<><><>(कमल सोनी)<><><> क्या आपका कोई प्रेम प्रसंग तो नहीं ? और क्या आप वेलेंटाइन डे पर कहीं डेट पर जाने का प्लान तो नहीं बना रहे ? तो हो जाइए सावधान क्योंकि साल भर बाद फिर जाग गए हैं धर्म और संस्कृति के रखवाले ऐसे में अपना वेलेंटाइन डे एक दिन पहले या फिर एक दिन बाद मनाना ज़्यादा बेहतर होगा वेलेंटाइन डे की सुगबुगाहट होते ही देश में धर्म के रखवाले एक बार फिर जाग गए और वेलेंटाइन डे जाते ही फिर एक साल के लिए सो जायेंगे पूरे साल इन्हें देश में कहीं अश्लीलता नहीं दिखती
ये धर्म और संस्कृति के रखवालों ने कसम खा रखी है देश के प्रेमी प्रेमिकाओं के संस्कार सिखाने की और ये सब वो मान सम्मान और संस्कारों को ताक पर रखकर करते हैं उनकी यह हरक़त दीपक तले अँधेरे की तरह ही लगती है ऐसा लगता है जैसे अपने ही देश में जीना दूभर हो रहा है एक तरफ धर्मवाद तो दूसरी तरफ क्षेत्रवाद तीसरी तरफ जातिवाद वास्तव में देखा जाए तो देश में ऐसा कुछ भी नहीं लेकिन धर्मवाद, क्षेत्रवाद, और जातिवाद भड़काने वाले कुछ तत्त्व समूचे राष्ट्र का माहौल खराब करने पर तुले हुए हैं धर्म, जात, क्षेत्र को राजनीति से जोड़कर अपना स्वार्थ सिद्ध करना ही इनका मकसद है
हम उस देश के वासी हैं जिस देश में राधा कृष्ण के अमर प्रेम की पूजा की जाती है आज उसी देश में धर्म के रखवाले प्रेम को अश्लीलता का नाम देकर अपने राजनितिक लाभ बटोरने के चक्कर में आये दिन जो मन करता है वही करने लगते हैं ऐसा उनके द्वारा किये गए कामो से ही पता चलता है यदि वे वास्तव में देश भक्त और धर्म भक्त हैं तो उन्हें अपनी बात कहने का कोई दूसरा तरीका निकालना चाहिए लेकिन सरेआम गुंडागर्दी करके वे खुद अपनी साख पर कुल्हाडी मारने का कम तो कर ही रहे हैं दूसरा देश में अराजकता और फैला रहे हैं वेलेंटाइन डे प्रेम का पर्व है और इस देश में सभी को इस पर्व को मनाने की स्वतन्त्रता है
14 फरवरी को बजेंगे रक्षाबंधन के गीत :- छतीसगढ़ में तो इन धर्म के रखवालों ने ऍफ़.एम्. रेडियो चेनलों के लिए निर्देश तक जारी कर दिए के वेलेंटाइन डे पर सिर्फ बजेंगे राखी के गीत यदि प्रेम भावना से प्रेरित गाने बजे तो ऍफ़.एम्. रेडियो चेनलों की खैर नहीं दूसरी और धर्मसेना ने पकड़े गए प्रेमी जोड़ों की शादी करवाने का फैसला किया है। शिवसेना के छतीसगढ़ प्रमुख धनंजय परिहार ने कहा है कि उनकी पार्टी इस पर्व का विरोध करेगी और इसके लिए होटलों, रेस्तराओं तथा शुभकामना पत्र बेचने वालों से कहा गया है कि इस दिन कोई विशेष कार्यक्रम आयोजित नहीं करें। परिहार ने कहा है कि 14 फरवरी को जगह-जगह रक्षा बंधन के गीत बजाए जाएंगे।
भाई बहन के लिए विशेष परिचय पत्र जारी हो :- वेलेंटाइन डे पर धर्म और संस्कारों के रखवालों द्वारा किये जा रहे विरोध प्रदर्शनों से 14 फरवरी को अपने घरों से भाई बहनों का भी एक साथ निकलना दूभर है दो साल पहले का एक बाकया याद आता है घटना मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर की है जब वेलेंटाइन डे के दिन सिविक सेंटर चौपाटी के पास से मोटर साइकिल पर गुजर रहे भाई बहन को वेलेंटाइन डे का विरोध करने वालों ने देख लिया और उन्हें रोका उनके लाख कहने पर भी वे भाई बहन हैं धर्म के रखवालों ने एक न सुनी और उन्हें प्रेमी युगल समझकर उनके साथ जमकर मारपीट की दोनों भाई बहन जब गंभीर रूप से घायल हो गए तो वे उन्हें छोड़ कर चले गए ऐसे में जब प्रशासन इन घटनाक्रमों पर रोक लगाने में पूरी तरह से नाकाम हो चुका है तो प्रशासन को विशेष तौर पर भाई बहनों के लिए परिचय पत्र जारी करने चाहिए ताकि धर्म के रखवालों प्रेमी युगल को पहचानने में आसानी हो
बहरहाल वेलेंटाइन डे पर विरोध का यह कोई पहला साल नहीं है हर साल धर्म और संस्कृति की रक्षा का बीडा उठाने वाले जागते हैं और इस पवित्र त्यौहार को कलंकित कर देते हैं इन पर लगाम कसने की बेहद ज़रुरत है लेकिन इससे पहले प्यार करने वालों ने ही छेद दी है श्री राम सेना के विरोध में चला पिंक चड्डी अभियान धर्म और संस्कृति के रखवालों को एक तमाचा तो जड़ ही दिया
प्यार और जिन्दगी का एक अनूठा ही रिश्ता है प्यार वो एहसास है जिससे कोई भी अछूता नहीं पर विडंम्बना तो यह है कि इसे अश्लीलता से जोड़ इसे बेवजह बदनाम किया जा रहा है हालाकि ये भी कोई नई बात नहीं सदियों से प्यार पर पहरे लगते रहे उसे अश्लीलता की चादर ओढाकर उसे बदनाम करने के प्रयास किये जाते रहे हैं लेकिन आज तक प्रेम को कोई बाँध न सका उसे कोई रोक न सका और न ही उसे कोई मार सका प्यार तो आज भी ज़िंदा है और हमेशा हमेशा रहेगा
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
प्रमोद मुतालिक और गुलाबी चड्डी अभियान चला रही (Consortium of Pubgoing, Loose and Forward Women) निशा (०९८११८९३७३३), रत्ना (०९८९९४२२५१३), विवेक (०९८४५५९१७९८), नितिन (०९८८६०८१२९) और दिव्या (०९८४५५३५४०६) को नमन. जो श्री राम सेना की गुंडागर्दी के ख़िलाफ़ होने के नाम पर देश में वेलेंटाइन दिवस के पर्व को चड्डी दिवस में बदलने पर तूली हैं. अपनी चड्डी मुतालिक को पहनाकर वह क्या साबित करना चाहती है? अमनेसिया पब में जो श्री राम सेना ने किया वह क्षमा के काबिल नहीं है. लेकिन चड्डी वाले मामले में श्री राम सेना का बयान अधिक संतुलित नजर आता है कि 'जो महिलाएं चड्डी के साथ आएंगी उन्हें हम साडी भेंट करेंगे.'
तो निशा-रत्ना-विवेक-नितिन-दिव्या अपनी-अपनी चड्डी देकर मुतालिक की साडी ले सकते हैं. खैर इस आन्दोलन के समर्थकों को एक बार अवश्य सोचना चाहिए कि इससे मीडिया-मुतालिक-पब और चड्डी क्वीन बनी निशा सूसन को फायदा होने वाला है. आम आदमी को इसका क्या लाभ? मीडिया को टी आर पी मिल रही है. मुतालिक का गली छाप श्री राम सेना आज मीडिया और चड्डी वालियों की कृपा से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सेना बन चुकी है. अब इस नाम की बदौलत उनके दूसरे धंधे खूब चमकेंगे और हो सकता है- इस (अ) लोकप्रियता की वजह से कल वह आम सभा चुनाव में चुन भी लिया जाए. चड्डी वालियों को समझना चाहिए की वह नाम कमाने के चक्कर में इस अभियान से मुतालिक का नुक्सान नहीं फायदा कर रहीं हैं. लेकिन इस अभियान से सबसे अधिक फायदा पब को होने वाला है. देखिएगा इस बार बेवकूफों की जमात भेड चाल में शामिल होकर सिर्फ़ अपनी मर्दानगी साबित कराने के लिए पब जाएगी. हो सकता है पब कल्चर का जन-जन से परिचय कराने वाले भाई प्रमोद मुतालिक को अंदरखाने से पब वालों की तरफ़ से ही एक मोटी रकम मिल जाए तो बड़े आश्चर्य की बात नहीं होगी. भैया चड्डी वाली हों या चड्डे वाले सभी इस अभियान में अपना-अपना लाभ देख रहे हैं। बेवकूफ बन रही है सिर्फ़ इस देश की आम जनता.
Post a Comment