<><><>(कमल सोनी)<><><> हस्त शिल्प और हथकरघा उद्योग से जुड़े लोगों के लिए यह एक अच्छी खबर है आगामी 28 फरवरी और 1 मार्च को इन्दोर में रिवर्स वायर सेलर्स मीट का आयोजन स्थानीय होटल फॉरच्यून लैंडमार्क में किया जा रहा है जहाँ पूरे मध्यप्रदेश से हस्त शिल्प और हाथ करघा उद्योग से जुड़े लोग एक साथ एक मंच पर एकत्र होंगे हस्त शिल्प और हाथ करघा उद्योग से जुड़े लोगों में जहाँ एक और शीपी बुनकर होंगे तो वहीं दूसरी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खरीददार, निर्यातक, डीलर और वितरक भी भारी संख्या में मौजूद रहेंगे इस आयोजन का उद्देश्य मध्यप्रदेश के हस्त शिल्प और हथकरघा व्यवसाय से जुड़े लोगों को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाना तथा अंतरराष्ट्रीय व्यावसाइयों से सीधे उनका संवाद कर उनकी पसंद, बदलते तौर तरीकों, विदेशी बाज़ार की ज़रूरतों तथा अंतर्राष्ट्रीय मानकों से अवगत कराना है ताकि मध्यप्रदेश हस्त शिल्प और हथकरघा कला को प्रोत्साहन मिले तथा इस परम्परा को जीवीत भी रखा जा सके रिवर्स वायर सेलर्स मीट में अंतर्राष्ट्रीय कला व्यवसाई और खरीददार भी प्रदेश में उपलब्ध कौशल और कला से परिचित होने का मौका मिलेगा
ये हैं आमंत्रित :- रिवर्स वायर सेलर्स मीट में फ्रांस, मलेशिया, स्पेन, लेबनान, स्विट्जरलैंड, यूंएसऐ, पोलेंड, ब्राजील, साउथ अफ्रिका, अर्जेन्टीन के करीब २९ ग्राहक आमंत्रित किये गए हैं इसके अलावा भारत से ४ बाइंग एजेंट भी इस मीट में शामिल होंगे इन सबके अलावा ऐसे निर्यातक और डीलर भी शामिल होंगे जो हस्त शिल्प और हथकरघा उत्पादों को विदेशों में निर्यात करते हैं इसके अलावा देश के औधोगिक घरानों जैसे बिग बाज़ार, शापर्स स्टाप, रिलाइंस, वेस्ट साइड फेब इंडिया और मदर आर्थ जैसे कई संस्थाओं को आमंत्रित किया गया है
क्या होगी मीट की रौनक :- प्रदेश में आयोजित होने वाली अपने ही तरह के पहली मीट में चंदेरी, माहेश्वरी, बाघ प्रिंट्स, वारासिवनी के सूतीवस्त्र, चादर, परदे, चमडे के उत्पाद, खिलौने, जूट के उत्पाद, चातारपुर के कलात्मक फर्नीचर, बांस के फर्नीचर, बेलमेटल, सिरेमिक्स, पत्थर की कलाकृतियाँ, ग्वालियर के गलीचे, कलात्मक ज्वेलरी, तथा बुटिक उत्पाद मीट की रौनक बढायेंगे
बहरहाल नई नई तकनिकी आती रही लेकिन हस्त शिल्प कला का जादू कभी कम नहें हुआ हलाकि बदलते परिवेश और नई सोच इन्हें पतन की और ले जा रहा है ऐसे में रिवर्स वायर सेलर्स मीट प्रदेश के शिल्प कारीगरों और शिल्प व्यावसाय में नई जान फूंकने का काम ज़रूर कर सकता है आने वाले समय में ऐसे आयोजन का होना बेहद आवश्यक है ताकि हमारे देश और संस्कृति की पहचान इस क़ला को सदियों तक जीवंत रख सकें और आने वाली पीढी को भी इसे जीवित रखने के लिए प्रेरित कर सकें
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1 comment:
dil me jagah kar lo,janab bas ham to aaye. narayan narayan
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