March 2, 2009

शाही होगा इस बार का लोकसभा चुनाव - १० हज़ार करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान

<><><>(कमल सोनी)<><><> एक और पूरी दुनिया आर्थिक संकट से जूझ रही है तो दूसरी और आगामी लोकसभा चुनाव में सभी पार्टियां दिल खोलकर खर्चे करेंगी इस बार के चुनाव अमेरिकी चुनावों से भी महंगे होंगे चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखों की भी घोषणा कर दी है इस बार आम सत्ता का महाकुम्भ पांच चरणों में संपन्न होगा चुनाव की घोषणा होते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है
देश पर छाए आर्थिक संकट के बावजूद विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा लोकसभा चुनावों के दौरान पानी की तरह पैसा बहाए जाने के आसार हैं। सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) द्वारा कराए गए सर्वे के मुताबिक अप्रैल-मई में प्रस्तावित आम चुनावों का कुल खर्च करीब दस हजार करोड़ रुपए आ सकता है। और यह तो सिर्फ लोकसभा चुनाव का ही खर्चा है लोकसभा चुनाव के साथ कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव भी संपन्न होंगे उनका व्यय अलग होगा यह राशि अमेरिका के अब तक के सबसे महंगे बताए जा रहे इस बार के राष्ट्रपति चुनावों में उम्मीदवारों द्वारा किए गए 1.8 अरब डॉलर (करीब 8000 करोड़ रुपए) के खर्च से भी कहीं ज्यादा है। खास बात तो यह है अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में इतना खर्च लगभग एक साल में किया गया लेकिन देश में होने वाले लोकसभा चुनाव में १०हज़ार करोड़ से अधिक राशिः मात्र दो से ढाई माह में ही खर्च कर दी जायेगी अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में 4000 करोड़ रु बराक ओबामा ने किये थे वहीं 1200 करोड़ रु हिलेरी क्लिंटन ने खर्च किये थे और 2000 करोड़ रु जॉन मेक्केन ने व्यय किये थे इसके अलावा 800 करोड़ रु अन्य खर्चे हुए थे
दोगुना से ज्यादा महंगे चुनाव :- वर्ष 2004 में भारत में 14 वीं लोकसभा के लिए हुए पिछले आम चुनाव में कुल 4500 करोड़ रु व्यय हुए थे और इस बार यह राशिः बढ़कर 10 हज़ार करोड़ रु होने का अनुमान है ‘वोट के बदले नोट’ का खेल :- सर्वे में जारी रिपोर्ट के मुताबिक दस हजार करोड़ रुपए का एक चौथाई हिस्सा यानि करीब 2500 करोड़ रुपए उम्मीदवारों द्वारा अनाधिकृत तरीके से वोटरों को दिए जाने के आसार हैं। कर्नाटक व आंध्रप्रदेश में बड़े पैमाने पर वोटों की खरीद-फरोख्त हो सकती है।
कौन करेगा कितना खर्च :-
चुनाव आयोग : 1300 करोड़ रु.
केंद्रीय व राज्य एजेंसियां : 700 करोड़ रु.
पार्टी फंड : 1650 करोड़ रु. जिनमें क्षेत्रीय दलों के उम्मीदवार : 1000 करोड़ रुपए खर्च करेंगे।
केंद्रीय स्तर के उम्मीदवार : 4350 करोड़ रु.
मतदाताओं को लुभाने : 2500 करोड़ का खर्च होगा
कब कब हुआ कितना खर्च :-
वर्ष 1991 आम चुनाव :- 1700 करोड़ रु
वर्ष 1996 आम चुनाव :- 2200 करोड़ रु
वर्ष 1998 आम चुनाव :- 3200 करोड़ रु
वर्ष 2004 आम चुनाव :- 4500 करोड़ रु

No comments: