February 13, 2009

आओ मनाएँ प्रेम दिवस


<><><>(कमल सोनी)<><><> आज फिर आया है खिलती बहारों का मौसम। आज फिर अँगड़ाई ले रही हैं तमन्नाएँ । आज फिर याद आ रही है उस पहली नजर के पहले-पहले प्यार की। इन्द्रधनुषी रंगों से दमकती शाम की। गुलाब सी महकती उन रंग बिरंगी यादों की। आज, बस आज, क्यूँ ना कह डाले हम अपने दिल की बात। कौन युवा दिल अपने को रोक पायेगा
कौन कहता है कि मोहब्बत की जुबाँ होती है
ये हकीकत तो निगाहों से बयाँ होती है।
जी हाँ वेलेंटाइन दे यानि प्रेम दिवस वैसे तो यह दिन हर उम्र वर्ग के व्यक्तियों के लिए लेकिन इस दिन को लेकर सबसे ज़्यादा उत्साह होता हैं युवा पीढी में आज हर दिल धड़क रहा है प्यार के इज़हार के लिए प्यार एक सुहाना अहसास है। साथ ही मन की सबसे प्रभावशाली प्रेरणा भी है। दुनिया में ऐसा कोई भी नहीं जो इस खुशनुमा एहसास से अछूता हो प्यार के बारे में सदियों से बहुत कुछ लिखा पढा और कहा जाता रहा है लेकिन फिर भी प्यार एक अबूझ पहेली रहा हैं तभी तो इसे समझ पाने में भूल हो जाती है सिर्फ इसीलिये क्योंकि वास्तव में इसे शब्दों में बयाँ कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं 14 फरवरी एक ऐसा दिन है जो प्रेमियों के लिए सभी त्योहारों से भी बढ़कर है। इस दिन उनका जीवन अपने वेलेंटाइन के प्यार की सतरंगी रोशनी से जगमगा उठता है और हल्की मीठी सर्दी की तरह सुस्त पड़े जीवन में गुनगुनी धूप की तरह प्यार की दस्तक लेकर आता है।
प्यार वास्तव में किसी के प्रति त्याग और समर्पण की प्रवृत्ती है इसमें किसी प्रकार की अपेक्षा और स्वार्थ नहीं रह जाता प्यार तभी प्यार कहा जा सकता है जब उसमें पवित्रता, संवेदना, त्याग, गहराई, साधना, श्रद्धा, और विश्वसनीयता हो प्यार को सच और झूठ के तराजू में भी नहीं तौला जा सकता प्यार हमेशा झुकना सिखाता है बुराई से लड़ने को प्रेरित करता है सदा आगे बढ़ने का मार्ग दिखाता है प्रेम का यह पर्व वेलेंटाइन डे महज प्रेम करने या फिर सिर्फ एक त्यौहार की तरह मना लेने का ही अवसर नहीं है बल्कि प्रेम को समझने का वाला दिन है। वेलेंटाइन-डे भले ही पश्चिम से आया है, जिसकी परिणिति में विरोध के स्वर निकल रहे हैं। लेकिन हम उस देश के वासी हैं जहाँ राधा कृष्ण के अमर प्रेम की पूजा की जाती है हाँ महज़ कुछ मिथ्यावादी लोगों के कारण प्यार को ही पूरी तरह से नकारना या फिर उसे धर्म और संस्कृति के खिलाफ बताना भी उचित नहीं है
क्यों मनाया जाता है वेलेंटाइन डे :- रोम में तीसरी शताब्दी में सम्राट क्लॉडियस का शासन था। उसके अनुसार विवाह करने से पुरूषों की शक्ति और बुद्धि कम होती है। उसने आज्ञा जारी की कि उसका कोई सैनिक या अधिकारी विवाह नहीं करेगा। संत वेलेंटाइन ने इस क्रूर आदेश का विरोध किया। उन्हीं के आह्वान पर अनेक सैनिकों और अधिकारियों ने विवाह किए। आखिर क्लॉडियस ने 14 फरवरी सन् 269 को संत वेलेंटाइन को फाँसी पर चढ़वा दिया। तब से उनकी स्मृति में प्रेम दिवस मनाया जाता है।
संत वेलेंटाइन की स्मृती में मनाया जाने वाले प्रेम दिवस पर बांटे प्यार और खुशियाँ प्यार वो दौलत है जो बांटने से बढ़ती है जितना प्यार बांटोगे उतना प्यार पाओगे नफरत को सिर्फ प्यार से ही जीता जा सकता है प्रेम दिवस सिर्फ जवान दिलों की धड़कन ही नहीं क्योंकि प्यार के तो कई रूप होते हैं प्यार के हर रूप में उसका अलग रंग, अलग ही महक होती तो मनाएँ प्रेम दिवस, बांटे खुशियाँ और प्यार ..................
हैप्पी वेलेंटाइन डे

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