<><><>(कमल सोनी)<><><> कुर्सी के लिए कुछ भी करेगा जी हाँ लोक सभा चुनाव की सुगबुगाहट होते ही देश में प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के लिए राजनीति गर्म हो गई है जब बात कुर्सी की हो अपने भी बेगाने हो जाते हैं प्रधानमंत्री पद के लिए दोनों ही पार्टी कांग्रेस और बीजेपी में घमासान मचा है किसी को पार्टी प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट कर रही है तो कोई खुद को ही प्रधानमंत्री पद का दावेदार बता रहा है चाल, चेहरा और चरित्र की बात करने वाली पार्टियों अन्दर ही अन्दर कितना विरोध है इस घमासान से इसका अंदाजा साफ़ तौर पर लगाया जा सकता है दूसरी और इस घमासान के बीच मतदाता तो छोड़ खुद पार्टी कार्यकर्ता इस संशय में है कि कौन बनेगा प्रधानमंत्री ?
लाल कृष्ण आडवाणी, भेरोसिंह शेखावत, नरेन्द्र मोदी
राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, या फिर मनमोहन सिंह
भाजपा में मचा घमासान :- बीजेपी ने प्रधानमंत्री पद के लिए पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवानी को प्रोजेक्ट किया हुआ है तो पूर्व उप राष्ट्रपति भेरो सिंह शेखावत ने खुद को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताकर पार्टी में हड़कंप मचा दिया शेखावत ने तो यह तक कहा कि में बीजेपी से खुश नहीं हूँ भेरोसिंह शेखावत के इस बयान के बाद कि हर हाल में चुनाव लडूंगा और चुनाव बीजेपी से ही लडूंगा । उसके बाद उन्होंने बीजेपी आलाकमान के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह के इस बयान के बाद कहा कि गंगा नहाने के बाद कोई कुएं में नहीं नहाएगा हालाकि लाल कृष्ण आडवाणी को लेकर बीजेपी में पहले ही दो राय रही है लेकिन पार्टी में उनकी वरिष्ठता के आधार पर उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है
अटल जी भी लड़ सकते हैं चुनाव :- खुद की ही पार्टी में हलचल मचाने वाले पूर्व उप राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के बाद पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भी लोक सभा चुनाव लड़ने की संभावना जता दी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन ने कल लखनऊ में एक प्रेस वार्ता में कहा कि यदि अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ से चुनाव लड़ना चाहेंगे तो कोई भी उन्हें मना नहीं करेगा।
खबर तो ये भी है कि कल्याण सिंह ने भी अन्दर ही अन्दर अपने लोगों और समर्थकों के बीच खुद को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया जिससे बीजेपी को सांप सूंघ गया है कल्याण सिंह ने तो यह भी कहा दिया कि देश के मौजूदा हालत में देश के मेरे नेत्रत्व की ही ज़रुरत है
इतना ही नहीं प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी में बीजेपी के स्टार प्रचारक और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी भी पीछे नहीं हैं पीएम पद पर लालकृष्ण आडवाणी की दावेदारी को लेकर पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत के सवालों के घेरे से अभी पार्टी उबरी भी नहीं थी कि प्रमुख उद्योगपति अनिल अंबानी और सुनील मित्तल ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की वकालत करने से मोदी तो गदगद हैं पर भाजपा में खलबली मच गई है। ख़ास बात यह है कि उद्योगपति अनिल अंबानी और सुनील मित्तल ने यह बात एक इन्वेस्टर्स मीट के दौरान कही थी मोदी के प्रधानमंत्री बनाने के बारे में भाजपा का मानना है कि लालकृष्ण आडवाणी मोदी सहित पार्टी के दूसरी पीढ़ी के नेताओं के गॉडफादर के रूप में हैं और उनके मार्गदर्शन व प्रेरणा से ही वे आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। भाजपा ने उद्योगपतियों के बयान को कम महत्व देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इनवेस्टर्स कॉन्फ्रेंस में नहीं चुने जाते हैं। हलाकि पार्टी का यह बयान पार्टी में मोदी की छवि को दर्शाता है और यह भी समझ में आ जाता है कि "पीएम इन वेटिंग" मोदी भी हैं खुद भेरों सिंह शेखावत यह कहते हैं कि नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री के लायक बताकर उद्योग जगत ने ठीक ही किया है
कांग्रेस में भी उथल पुथल :- प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस में भी उथल पुथल मची हुई है प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के लिए कांग्रेस में दो सुर सुनाई दे रहे है एक तरफ "वी.वांट प्रियंका" तो दूसरी तरफ "वी वांट राहुल" हलाकि इन मांगों के बीच सोनिया गांधी की मांग बराबर बनी हुई है लेकिन हैरत की बात तो यह है मोजूदा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पक्ष में अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है कांग्रेस का एक बड़ा तबके का यह भी मानना है कि यदि प्रियंका गांधी को चुनाव में उतारा जाता है तो पार्टी में जान आ सकती है। दूसरी ओर कांग्रेस ने अगले लोक सभा चुनाव में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश करने की मुहिम शुरू कर दी है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने भी राजीव गांधी का हवाला देते हुए राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की बकालत की विदेश मंत्री के इस बयान के बात यह तो समझ में आता है खुद मनमोहन सिंह के नेत्रत्व में विदेश मंत्रालय संभालने वाले प्रणब मुखर्जी को अन्दर ही अन्दर कोई गम तो नहीं सता रहा वरना वे मौजूदा प्रधानमंत्री के होते किसी अन्य की बात क्यों कहते ?
दूसरी पूर्व लोकसभा एवं राज्य सभा अध्यक्ष गुफरान आज़म ने भी प्रियंका गांधी में स्वर्गीय इंदिरा गांधी की झलक की बात कहते हुए प्रियंका गांधी के समर्थन की बात कही श्री आज़म ने कहा कि राहुल गांधी को पार्टी संगठन का काम सौप देना चाहिए हालाकि प्रियंका गांधी को सीधे तौर पर प्रधानमंत्री बनाने की बात से वे बचते रहे मोदी के नाम पर भड़की कांग्रेस :- कांग्रेस ने नरेन्द्र मोदी और लाल कृष्ण आडवाणी दो की साम्प्रदाइक करार देते हुए इसकी निंदा की और कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री बनाना गैरजिम्मेदाराना है
अब तो यही लगता है कि प्रधानमंत्री पद की कुर्सी के लिए शुरू हुआ घमासान लोक सभा चुनाव तक चलने वाला है इस घमासान में फिर दोनों ही पार्टियों में कार्यकर्ताओं और अपने नेता के समर्थकों की संख्या बढेगी और पार्टियों में फूट की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता इन सबका परिणाम यही होगा कि लोकसभा चुनावों में दोनों ही पार्टियों को वृहद पैमाने पर भीतर घात का सामना करना पडेगा लेकिन सत्ता की इस लड़ाई में जहां दो पार्टियां आमने सामने हैं तो कुर्सी की इस लड़ाई में पार्टी के कद्दावर नेता और कार्यकर्ता आमने सामने हैं हालाकि उम्मीद की जा रही है पार्टियों में चल रहा यह घमासान ज़ल्द थमते नज़र नहीं आ रहा है
January 16, 2009
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