(कमल सोनी)>>>> किसी को आत्महत्या में मदद करना 'हत्या है या फिर सहायता' इस विषय पर एक नई बहस छिड़ गई है. असिस्टेड सुसाइड को लेकर इसके समर्थकों और विरोधियों में वैचारिक मतभेद उभरकर सामने आये हैं. आत्म ह्त्या में मदद करने वाले भाले ही अपने परिचितों, रिश्तेदारों और दोस्तों की मौत आसान बना रहे हों. लेकिन इसको लेकर कई विवाद हैं. लोगों का यह भी कहना है कि असिस्टेड सुसाइड एक ह्त्या है. लोगों का कहना है कि असिस्टेड सुसाइड को कानूनी मान्यता मिल जाने पर इसका दुरुपयोग होने लगेगा. और अपराधी इस कानून का सहारा लेकर बच निकलेंगे. हालाकिं विश्व में कई देश ऐसे हैं. जहां असिस्टेड सुसाइड को कानूनी मान्यता है. स्विटज़र लैंड को इस मामले में सबसे आगे जाना जाता है. इसके अलावा बेल्जियम, कनाडा, चीन और अमेरिका में भी असिस्टेड सुसाइड को कानूनी मान्यता है. इसके अलावा दुनिया भर की कई संस्थाएं भी असिस्टेड सुसाइड का समर्थन करती हैं.
असिस्टेड सुसाइड सही या गलत :- असिस्टेड सुसाइड यानी आत्म ह्त्या में मदद करना सही है या गलत इसको लेकर विवाद है. विवाद का मुख्य कारण एक निजी समाचार चैनल की एंकर गोसलिंग है . जिसने अपने प्रेमी को आत्महत्या में मदद की थी. गोसलिंग ने स्वीकार किया है कि उन्होंने दर्द से पीड़ित प्रेमी को आत्महत्या में मदद कर उसे हमेशा के लिए राहत दी है. मामला यह है कि गोसलिंग का प्रेमी घातक बीमारी एड्स से पीड़ित था. गोसलिंग का कहना है कि "कुछ समय पहले मेरे प्रेमी ने मुझसे एग्रीमेंट किया था. जिसमें लिखा है कि जब उसे बहुत दर्द हो और मौत के अलावा कोई रास्ता न हो तो में उसे मौत की नींद सुला दूं. और मैंने जो कुछ भी किया एग्रीमेंट के तहत किया."
असिस्टेड सुसाइड को लेकर कोई सहमति दर्शा रहा है तो कोई असहमत हैं. नेशनल काउन्सिल फॉर पैलियातिव केयर, एज कंसर्न, हेल्प द होस्पीशीज इत्यादि के किये गए सर्वे में ३७३३ डॉ. को शामिल किया गया. जिसमें ६५ फेआसदी डॉ. ने आत्महत्या में मदद को गलत करार दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि इसे कानूनी मान्यता दिया जाना गलत है. वहीं दूसरी और अमेरिका में १५६० नर्सों पर किये गए सर्वे में यह तथ्य निकलकर सामने आया है कि "दर्द से मौत के करीब पहुंचे मरीज़ के लिए यह सही है. उनका कहना है कि गंभीर रूप से बीमार, और मरणासन्न स्थिति में यदि कोई मरीज हो. या फिर उसके शारीरिक अंगों एन काम करना बंद कर दिया हो ऐसी स्थिति में उसे दर्द से छुटकारा दिलाना पाप नहीं है. कुछ लोगों ने असिस्टेड सुसाइड को "ह्त्या का लाइसेंस" करार दिया है.
कई देशो में है कानूनी मान्यता :- बेल्जियम में सुसाइड के लिए आवेदन कर अनुमति मंगाने के इजाजत है. वह व्यक्ति जो बीमार है, और वयस्क है और उसकी बीमारी का कोई उपचार न हो सकता हो, ऐसी स्थिति में यदि मरीज के साथ दो डॉ. सहमती प्रमाण पत्र दे. तो असिस्टेड सुसाइड की अनुमति मिल सकती है. विपरीत कनाडा में भी असिस्टेड सुसाइड और सुसाइड करना जुर्म नहीं है बल्कि अपने शरीर को किसी तरह की कोई क्षति पहुँचाना अपराध ज़रूर है. वहीं चीन तथा अमेरिका के तीन राज्यों में भी असिस्टेड सुसाइड के लिए अनुमति लेने का प्रावधान है. इन मामलों में स्विट्जरलैंड सबसे आगे है. लोग जाकर मर्सी किलिंग, असिस्टेड सुसाइड, सुसाइड के लिए स्विट्जरलैंड जाते हैं. यही वजह है कि स्विट्जरलैंड को दुनिया का सुसाइड पॉइंट कहा जाता है.
बदल सकता है आत्महत्या का मददगार कानून :- स्विट्जरलैंड सरकार जल्द ही अपने देश के एक विवादित कानून में संशोधन कर सकती है जिसके तहत लोगों को आत्महत्या करने में मदद मिलती है। सरकार ने अब इसमें बदलाव की ठान ली है और संशोधन के प्रस्ताव पेश किए जा रहे हैं। दरअसल, इस नीति के तहत गम्भीर रूप से बीमार लोगों को डॉक्टरी सलाह पर आत्महत्या करने का हक दिया गया है। लेकिन इसकी आड़ में ऎसे लोगों को अपना जीवन खत्म करने में मदद की जा रही है जो गम्भीर रोगी नहीं हैं।
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