January 17, 2009

ओनली फॉर लेडीज़.............?


<><><>(कमल सोनी)<><><> घर से बहार काम-काज और कॉलेज जाने वाली महिलाओं और युवतियों के लिए बेहद अच्छी ख़बर है मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अब सिर्फ़ महिलाओं के लिए प्रथक से मिनी बसे चलेंगी हलाकि यह सब कब शुरू होगा इसकी अभी कोई ख़ास जानकारी नहीं है लेकिन "ओनली फॉर लेडीज़ बस सर्विस" शुरू हो जाने पर काम-काज और कॉलेज जाने वाली महिलाओं और युवतियों को काफी राहत ज़रूर मिलेगी आम तौर पर शहरों में चलने वाली मिनी बसों महिलाओं के लिए अतरिक्त स्थान आरक्षित रहता है लेकिन नियम क़ानून से चलने की आदत ही कहाँ है मिनी बसों में तो पहले आओ पहले पाओ का सिस्टम जो लागू होता है दूसरी ओर सिटी बसों में मिहिलाओं से छेड़छाड़ और बदतमीजी कराने वालों की भी कमी नहीं होती लिहाजा महिलायें ओर युवतियां किसी तरह दबी छिपी अपने गंतव्य तक पहुँचना ही उचित समझ लेती हैं लेकिन इस बीच अपनी सीट छोड़कर किसी महिला को सीट देने वाले कुछ छुटपुट उदाहरण भी देखने को मिलते हैं
महिलाओं और युवतियों की इन्ही समस्याओं के मद्देनज़र भोपाल आर.टी.ओ. विभाग ने कमर कास ली है ओर वह महिलाओं के लिए पृथक से मिनी बस सर्विस शुरू करने जा रहा है इन मिनी बसों में महिलाओं के अलावा १२ वर्ष तक के बच्ची भी चल सकेंगे
नए परमिट मंगाए :- "ओनली फॉर लेडीज़ बस सर्विस" शुरू करने के लिए आर.टी.ओ. विभाग शहर के कन्या महाविद्यालयों से भी चर्चा कर रहा है इससे पूर्व बी.एस.एन.एल. ने भी महिलाओं के लिए पृथक से बस सेवा शुरू करने की बात कही थी "ओनली फॉर लेडीज़ बस सर्विस" के लिए आर.टी.ओ. विभाग ने नई मिनी बसों ओर टाटा मेजिक वाहनों के परमिट जारी करने हेतु आवेदन आमंत्रित किए हैं हलाकि पहले से ही बढ़ी मिनी बसों ओर टाटा मेजेइक वाहनों की तादात के मद्देनज़र आर.टी.ओ. विभाग ने मिनी बसों ओर टाटा मेजिक वाहनों के नये परमिट जारी करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था लेकिन अभी आर.टी.ओ. विभाग ने "ओनली फॉर लेडीज़ बस सर्विस" के लिए ही परमिट आवेदन मँगाए हैं
चालक और परिचालक होंगी महिलाएं :- महिलाओं के लिए पृथक से चलने वाली मिनी बसों में चालक ओर परिचालक सिर्फ़ महिलायें ही होंगी आर.टी.ओ. विभाग सिर्फ़ उन्ही वाहनों के लिए परमिट जरी करेगा जिनमें चालक परिचालक महिलायें हों इसके लिए आर.टी.ओ. विभाग ने महिला चालाक के लिए मात्र एक साल के अनुभव पर हेवी लाइसेंस देनी की बात कही है हालाकि पुरुषों के मामले में हेवी लाइसेंस देने का नियाम पाँच साल का है महिलाओं को हेवी लाइसेंस लेने के लिए उम्र २० वर्ष और आठवीं पास होना, तथा एक वर्ष का हल्का वाहन चलाने का अनुभव होना अनिवार्य होगा
"ओनली फॉर लेडीज़ बस सर्विस" शुरू हो जाने के बाद जहाँ महिलाओं को रोज़ रोज़ की दिक्कतों से निजात मिलेगी तो दूसरी और सार्वजनिक रूप से होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं पर अंकुश लगाने में थोड़ी मदद भी मिलेगी

7 comments:

makrand said...

acchi jankari di aapne

संगीता पुरी said...

आर.टी.ओ. विभाग का यह कदम सराहनीय है....इससे महिलाओं को कुछ सुविधा अवश्‍य हो जाएगी।

डॉ .अनुराग said...

achhi khabar hai.

Udan Tashtari said...

अच्छी खबर!!

महेंद्र मिश्र.... said...

भाई ये तो महिलाओं के लिए अच्छी ख़बर है . अच्छी शुरुआत हो रही है .

अनूप शुक्ल said...

अच्छा है।

तरूश्री शर्मा said...

हां जी...मैं भी पहली बार ऐसी बस में हैदराबाद में बैठी थी। चढ़ने के बहुत देर तक मुझे लगता रहा कि इस बस में कुछ है जो अलग सा है... लेकिन क्या, यह समझ नहीं आ रहा था। वहां तो कंडक्टर वैसे भी महिलाएं ही होती हैं। थोड़ी देर बाद जब भागती बस में एक नौजवान चढ़ा और अगले ही पल वापस कूद गया तो ध्यान से देखने पर पता चला कि अजीब यह था कि पूरी बस महिलाओं की थी और एक भी पुरुष उसमें सफर नहीं कर रहा था।