February 17, 2009

अब तन्हा बाघ के लिए दुल्हन लाने की तैयारी

<><><>(कमल सोनी)<><><> मध्य प्रदेश के पन्ना बाघ अभयारण्य में जिन्दगी का सफर तन्हा गुजार रहे एक बाघ को जल्द ही बाघिन का साथ मिल जाएगा। लंबी तलाश के बाद इस बाघ के लिए जीवन साथी ढूंढ ली गई है। पन्ना बाघ अभयारण्य में रह रहे बाघ की दुल्हन है रानी और इस बाघिन का मायका है बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य से बाघिन रानी को वायुसेना के हेलीकाप्टर से पन्ना लाया जाएगा। भारतीय वन्यजीव संस्थान डब्ल्यूआईआई की गणना में पन्ना बाघ अभयारण्य में बाघों की संख्या आठ बताई गई थी, लेकिन कुछ बाघ विशेषज्ञों ने यहां सिर्फ एक बाघ की मौजूदगी बताई है ऐसी स्थिति में इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था कि पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में बाघों को आबाद करने के लिए दूसरी जगह से प्रजनन क्षमता वाली बाघिन यहां लायी जाए। इस प्रयोग में बाघिन को नये माहौल में ढालने के लिए कुछ दिन तक उसे इसी घेरे में रखा जाएगा इसके लिए जिस बाड़े में उसे रखा जायेगा उसका भी काम लगभग पूरा हो चुका है और फिर माहौल में रच-बस जाने के बाद उसे रेडियो कालर पहनाकर जंगल में खुला छोड़ दिया जाएगा जिससे उसका बाघ से मिलन हो सके।
रखी जा रही है बाघिन पर निगरानी :- बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में रह रही बाघिन पर सतत निगरानी रखी जा रही है हाथी पर गश्त करते दल प्रतिदिन बाघिन पर नज़र रखे हुए हैं इस अभियान में टाइगर रिजर्व की भुमिका बाघिन को पकड़वाकर उसे हैलीकाफ्टर तक भिजवाने की है
सजेगी डोली :- पन्ना वन रियासत की नई रानी की डोली सजाने की तैयारी भी जोरों पर है बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से रवाना होकर यह डोली पाना बाघ अभ्यारण्य पहुंचेगी ख़ास बात यह है कि इस अभिनव प्रयोग के हर पल को कैमरे में कैद किया जायेगा खबर तो यह भी हैं कि पन्ना राष्ट्रीय पार्क प्रबंधन इसके लिए कॉपी राइट्स भी बेचने जा रहा है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग आगामी २५ फरवरी से २८ फरवरी के बीच यह प्रयोग करेगा बाघिन की डोली सजाने के लिए वायु सेना से हैलीकाफ्टर भी माँगा गया है साथ ही बाघिन को पहनाया जाने वाला रेडियो कॉलर भी विदेश से मंगाया जा रहा है
बहरहाल बाघों की घटती संख्या बेहद चिंताजनक है वन विभाग को आगामी समय में ऐसे और भी प्रयोग करने होंगे ताकि तेज़ी से घाट रही बाघों की संख्या पर रोक लगाईं जा सके और किसी तरह इनकी संख्या में बढोत्तरी की जा सके इससे पूर्व भी वन विहार भोपाल ने भी आम जनमानस में वन्य प्राणियों और प्रकृति के संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से वन्य प्राणी एडाप्शन योजना शुरू की थी जो कि बेहद लोकप्रिय भी हो रही है इसके बाद वन विहार का यह कदम निश्चित रूप से प्रशंसनीय है

1 comment:

Hari Joshi said...

बाघ के संरक्षण के लिए अच्‍छी खबर। बधाई आपको और बाघ जी को।