को योग नीती की दिशा में लाने की महत्वपूर्ण पहल की है। कक्षा छटवीं के लिए निर्धारित सहायक वाचन की पुस्तक में योग को भी शामिल किया गया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि सूर्य नमस्कार भारतीय योग पंरपरा का अदभुत उपहार है। यह विभिन्न आसनों एवं व्यायाम का समन्वय है, जिससे शरीर के सभी अंगों-उपांगों का पूरा व्यायाम हो जाता है।

January 19, 2009

आओ करें सूर्य नमस्कार ..............


<><><>(कमल सोनी)<><><> हमारी दैनिक दिनचर्या में व्यायाम बेहद आवश्यक है चाहे परंपरागत हो या आधुनिक, रोजाना व्यायाम हमारे तन और मन दोनों को स्फूर्ती प्रदान करता है आज हम बात कर रहे हैं सूर्य नमस्कार की योग हमारी संस्कृति की महत्वपूर्ण धरोहर है और एक प्राचीन विद्या भी योग के माध्यम से तन, मन और आत्मा की शक्तियों का समन्वय कर ख़ुद को चरित्रवान बनाया जा सकता है योग के माध्यम से व्यक्ति अपने मन पर नियंत्रण कर स्वस्थ्य शरीर के साथ अपने उत्तरदायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन कर पाता है सूर्य नमस्कार भारतीय योग का का सबसे अहम् हिस्सा है
वास्तव में सूर्यनमस्कार विभिन्न आसनों का समन्वय है साथ ही भारतीय योग परम्परा का अभिन्न अंग भी सूर्य नमस्कार विभिन्न आसन, मुद्रा और प्राणायाम का समन्वय है जो हमारे शारीरिक और मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है प्रातः काल सूर्य नमस्कार करने से शरीर के सभी अंगों का पूरा व्यायाम हो जाता है इसमें सूर्य की ऊर्जा का संचार होता है जिससे तन और मन शुद्धीकरण होता है सूर्य नमस्कार तन, मन और वाणी से की गई सूर्य उपासना और प्रातः कालीन स्वागत है इससे सूर्य की ऊर्जा का शरीर में संचार होता है तथा शरीर को आवश्यक विटामिन डी की प्राप्ति भी होती है वैज्ञानिकों ने भी अलग अलग शोधों के माध्यम से सूर्य नमस्कार के लाभों की पुष्टि की है
क्या है सूर्य नमस्कार ? :- प्रातः काल सूर्योदय के वक्त सूर्य नमस्कार तन, मन, वाणी से सूर्य का स्वागत है सूर्य नमस्कार के दो आधुनिक पहलू हैं पहला सांघिक सूर्य नमस्कार और दूसरा संगीत के साथ सूर्य नमस्कार सूर्य नमस्कार दोनों ही पहलुओं में बेहद लाभकारी है सरल उपासना और सौम्य संतुलित व्यायाम सूर्य नमस्कार की प्रमुख विशेषता है सूर्य नमस्कार सात आसनों का समुच्चय है
<1> प्रार्थना और मुद्रा
<2> हस्त उत्तानासन
<3> पादहस्तासन
<4> अश्व संचालनासन
<5> पर्वताआसन
<6> आष्टांग नमस्कार
<7> भुजंगासन
क्या हैं इसके फायदे ? :- सूर्य नमस्कार १२ स्थितियों से मिलकर बना है जिन्हें करने से बेहद लाभ प्राप्त होते हैं
<1> व्यायाम की तैयारियों के रूप में एकाग्र एवं शांत अवस्था लाता है
<2> अमाशय की अतिरिक्त चर्बी को हटाता है और पाचन को सुधारता है तथा भुजाओं और कन्धों की मांसपेशियों का व्यायाम होता है
<3> पेट तथा अमाशय के दोषों को नष्ट करता है कब्ज़ हटाने में सहायक है रीढ़ को लचीला बनाता है तथा रक्त संचार में तेज़ी लाता है
<4> अमाशय के अंगों की मालिश कर कार्यप्रणाली को बेहतर बनाता है पैरों की मांसपेशियों को शक्ति देता है
<5> भुजाओं तथा पैरों स्नायुओं की मांसपेशियों को ताकत देता है तथा सीने को विकसित करता है
<6> अमाशय के अंगों से जामे हुए रक्त को हटाकर नए रक्त का संचार करता है पेट के सभी रोगों के निदान लिए बेहद लाभकारी है
<7> रीढ़ के स्नायुओं का दबाव सामान्य बनाता है तथा ताजे रक्त का संचार करता है
२१ जनवरी को सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन :- सूर्य नमस्कार के इन्ही फायदों के मद्देनज़र मध्यप्रदेश के सभी शिक्षण संस्थाओं में हर वर्ष सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन किया जाता है गौरतलब है की गत वर १२ जनवरी २००७ को स्वामी विवेकानद जयंती के शुभ अवसर पर पूरे प्रदेश में आयोजित सामूहिक सूर्य नमस्कार में एक करोड़ छात्र छात्राओं ने भाग लिया था इस साल २१ जनवरी को इससे भी अधिक संख्या में छात्र छात्राओं के इस महाआयोजन में हिस्सा लेने की संभावना है
आज के युग में हम अपने स्वस्थ्य के प्रति और अधिक सचेत हुए हैं जिसके लिए हम स्वयं को स्वस्थ्य रखने के लिए विभिन्न उपायों को अपना भी रहे हैं इन सभी उपायों में सूर्य नमस्कार सर्वोपरी है वर्त्तमान परिप्रेक्ष्य में जहाँ हमें शारीरिक और मानसिक दोनों श्रम करने पड़ते हैं ऐसे में तन और मन के सम्पूर्ण व्यायाम के लिए सूर्य नमस्कार बेहद लाभकारी है

January 17, 2009

ओनली फॉर लेडीज़.............?


<><><>(कमल सोनी)<><><> घर से बहार काम-काज और कॉलेज जाने वाली महिलाओं और युवतियों के लिए बेहद अच्छी ख़बर है मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अब सिर्फ़ महिलाओं के लिए प्रथक से मिनी बसे चलेंगी हलाकि यह सब कब शुरू होगा इसकी अभी कोई ख़ास जानकारी नहीं है लेकिन "ओनली फॉर लेडीज़ बस सर्विस" शुरू हो जाने पर काम-काज और कॉलेज जाने वाली महिलाओं और युवतियों को काफी राहत ज़रूर मिलेगी आम तौर पर शहरों में चलने वाली मिनी बसों महिलाओं के लिए अतरिक्त स्थान आरक्षित रहता है लेकिन नियम क़ानून से चलने की आदत ही कहाँ है मिनी बसों में तो पहले आओ पहले पाओ का सिस्टम जो लागू होता है दूसरी ओर सिटी बसों में मिहिलाओं से छेड़छाड़ और बदतमीजी कराने वालों की भी कमी नहीं होती लिहाजा महिलायें ओर युवतियां किसी तरह दबी छिपी अपने गंतव्य तक पहुँचना ही उचित समझ लेती हैं लेकिन इस बीच अपनी सीट छोड़कर किसी महिला को सीट देने वाले कुछ छुटपुट उदाहरण भी देखने को मिलते हैं
महिलाओं और युवतियों की इन्ही समस्याओं के मद्देनज़र भोपाल आर.टी.ओ. विभाग ने कमर कास ली है ओर वह महिलाओं के लिए पृथक से मिनी बस सर्विस शुरू करने जा रहा है इन मिनी बसों में महिलाओं के अलावा १२ वर्ष तक के बच्ची भी चल सकेंगे
नए परमिट मंगाए :- "ओनली फॉर लेडीज़ बस सर्विस" शुरू करने के लिए आर.टी.ओ. विभाग शहर के कन्या महाविद्यालयों से भी चर्चा कर रहा है इससे पूर्व बी.एस.एन.एल. ने भी महिलाओं के लिए पृथक से बस सेवा शुरू करने की बात कही थी "ओनली फॉर लेडीज़ बस सर्विस" के लिए आर.टी.ओ. विभाग ने नई मिनी बसों ओर टाटा मेजिक वाहनों के परमिट जारी करने हेतु आवेदन आमंत्रित किए हैं हलाकि पहले से ही बढ़ी मिनी बसों ओर टाटा मेजेइक वाहनों की तादात के मद्देनज़र आर.टी.ओ. विभाग ने मिनी बसों ओर टाटा मेजिक वाहनों के नये परमिट जारी करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था लेकिन अभी आर.टी.ओ. विभाग ने "ओनली फॉर लेडीज़ बस सर्विस" के लिए ही परमिट आवेदन मँगाए हैं
चालक और परिचालक होंगी महिलाएं :- महिलाओं के लिए पृथक से चलने वाली मिनी बसों में चालक ओर परिचालक सिर्फ़ महिलायें ही होंगी आर.टी.ओ. विभाग सिर्फ़ उन्ही वाहनों के लिए परमिट जरी करेगा जिनमें चालक परिचालक महिलायें हों इसके लिए आर.टी.ओ. विभाग ने महिला चालाक के लिए मात्र एक साल के अनुभव पर हेवी लाइसेंस देनी की बात कही है हालाकि पुरुषों के मामले में हेवी लाइसेंस देने का नियाम पाँच साल का है महिलाओं को हेवी लाइसेंस लेने के लिए उम्र २० वर्ष और आठवीं पास होना, तथा एक वर्ष का हल्का वाहन चलाने का अनुभव होना अनिवार्य होगा
"ओनली फॉर लेडीज़ बस सर्विस" शुरू हो जाने के बाद जहाँ महिलाओं को रोज़ रोज़ की दिक्कतों से निजात मिलेगी तो दूसरी और सार्वजनिक रूप से होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं पर अंकुश लगाने में थोड़ी मदद भी मिलेगी

January 16, 2009

कौन बनेगा प्रधानमंत्री.............?

<><><>(कमल सोनी)<><><> कुर्सी के लिए कुछ भी करेगा जी हाँ लोक सभा चुनाव की सुगबुगाहट होते ही देश में प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के लिए राजनीति गर्म हो गई है जब बात कुर्सी की हो अपने भी बेगाने हो जाते हैं प्रधानमंत्री पद के लिए दोनों ही पार्टी कांग्रेस और बीजेपी में घमासान मचा है किसी को पार्टी प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट कर रही है तो कोई खुद को ही प्रधानमंत्री पद का दावेदार बता रहा है चाल, चेहरा और चरित्र की बात करने वाली पार्टियों अन्दर ही अन्दर कितना विरोध है इस घमासान से इसका अंदाजा साफ़ तौर पर लगाया जा सकता है दूसरी और इस घमासान के बीच मतदाता तो छोड़ खुद पार्टी कार्यकर्ता इस संशय में है कि कौन बनेगा प्रधानमंत्री ?
लाल कृष्ण आडवाणी, भेरोसिंह शेखावत, नरेन्द्र मोदी
राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, या फिर मनमोहन सिंह
भाजपा में मचा घमासान :- बीजेपी ने प्रधानमंत्री पद के लिए पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवानी को प्रोजेक्ट किया हुआ है तो पूर्व उप राष्ट्रपति भेरो सिंह शेखावत ने खुद को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताकर पार्टी में हड़कंप मचा दिया शेखावत ने तो यह तक कहा कि में बीजेपी से खुश नहीं हूँ भेरोसिंह शेखावत के इस बयान के बाद कि हर हाल में चुनाव लडूंगा और चुनाव बीजेपी से ही लडूंगा । उसके बाद उन्होंने बीजेपी आलाकमान के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के इस बयान के बाद कहा कि गंगा नहाने के बाद कोई कुएं में नहीं नहाएगा हालाकि लाल कृष्ण आडवाणी को लेकर बीजेपी में पहले ही दो राय रही है लेकिन पार्टी में उनकी वरिष्ठता के आधार पर उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है
अटल जी भी लड़ सकते हैं चुनाव :- खुद की ही पार्टी में हलचल मचाने वाले पूर्व उप राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के बाद पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भी लोक सभा चुनाव लड़ने की संभावना जता दी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन ने कल लखनऊ में एक प्रेस वार्ता में कहा कि यदि अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ से चुनाव लड़ना चाहेंगे तो कोई भी उन्हें मना नहीं करेगा।
खबर तो ये भी है कि कल्याण सिंह ने भी अन्दर ही अन्दर अपने लोगों और समर्थकों के बीच खुद को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया जिससे बीजेपी को सांप सूंघ गया है कल्याण सिंह ने तो यह भी कहा दिया कि देश के मौजूदा हालत में देश के मेरे नेत्रत्व की ही ज़रुरत है
इतना ही नहीं प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी में बीजेपी के स्टार प्रचारक और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी भी पीछे नहीं हैं पीएम पद पर लालकृष्ण आडवाणी की दावेदारी को लेकर पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत के सवालों के घेरे से अभी पार्टी उबरी भी नहीं थी कि प्रमुख उद्योगपति अनिल अंबानी और सुनील मित्तल ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की वकालत करने से मोदी तो गदगद हैं पर भाजपा में खलबली मच गई है। ख़ास बात यह है कि उद्योगपति अनिल अंबानी और सुनील मित्तल ने यह बात एक इन्वेस्टर्स मीट के दौरान कही थी मोदी के प्रधानमंत्री बनाने के बारे में भाजपा का मानना है कि लालकृष्ण आडवाणी मोदी सहित पार्टी के दूसरी पीढ़ी के नेताओं के गॉडफादर के रूप में हैं और उनके मार्गदर्शन व प्रेरणा से ही वे आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। भाजपा ने उद्योगपतियों के बयान को कम महत्व देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इनवेस्टर्स कॉन्फ्रेंस में नहीं चुने जाते हैं। हलाकि पार्टी का यह बयान पार्टी में मोदी की छवि को दर्शाता है और यह भी समझ में आ जाता है कि "पीएम इन वेटिंग" मोदी भी हैं खुद भेरों सिंह शेखावत यह कहते हैं कि नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री के लायक बताकर उद्योग जगत ने ठीक ही किया है
कांग्रेस में भी उथल पुथल :- प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस में भी उथल पुथल मची हुई है प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के लिए कांग्रेस में दो सुर सुनाई दे रहे है एक तरफ "वी.वांट प्रियंका" तो दूसरी तरफ "वी वांट राहुल" हलाकि इन मांगों के बीच सोनिया गांधी की मांग बराबर बनी हुई है लेकिन हैरत की बात तो यह है मोजूदा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पक्ष में अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है कांग्रेस का एक बड़ा तबके का यह भी मानना है कि यदि प्रियंका गांधी को चुनाव में उतारा जाता है तो पार्टी में जान आ सकती है। दूसरी ओर कांग्रेस ने अगले लोक सभा चुनाव में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश करने की मुहिम शुरू कर दी है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने भी राजीव गांधी का हवाला देते हुए राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की बकालत की विदेश मंत्री के इस बयान के बात यह तो समझ में आता है खुद मनमोहन सिंह के नेत्रत्व में विदेश मंत्रालय संभालने वाले प्रणब मुखर्जी को अन्दर ही अन्दर कोई गम तो नहीं सता रहा वरना वे मौजूदा प्रधानमंत्री के होते किसी अन्य की बात क्यों कहते ?
दूसरी पूर्व लोकसभा एवं राज्य सभा अध्यक्ष गुफरान आज़म ने भी प्रियंका गांधी में स्वर्गीय इंदिरा गांधी की झलक की बात कहते हुए प्रियंका गांधी के समर्थन की बात कही श्री आज़म ने कहा कि राहुल गांधी को पार्टी संगठन का काम सौप देना चाहिए हालाकि प्रियंका गांधी को सीधे तौर पर प्रधानमंत्री बनाने की बात से वे बचते रहे मोदी के नाम पर भड़की कांग्रेस :- कांग्रेस ने नरेन्द्र मोदी और लाल कृष्ण आडवाणी दो की साम्प्रदाइक करार देते हुए इसकी निंदा की और कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री बनाना गैरजिम्मेदाराना है
अब तो यही लगता है कि प्रधानमंत्री पद की कुर्सी के लिए शुरू हुआ घमासान लोक सभा चुनाव तक चलने वाला है इस घमासान में फिर दोनों ही पार्टियों में कार्यकर्ताओं और अपने नेता के समर्थकों की संख्या बढेगी और पार्टियों में फूट की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता इन सबका परिणाम यही होगा कि लोकसभा चुनावों में दोनों ही पार्टियों को वृहद पैमाने पर भीतर घात का सामना करना पडेगा लेकिन सत्ता की इस लड़ाई में जहां दो पार्टियां आमने सामने हैं तो कुर्सी की इस लड़ाई में पार्टी के कद्दावर नेता और कार्यकर्ता आमने सामने हैं हालाकि उम्मीद की जा रही है पार्टियों में चल रहा यह घमासान ज़ल्द थमते नज़र नहीं आ रहा है

January 15, 2009

जल्द ही घर घर पहुंचेगा नर्मदा का पावन जल

<><><>(कमल सोनी)<><><> बढ़ते जल संकट के बीच भोपाल वासियों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि जल्द ही नर्मदा का पावन जल घर घर पहुंचेगा जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन के अंतर्गत जल संकट से निपटने और जल वितरण व्यवस्था में सुधार करने के लिए नगर निगम भोपाल द्वारा बनाई गई ४१५ करोड़ की महत्वाकांक्षी योजना को केंद्र की मजूरी मिल गई है इस योजना को राज्य सरकार ने पहले ही स्वीकृत कर अनुदान के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा था योजना अंतर्गत भोपाल के सभी वार्डों में पर्याप्त प्रेशर के साथ नियमित रूप से पानी पहुंचाया जायेगा तथा ४७ वार्डों में नई पाइप लाइन बिछा कर नर्मदा जल वितरण किया जायेगा नई पाइप लाइन बिछ जाने के बाद नर्मदा का जल सभी वार्डों तक सप्लाई करने की व्यवस्था भी पुख्ता हो जायेगे इससे पूर्व राज्य शासन ने भी नर्मदा प्रोजेक्ट का काम ९ सितम्बर तक पूरे करने के निर्देश जारी किये हैं इसके साथ ही इंदौर में २० अलग अलग स्थानों पर ७५ करोड़ के बहुप्रतीक्षित मल्टी लेवल पार्किंग प्रोजेक्ट को भी हरी झंडी मिल गई है दोनों प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी को प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धी मना जा रहा है इसके न सिर्फ भोपाल में जल प्रदाय व्यवस्था सुद्रढ़ होगी अपितु इंदौर में पार्किंग समस्या से आम जनमानस को निजात मिलेगी भोपाल में अभी प्रोजेक्ट उदय के तहत १९ वार्डों में पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है
कहाँ कितना व्यय :-
कुल स्वीकृत राशिः - ४१५.४५ करोड़
कुल ५२ टंकियां - ६७.१४ करोड़
९१८ किमी पाइप लाइन - ९०.७७ करोड़
प्रत्येक टंकी पर क्लोरिनेटर - २.२६ करोड़
प्रत्येक टंकी पर मीटर - ४.४२ करोड़
भदभदा के लिए पेयजल स्त्रोत - ९.७८ करोड़
३ लाख घरेलु उपभोक्ता मीटर - १४५.६० करोड़
फीडर मेन - ७६.८८ करोड़
किसका कितना अंशदान :- जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन अंतर्गत स्वीकृत योजना मेन नियमानुसार केंद्र सरकार ५०%, २०% राज्य सरकार और शेष ३०% नगरीय निकाय मिलाते हैं
कब तक पूरी होगी योजना :- योजना को मंजूरी देने के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग प्रमुख सचिव राघव चंद्रा, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग आयुक्त एस. एन. मिश्रा, भोपाल महापौर सुनील सूद, भोपाल निगमायुक्त मनीष सिंह पहुंचे थी अगले तीन माह में पेयजल सप्लाई का काम शुरू करने एजेंसी शुरू कर दी जायेगी तथा इस योजना को २०११ तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है

January 13, 2009

सिंगरौली को सिंगूर नहीं बनने देंगे - शिवराज

<><><>(कमल सोनी)<><><> सिंगरौली (मध्यप्रदेश) में एस्सार पॉवर प्लांट लगाने पर उपजा विवाद थामने का नाम नहीं ले रहा है एस्सार पॉवर प्लांट लगाने के लिए किसानो को विस्थापित करने पर पिछले दिनों सिंगरौली में किसानो ने जिस तरह उग्र रूप धारण कर लिया और आगजनी की घटनाएं हुई उससे प्रदेश में राजनीती भी गरमा गई है लोकसभा चुनाव की सुगबुगाहट के चलते विपक्ष में बैठी कांग्रेस भी इस मुद्दे पूरी तरह से भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना नहीं चाहती लेकिन प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने साफ़ लफ्जों में कहा कि हम सिंगरौली को सिंगूर नहीं बनने देंगे मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ला और सिंगरौली के विधायक को वहां की जिम्मेदारी सौपी है हम किसी भी कीमत पर किसानो और वहां रह रहे गरीबों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने एक टीम तैयार की है जो वहां जायेगी और परिक्षण करेगी हम किसानो को उनकी ज़मीन का पूरा दाम देंगे किसानो के उग्र रूप ले लेने के बाद वहां उपजे विवाद की बात कहते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सिर्फ अतिक्रमण का मामला था जिसे हटवाने के लिए जिला प्रशासन पुलिस बल के साथ पहुंचा था जिसके विरोध में वहां गलत वातावरण निर्मित हुआ था
मुख्यमंत्री ने साफ साफ़ कहा कि प्रदेश में बिजली संकट है और उसे दूर करने के लिए हम सिंगरौली को पॉवर हब बनायेंगे और किसानो को उनका पूरा मुआवजा भी देंगे पुनर्वास के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि एइसे मामलों के लिए केंद्र की विस्थापन नीति का पालन किया जायेगा साथ में हम जो अतिरिक्त कर सकेंगे वह भी करेंगे सिंगरौली में हुए अतिक्रमण पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब इस तरह की घोषणाये होती है तो लोग अतिक्रमण कर उस पर अपने अपने दावे करने लगते हैं धारा ४ के अंतर्गत जो नहीं आते वे अतिक्रमण हैं जो जायज़ है और वैध है वो दिया जायेगा किसी के साथ अन्याय नहीं किया जायेगा मुख्यमंत्री ने विकास के इस विषय पर कोई भी अप्रिय स्थिति बनने से रोकने में मीडिया और विपक्ष से मदद करने आग्रह किया है
क्या है सिंगरौली विवाद :- प्रदेश में गहराए बिजली संकट से निपटने सिंगरौली में एस्सार पॉवर प्लांट लगाने के लिए उसे लगभग १८ सौ एकड़ ज़मीन का आवंटन किया गया जिसके लिए आवंटित क्षेत्र में रह रहे किसानो और गरीबों के विस्थापन की बात सामने आई तो वहां के निवासियों ने इसका विरोध किया विरोध ने उग्र रूप तब धारण कर लिया जब जिला प्रशासन पूरे बल के साथ वहां स्थनीय निवासियों को बेदखल करने पहुँच गया नतीजा यह हुआ कि हाथ में हल पकड़ने वाले किसानो ने डंडे, पत्थर और हथियार उठाकर सरकारी अमली पर हमला बोल दिया इस आक्रमण में कई अधिकारी कर्मचारी घायल हो गए
क्या हो समाधान :- मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ते बिजली संकट के चलते सिंगरौली में पॉवर प्लांट लगना भी बेहद आवश्यक है क्योंकि ये कहीं न कहीं पूरे प्रदेश के हित के साथ जुडा हुआ है ज़रुरत है शासन प्रशासन को पूरे तालमेल के साथ स्थनीय निवासियों और किसानो को विशवास में लेने की और न सिर्फ उन्हें उनकी ज़मीन का पूरा मुआवजा दिया जाये बल्कि उन्हें यह भी समझाना होगा कि इस पॉवर प्लांट के भविष्य में क्या फायदे होंगे क्यूंकि ज़रा सी लापरवाही और धैर्य में कमी से माहौल बिगड़ते देर नहीं लगती और फिर उसके बाद शुरू हो जाती है राजनीती राज्य सरकार को इस दिशा में गंभीरता से काम करना होगा क्योंकि किसानो को विश्वास में लिए बगैर इस पॉवर प्लांट की कल्पना करना गलत होगा वर्त्तमान में सिंगरौली में जो हालत हैं उससे किसी भी तरह की जदबाजी करना घातक हो सकता है हालाकि इस विषय पर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की गंभीरता को भी नकारा नहीं जा सकता

January 9, 2009

मध्यप्रदेश में गहराया बिजली संकट

<><><>(कमल सोनी)<><><> मध्यप्रदेश में बिजली संकट दिन बी दिन गहराता ही जा रहा है यही वजह है कि विधुत मंडल को अघोषित कटौती करनी पड़ रही है प्रदेश में बढ़ते बिजली संकट के चलते शिवराज सरकार की मुश्किलें बढ़ गईं हैं प्रदेश में बिजली संकट के आसार तो पहले ही नज़र आ रहे थे लेकिन इसका स्वरुप इतना भयावह होगा इसका अंदाजा नहीं था अघोषित बिजली कटौती का यह आलम हैं कि प्रदेश के गाँवों में प्रतिदिन २० - २० घंटे बिजली की कटौती की जा रही है दूसरी और अघोषित बिजली कटौती से शहरों में भी कामकाज प्रभावित हो रहा है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मांग और आपूर्ति में २ हज़ार मेगावाट का अन्तर आ गया है विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र ३०० करोड़ की बिजली सरकार पहले ही खरीद चुकी थी लेकिन अब उसके लिए और बिजली खरीद पाना मुश्किल हो रहा है विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की बिजली खरीदने की रणनीति तो चल गई लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव तक वे इसे नहीं चला पा रहे हैं दूसरे और प्रदेश के बिजली उत्पादन संयंत्र भी अपनी पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन नही कर पा रहे हैं लगातार हो रही अघोषित कटौती से आम जनमानस में रोष व्याप्त होने लगा है राजनितिक गलियारों में तो यह भी सुगबुगाहट है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बिजली मुद्दा बीजेपी को नुक्सान पहुचायेगा बिजली संकट से बीजेपी संगठन, विधायकों और सांसदों में भय व्याप्त है क्योंकि संगठन में आगामी लोकसभा चुनाव में उन पर ही जीत की जिम्मेदारी सौपी है लेकिन बीजेपी संगठन, विधायक और सांसद कब तक इस समस्या से लोगों का ध्यान बटा पाएंगे यह उनके लिए एक बड़ी चुनौती है

January 2, 2009

अब जानवर भी लिए जा सकेंगे गोद.....

<><><>(कमल सोनी)<><><> नए वर्ष के आगाज़ के साथ अभिनीता ने "अभी" को गोद लिया सोचिये मत "अभी" वन विहार में रह रहे एक अजगर का नाम है नए साल के पहले ही दिन जब अभिनीता को पता चला की वन विहार में वन्यप्राणियों को गोद लेने की नै योजना प्रारंभ की गई है तो वह अपना प्रकृति प्रेम रोक न सकी और उसने बिना विलंब किये वन विहार पहुंचकर एक अजगर जिसका नाम "अभी" है गोद लिया आमजनमानस में वन्य प्राणियों और प्रकृति के प्रति स्नेह और उनके संरक्षण के लिए जागरूकता बढाने के लिए वन विहार भोपाल (मध्यप्रदेश) ने एक नई योजना प्रारंभ की है और वह है वनविहार में रह रहे वन्य प्राणियों को गोद लेने की योजना इस योजना के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति वन विहार में रह रहे जानवरों को गोद ले सकेगा वन विहार में बाघ, सिंह, तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा, भू।रीछ, सियार, मगर, घड़ियाल, अजगर, सर्प को गोद ले सकता है गोद लेने वाला व्यक्ति वार्षिक, अर्धवार्षिक, त्रैमासिक अथवा मासिक आधार पर इन्हें गोद ले सकता है वन्य प्राणियों को गेद लेने के लिए भगतान की गई राशि को आयकर से पूर्णतः मुक्त रखा गया है गोद लेने वाले व्यक्ति का नाम उस जानवर के बाड़े का सामने लगाया जायेगा वनविहार ने प्रत्येक जानवरों के लिए प्रथक रूप से वार्षिक, अर्धवार्षिक, त्रैमासिक अथवा मासिक आधार पर भुगतान की जाने वाली राशी की सूची भी जारी की है वन विहार के अधिकारियों को इस योजना के सफल होने की पूरी उम्मीद है गोद लेने के लियी आवाश्याक फार्म वनविहार कार्यालय से प्राप्त होगा क्या होगा राशी का :- गोद लिए गए वन्य प्राणी के लियी दी गई राशी मध्यप्रदेश टाइगर फाउन्ड़ेशन सोसायटी में जमा कराई जायेगी वन्यप्राणियों और प्रकृति के प्रति आमजनमानस में जागरूकता तथा स्नेह लाने के लिए वनविहार की यह पहल है तो अनूठी लेकिन यह कितनी कारगर होगी और लोगों को लुभा पाने में कितनी सफल होगी इस बात का पता तो आने वाले समय में ही चल सकेगा
वनविभाग द्वारा जारी वन्यप्राणियों को गोद लेने के लिए व्यय की जाने वाली राशिः की सूची :-