<><><>(कमल सोनी)<><><> मध्यप्रदेश के चार बड़े शहरों में एयर कंडीशन वोल्वो सिटी बसे चलाई जायेंगी यदि सब कुछ ठीक ठाक चला तो आगामी तीन चार माह में एयर कंडीशन वोल्वो सिटी बसे प्रदेश के चार बड़े शहरों की सडकों में दौडेंगी नगरीय प्रशासन मंत्र बाबूलाल गौर ने भोपाल में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही उन्होंने बताया कि जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीनीकरण मिशन के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं की स्वीकृति हेतु पर्यवेक्षण समिति की एक बैठक दिनांक २६/०२/2009 को आहूत की गई थी जिसमें प्रदेश के चार बड़े शहरों इंदौर, भोपाल, जबलपुर और उज्जैन के लिए कुल ५२५ एयर कंडीशन वोल्वो सिटी बसे स्वीकृत हो गई हैं
बाबूलाल गौर ने बताया कि इन बसों के लिए लगभग ५० प्रतिशत भारत सरकार का अनुदान है तथा २० प्रतिशत प्रदेश सरकार से अनुदानित होगा तथा ३० प्रतिशत हिस्सा बस आपरेटरों को लगाना होगा प्रदेश के लिए स्वीकृत कुल ५२५ बसों की लागत २०५ करोड़ रु है इससे पूर्व भी प्रदेश के चार शहरों में स्टार सिटी बसे संचालित हैं जिनमें बसे बस आपरेटरों ने ख़रीदी थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं है दूसरी तरफ बसों के लिए आपरेटर के चयन के लिए अगले एक सप्ताह के भीतर निविदाएँ आमंत्रित किये जाने की भी खबरें हैं उमीदें लगाईं जा रही हैं कि आगामी चार पांच माह के भीतर ये बसे प्रदेश के चार नादे शहरों की सडकों पर दौड़ती नज़र आयेंगी हलाकि आगामी लोक सभा चुनाव के मद्देनज़र आचार संहिता लग जाने से विभागीय कर्यप्रानाली में किसी अड़चन से भी इनकार नहीं किया जा सकता
तीन तरह की होंगी बसे :- नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि ये बसे कुल तीन तरह की होंगी
लो फ्लोर ऐ.सी. - लागत ७० लाख
लो फ्लोर नॉन ऐ.सी. :- लागत ४० लाख
स्टैण्डर्ड :- ३० लाख
प्रदेश में कुल ५२५ बसें खरीदे जायेंगी कुल लागत ---- २०५ करोड़ रुपये
कहाँ कितनी बसे :-
१ > राज़धानी भोपाल
लो फ्लोर ऐ.सी --- ५० बसे
लो फ्लोर नॉन ऐ.सी. --- ५० बसे
स्टैण्डर्ड --- १२५ बसे
कुल बसे ------- २२५
२ > इंदौर
लो फ्लोर ऐ.सी --- २० बसे
लो फ्लोर नॉन ऐ.सी. --- ३० बसे
स्टैण्डर्ड --- १२५ बसे
कुल बसे ------- १७५
३ > जबलपुर
लो फ्लोर ऐ.सी --- २५ बसे
स्टैण्डर्ड --- ५० बसे
कुल बसे ------- ७५
४ > उज्जैन
लो फ्लोर ऐ.सी --- १० बसे
स्टैण्डर्ड --- ४० बसे
कुल बसे ------- ५०
February 28, 2009
February 27, 2009
बढ़ रहा है वन्य प्राणयों को गोद लेने का सिलसिला
<><><>(कमल सोनी)<><><> वन वहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल में वन्य प्राणयों को गोद लेने का सिलसिला जारी है। नव वर्ष से प्रारंभ वन्य प्राणी एडाप्शन योजना के तहत मध्यप्रदेश स्टेट माइनिंग कारपोरेशन लिमिटेड, भोपाल वन विहार की मादा बाघ श्वेता को गोद लेकर प्रदेश का पहला उपक्रम बन गया है। वन विहार में मादा बाघ श्वेता एवं उद्यान में मौजूद एकमात्र रेटल (भू-रीछ) को गोद लिया गया है। इसके अलावा भोपाल निवासी जैन दंपत्ति द्वारा रेटल (भू-रीछ) को गोद लिया गया है।
मध्यप्रदेश स्टेट माइनिंग कारपोरेशन लिमिटेड, भोपाल द्वारा एक वर्ष के लये वन विहार की मादा बाघ को उसके ऊपर एक वर्ष में होने वाले व्यय की राशि एक लाख 22 हजार रुपये की प्रतपूर्ति कर गोद लया गया है। इसी प्रकार भोपाल निवासी श्रीमती संध्या एवं श्री पुष्पेन्द्र जैन द्वारा वन विहार के एकमात्र रेटल (भू-रीछ) को गोद लिया गया है। इस वन्यप्राणी पर तीन माह में होने वाले व्यय दो हजार, 400 रुपये राशिः की प्रतपूर्ति उनके द्वारा की गई है। जैन दम्म्पत्ति रेटल को गोद लेने वाले प्रथम दम्म्पत्ति हैं।
गौरतलब है कि आमजनमानस में वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने यह योजना इसी वर्ष पहली तारीख को प्रारंभ की गई थी
कौन कौन है वन्य प्राणियों के अभिभावक :- वन विहार में रह रहे वन्य प्राणियों को गोद लेने की योजना गत एक जनवरी से शुरू हुई है। पहले ही दिन आईएएस अफसर अशोक दास की बेटी अभिनीता दास ने एक अजगर को गोद लिया था। अभिनीता देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में कानून की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने इंटर्नशिप की पहली किस्त मिलने पर अजगर को गोद लिया था। इसके बाद पानीपत के राकेश गुगलानी ने ही १० जनवरी को अजगर को ही आगामी छः माह के लिए गोद लिया था इसी कड़ी में उद्योगपति गुलरेज अहमद ने वन विहार के एक बाघ को गोद लिया उन्होंने तीन महीने के लिए बाघ को गोद लिया और इसके एवज में वन विहार प्रबंधन को 36 हजार रुपए दिए । गत 28 जनवरी को भोपाल नवासी श्री मति मीना गुप्ता मीना गुप्ता एवं श्री एम.के. गुप्ता द्वारा संयुक्त रूप से विहार के एक पेंथर को गोद लिया गया है। इसके अलावा इस योजना के तहत वन विहार के मगर को महाराष्ट्र निवासी अनिल कुमार तनवाणी ने गोद लिया है। उन्होंने वन वहार के वन्यप्राणी मगर के ऊपर एक माह में होने वाले व्यय 3600 रुपये राशि की प्रतपूर्ति कर गोद लिया है।
क्या है योजना ? :- आमजनमानस में वन्य प्राणियों और प्रकृति के प्रति स्नेह और उनके संरक्षण के लिए जागरूकता बढाने के लिए वन विहार ने एक नई योजना प्रारंभ की है और वह है वनविहार में रह रहे वन्य प्राणियों को गोद लेने की योजना इस योजना के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति वन विहार में रह रहे जानवरों को गोद ले सकेगा वन विहार में बाघ, सिंह, तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा, भू.रीछ, सियार, मगर, घड़ियाल, अजगर, सर्प को गोद ले सकता है गोद लेने वाला व्यक्ति वार्षिक, अर्धवार्षिक, त्रैमासिक अथवा मासिक आधार पर इन्हें गोद ले सकता है वन्य प्राणियों को गोद लेने के लिए भुगतान की गई राशि को आयकर की धारा ८० जी. के तहत आयकर से पूर्णतः मुक्त रखा गया है
ये भी हैं फायदे :- वन्य प्राणी एडाप्शन योजना के तहत वन विहार में रह रहे किसी भी वन्य प्राणी को गोद लेने पर भुगतान की गई राशि आयकर की धारा 80 जी के प्रावधानों के अंतर्गत छूट के दायरे में आती है। इसके साथ ही गोद लेने वाले को हर महीने पांच बार वन विहार में अधकतम छह सदस्यों को एक वाहन के साथ निशुल्क आने की पात्रता होगी, जिससे वे अपने गोद लिए वन्यप्राणी को देख सकेंगे।
वन विहार में आयेगा सफेद शेर का जोड़ा :- भोपाल स्थित वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में सफेद शेर का एक जोड़ा उड़ीसा के नंदन कानन चिडिया घर से लाया जाएगा। इस बात की जानकारी वन, जैव विविधता एवं जैव प्रौद्योगकी, खनज संसाधन, विधी एवं विधायी कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राजेन्द्र शुक्ल ने दी। उन्होंने विभाग को हिदायत दी है कि रीवा का जंगल सफेद शेर की जन्मस्थली है। वहां एक सफारी पार्क बनाया जाये। उन्होंने नंदन कानन चिडिया घर का निरिक्षण कर वन विहार के लिए सफ़ेद शेर भगत एवं शेरनी ललिता को भी देखा। ये दोनों सफेद शेर वन विहार को उपलब्ध कराने के लिए केन्द्रीय चिडिया घर प्राधिकरण से अनुमति मांगी गई है वन वहार इसके बदले जंगल से लाई गई एक शेरनी सारा एवं सियार का एक जोड़ा नंदन कानन चिडिया घर को उपलब्ध कराएगा।
मध्यप्रदेश स्टेट माइनिंग कारपोरेशन लिमिटेड, भोपाल द्वारा एक वर्ष के लये वन विहार की मादा बाघ को उसके ऊपर एक वर्ष में होने वाले व्यय की राशि एक लाख 22 हजार रुपये की प्रतपूर्ति कर गोद लया गया है। इसी प्रकार भोपाल निवासी श्रीमती संध्या एवं श्री पुष्पेन्द्र जैन द्वारा वन विहार के एकमात्र रेटल (भू-रीछ) को गोद लिया गया है। इस वन्यप्राणी पर तीन माह में होने वाले व्यय दो हजार, 400 रुपये राशिः की प्रतपूर्ति उनके द्वारा की गई है। जैन दम्म्पत्ति रेटल को गोद लेने वाले प्रथम दम्म्पत्ति हैं।
गौरतलब है कि आमजनमानस में वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने यह योजना इसी वर्ष पहली तारीख को प्रारंभ की गई थी
कौन कौन है वन्य प्राणियों के अभिभावक :- वन विहार में रह रहे वन्य प्राणियों को गोद लेने की योजना गत एक जनवरी से शुरू हुई है। पहले ही दिन आईएएस अफसर अशोक दास की बेटी अभिनीता दास ने एक अजगर को गोद लिया था। अभिनीता देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में कानून की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने इंटर्नशिप की पहली किस्त मिलने पर अजगर को गोद लिया था। इसके बाद पानीपत के राकेश गुगलानी ने ही १० जनवरी को अजगर को ही आगामी छः माह के लिए गोद लिया था इसी कड़ी में उद्योगपति गुलरेज अहमद ने वन विहार के एक बाघ को गोद लिया उन्होंने तीन महीने के लिए बाघ को गोद लिया और इसके एवज में वन विहार प्रबंधन को 36 हजार रुपए दिए । गत 28 जनवरी को भोपाल नवासी श्री मति मीना गुप्ता मीना गुप्ता एवं श्री एम.के. गुप्ता द्वारा संयुक्त रूप से विहार के एक पेंथर को गोद लिया गया है। इसके अलावा इस योजना के तहत वन विहार के मगर को महाराष्ट्र निवासी अनिल कुमार तनवाणी ने गोद लिया है। उन्होंने वन वहार के वन्यप्राणी मगर के ऊपर एक माह में होने वाले व्यय 3600 रुपये राशि की प्रतपूर्ति कर गोद लिया है।
क्या है योजना ? :- आमजनमानस में वन्य प्राणियों और प्रकृति के प्रति स्नेह और उनके संरक्षण के लिए जागरूकता बढाने के लिए वन विहार ने एक नई योजना प्रारंभ की है और वह है वनविहार में रह रहे वन्य प्राणियों को गोद लेने की योजना इस योजना के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति वन विहार में रह रहे जानवरों को गोद ले सकेगा वन विहार में बाघ, सिंह, तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा, भू.रीछ, सियार, मगर, घड़ियाल, अजगर, सर्प को गोद ले सकता है गोद लेने वाला व्यक्ति वार्षिक, अर्धवार्षिक, त्रैमासिक अथवा मासिक आधार पर इन्हें गोद ले सकता है वन्य प्राणियों को गोद लेने के लिए भुगतान की गई राशि को आयकर की धारा ८० जी. के तहत आयकर से पूर्णतः मुक्त रखा गया है
ये भी हैं फायदे :- वन्य प्राणी एडाप्शन योजना के तहत वन विहार में रह रहे किसी भी वन्य प्राणी को गोद लेने पर भुगतान की गई राशि आयकर की धारा 80 जी के प्रावधानों के अंतर्गत छूट के दायरे में आती है। इसके साथ ही गोद लेने वाले को हर महीने पांच बार वन विहार में अधकतम छह सदस्यों को एक वाहन के साथ निशुल्क आने की पात्रता होगी, जिससे वे अपने गोद लिए वन्यप्राणी को देख सकेंगे।
वन विहार में आयेगा सफेद शेर का जोड़ा :- भोपाल स्थित वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में सफेद शेर का एक जोड़ा उड़ीसा के नंदन कानन चिडिया घर से लाया जाएगा। इस बात की जानकारी वन, जैव विविधता एवं जैव प्रौद्योगकी, खनज संसाधन, विधी एवं विधायी कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राजेन्द्र शुक्ल ने दी। उन्होंने विभाग को हिदायत दी है कि रीवा का जंगल सफेद शेर की जन्मस्थली है। वहां एक सफारी पार्क बनाया जाये। उन्होंने नंदन कानन चिडिया घर का निरिक्षण कर वन विहार के लिए सफ़ेद शेर भगत एवं शेरनी ललिता को भी देखा। ये दोनों सफेद शेर वन विहार को उपलब्ध कराने के लिए केन्द्रीय चिडिया घर प्राधिकरण से अनुमति मांगी गई है वन वहार इसके बदले जंगल से लाई गई एक शेरनी सारा एवं सियार का एक जोड़ा नंदन कानन चिडिया घर को उपलब्ध कराएगा।
February 24, 2009
मध्यप्रदेश के इंदौर में 28 फरवरी को रिवर्स वायर सेलर्स मीट का आयोजन - आप भी हैं आमंत्रित |
<><><>(कमल सोनी)<><><> हस्त शिल्प और हथकरघा उद्योग से जुड़े लोगों के लिए यह एक अच्छी खबर है आगामी 28 फरवरी और 1 मार्च को इन्दोर में रिवर्स वायर सेलर्स मीट का आयोजन स्थानीय होटल फॉरच्यून लैंडमार्क में किया जा रहा है जहाँ पूरे मध्यप्रदेश से हस्त शिल्प और हाथ करघा उद्योग से जुड़े लोग एक साथ एक मंच पर एकत्र होंगे हस्त शिल्प और हाथ करघा उद्योग से जुड़े लोगों में जहाँ एक और शीपी बुनकर होंगे तो वहीं दूसरी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खरीददार, निर्यातक, डीलर और वितरक भी भारी संख्या में मौजूद रहेंगे इस आयोजन का उद्देश्य मध्यप्रदेश के हस्त शिल्प और हथकरघा व्यवसाय से जुड़े लोगों को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाना तथा अंतरराष्ट्रीय व्यावसाइयों से सीधे उनका संवाद कर उनकी पसंद, बदलते तौर तरीकों, विदेशी बाज़ार की ज़रूरतों तथा अंतर्राष्ट्रीय मानकों से अवगत कराना है ताकि मध्यप्रदेश हस्त शिल्प और हथकरघा कला को प्रोत्साहन मिले तथा इस परम्परा को जीवीत भी रखा जा सके रिवर्स वायर सेलर्स मीट में अंतर्राष्ट्रीय कला व्यवसाई और खरीददार भी प्रदेश में उपलब्ध कौशल और कला से परिचित होने का मौका मिलेगा
ये हैं आमंत्रित :- रिवर्स वायर सेलर्स मीट में फ्रांस, मलेशिया, स्पेन, लेबनान, स्विट्जरलैंड, यूंएसऐ, पोलेंड, ब्राजील, साउथ अफ्रिका, अर्जेन्टीन के करीब २९ ग्राहक आमंत्रित किये गए हैं इसके अलावा भारत से ४ बाइंग एजेंट भी इस मीट में शामिल होंगे इन सबके अलावा ऐसे निर्यातक और डीलर भी शामिल होंगे जो हस्त शिल्प और हथकरघा उत्पादों को विदेशों में निर्यात करते हैं इसके अलावा देश के औधोगिक घरानों जैसे बिग बाज़ार, शापर्स स्टाप, रिलाइंस, वेस्ट साइड फेब इंडिया और मदर आर्थ जैसे कई संस्थाओं को आमंत्रित किया गया है
क्या होगी मीट की रौनक :- प्रदेश में आयोजित होने वाली अपने ही तरह के पहली मीट में चंदेरी, माहेश्वरी, बाघ प्रिंट्स, वारासिवनी के सूतीवस्त्र, चादर, परदे, चमडे के उत्पाद, खिलौने, जूट के उत्पाद, चातारपुर के कलात्मक फर्नीचर, बांस के फर्नीचर, बेलमेटल, सिरेमिक्स, पत्थर की कलाकृतियाँ, ग्वालियर के गलीचे, कलात्मक ज्वेलरी, तथा बुटिक उत्पाद मीट की रौनक बढायेंगे
बहरहाल नई नई तकनिकी आती रही लेकिन हस्त शिल्प कला का जादू कभी कम नहें हुआ हलाकि बदलते परिवेश और नई सोच इन्हें पतन की और ले जा रहा है ऐसे में रिवर्स वायर सेलर्स मीट प्रदेश के शिल्प कारीगरों और शिल्प व्यावसाय में नई जान फूंकने का काम ज़रूर कर सकता है आने वाले समय में ऐसे आयोजन का होना बेहद आवश्यक है ताकि हमारे देश और संस्कृति की पहचान इस क़ला को सदियों तक जीवंत रख सकें और आने वाली पीढी को भी इसे जीवित रखने के लिए प्रेरित कर सकें
ये हैं आमंत्रित :- रिवर्स वायर सेलर्स मीट में फ्रांस, मलेशिया, स्पेन, लेबनान, स्विट्जरलैंड, यूंएसऐ, पोलेंड, ब्राजील, साउथ अफ्रिका, अर्जेन्टीन के करीब २९ ग्राहक आमंत्रित किये गए हैं इसके अलावा भारत से ४ बाइंग एजेंट भी इस मीट में शामिल होंगे इन सबके अलावा ऐसे निर्यातक और डीलर भी शामिल होंगे जो हस्त शिल्प और हथकरघा उत्पादों को विदेशों में निर्यात करते हैं इसके अलावा देश के औधोगिक घरानों जैसे बिग बाज़ार, शापर्स स्टाप, रिलाइंस, वेस्ट साइड फेब इंडिया और मदर आर्थ जैसे कई संस्थाओं को आमंत्रित किया गया है
क्या होगी मीट की रौनक :- प्रदेश में आयोजित होने वाली अपने ही तरह के पहली मीट में चंदेरी, माहेश्वरी, बाघ प्रिंट्स, वारासिवनी के सूतीवस्त्र, चादर, परदे, चमडे के उत्पाद, खिलौने, जूट के उत्पाद, चातारपुर के कलात्मक फर्नीचर, बांस के फर्नीचर, बेलमेटल, सिरेमिक्स, पत्थर की कलाकृतियाँ, ग्वालियर के गलीचे, कलात्मक ज्वेलरी, तथा बुटिक उत्पाद मीट की रौनक बढायेंगे
बहरहाल नई नई तकनिकी आती रही लेकिन हस्त शिल्प कला का जादू कभी कम नहें हुआ हलाकि बदलते परिवेश और नई सोच इन्हें पतन की और ले जा रहा है ऐसे में रिवर्स वायर सेलर्स मीट प्रदेश के शिल्प कारीगरों और शिल्प व्यावसाय में नई जान फूंकने का काम ज़रूर कर सकता है आने वाले समय में ऐसे आयोजन का होना बेहद आवश्यक है ताकि हमारे देश और संस्कृति की पहचान इस क़ला को सदियों तक जीवंत रख सकें और आने वाली पीढी को भी इसे जीवित रखने के लिए प्रेरित कर सकें
स्लमडॉग मिलिनियर - थोड़ी खुशी थोडा गम |
<><><>()<><><> स्लमडॉग मिलिनियर को मिले आठ आस्कर अवार्ड्स से एक तरफ भारत का कला जगत आज राहत महसूस कर रहा है लम्बी जद्दोजहत के बात तीन ऑस्कर तो भारत की झोली में आये लेकिन मीडिया और कला जगत से जुड़े कुछ लोगों इस बात की कतई खुशी नहीं हैं इस बीच इस बात की बहस भी छिड़ गई कि स्लमडॉग मिलिनियर हॉलीवुड की फिल्म है दूसरा कई लोगों को इस बात का मलाल भी है कि इस फिल्म में कहीं न कहीं देश का उपहास किया गया लेकिन इस बहस का क्या ? क्या वास्तविकता दिखाना भी कोई मज़ाक है यदि इस फिल्म को हमारे देश के निर्माता और निर्देशक ने बनाया होता तो क्या तब भी हम यही कहते कि इस फिल्म में देश का उपहास उडाया गया है इससे तो यही पता चलता है कि हम सच्चाई को स्वीकारने से डरते है और नकारने में आगे हैं स्लमडॉग मिलिनियर को मिले आठ पुरस्कारों में से तीन भारत की झोली में भी आये तो देश भर में एक और बहस छिड़ गई कि भारतीय फिल्मो को पहले कभी ऑस्कर क्यों नहीं मिला लेकिन एक ख़ास बात जो मेरे दिल में है वह यह कि भारत का संगीत विश्व में सबसे आगे है यहाँ का अभिनय कौशल भी विश्व में सबसे आगे है भारत में ऐसी कई फिल्में बनी जिन्हें ऑस्कर दिया जाना चाहिए हो सकता है वो फिल्में ऑस्कर के लिए निर्धारित मापदंडों पर भले ही खरी न उतरी हों यह भी संभव है कि शायद किसी भेदभाव की भावना के चलते भारतीय फिल्मो को ऑस्कर न दिया गया हो लेकिन भारतीय कला जगत पुरस्कारों का मोहताज़ नहीं क्या कला को भी पुरस्कारों के तराजू में तौलकर उसे नंबर वन या नंबर दो की पोजीशन पर बैठाना उचित है यह हमारी परंपरा भी नहीं है हम तो बेवजह इस विदेशी पुरस्कार को हासिल करने की जद्दोजहद में जुटे हैं जो हमारे पाश्चात्य सभ्यता की और बढ़ रहे रुझानों को भी दर्शाता है हाँ फिर भी भारतीय फिल्म निर्माता और निर्देशक चाहें तो ऐसा नहीं हैं कि भारतीय फिल्में ऑस्कर अवार्ड नहीं जीत सकती लेकिन अब वालीवुड से जुड़े फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों को यह सोचना होगा कि वे दर्शकों के सामने क्या परोस रहे हैं वालीवुड को आज ज्यादा बड़े बजट की फिल्म बनाना ही नहीं बल्कि ऐसे फिल्मो का निर्माण करना चाहिए जिनका कोई स्तर हो
February 21, 2009
मध्यप्रदेश: शिवराज ने शुरू किया कोयला सत्याग्रह - केन्द्र पर लगाए सौतेले व्यवहार का आरोप
<><><>(कमल सोनी)<><><>मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्र सरकार प्र सौतेले व्यवहार का आरोप लगाते हुए कोयला सत्याग्रह की शुरूआत की है मुख्यमंत्री के इस कोयले सत्याग्रह को आगामी लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है मुख्यमंत्री ने कोयला सत्याग्रह के दौरान प्रदेश बीजेपी कार्यालय में अपनी पहली सभा में ही एक बार वीर विदेशी मूल का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जिस पार्टी का नेता ही विदेशी हो वो इस देश की जनता का दर्द क्या जानेगी
प्रदेश बीजेपी कार्यालय में दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्होंने इस सत्याग्रह की शुरुआत की उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस हमें चुनाव में नहीं हरा पाई तो अब बेईमानी करके बीजेपी को हराना चाहती है अपने संबोधन में उन्होंने रेल बजट लो लालू प्रसाद यादव के घर का बजट करार दिया मध्यप्रदेश की बिजली समस्या पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में पन बिजली उत्पादन के बारे में बताते हुए कहा कि पहले हम ३१०० मेगावाट बिजली का उत्पादन कर लेते थे लेकिन अभी हमारे प्रदेश के सारे बाँध खाली है यही वजह है कि हमारा बिजली उत्पादन घटाकर ३५० मेगावाट रह गया है ऐसे में हम कोयले से बिजली उत्पादन के सयंत्रों बिरसिंगपुर, अमरकंटक, और सारणी पर ही आश्रित है उन्होंने कहा कि हमें बिजली उत्पादन के लिए १७.१ लाख मिलियन टन कोयले की आवश्यकता है लेकिन केन्द्र ने सिर्फ़ १३.५ लाख मिलियन टन कोयले का आवंटन किया और सिर्फ़ ११ लाख मेट्रिक टन कोयला हमें दे रही है और वह भी लो ग्रेट का यही वजह है कि हम पर्यात बिजली उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं और प्रदेश में बिजली संकट गहराता जा रहा है मुख्यमंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस जान बूझकर प्रदेश में बिजली संकट लाना चाहती है ताकि वह अपनी वोटों की फसल काट सके
न्याय यात्रा पर निकलें शिवराज :- पहले चरण में वाहनों के जरिए भोपाल से इटारसी तक होने वाली इस यात्रा के दौरान मार्ग में जगह-जगह मुख्यमंत्री का स्वागत किया जाएगा और जनसभाएं होंगी। यात्रा प्रभारी रामेश्वर शर्मा ने प्रदेश कार्यालय में जिले के नेताओं की बैठक कर यात्रा से जुड़ी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सौंपी। शर्मा के अनुसार यात्रा 21 और 22 फरवरी को ग्रामीण अंचल से होती हुई सारणी पहुंचेगी, जहां से मुख्यमंत्री पाथाखेड़ा कोयला क्षेत्र तक पैदल यात्रा करते हुए पहुंचेंगे और सत्याग्रह करेंगे।
पत्नी साधना भी होंगी साथ में :- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ उनकी पत्नी साधना सिंह भी कोयला सत्याग्रह में भोपाल से पथाखेदा तक साथ रहेंगी सत्याग्रह की शुरुआत में उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश के साथ जो अन्याय हो रहा है उस अन्याय के ख़िलाफ़ में अपने पति के साथ हूँ
न्याय यात्रा के दौरान जनसभाएं :- 21 फरवरी को साढ़े 12 बजे मंडीदीप, डेढ़ बजे औबेदुल्लागंज, तीन बजे बुधनी में, साढ़े चार बजे होशंगाबाद शाम साढ़े छह बजे इटारसी में जनसभा होगी। न्याय यात्रा रात्रि में इटारसी में विश्राम करेगी। 22 फरवरी को इटारसी से यात्रा शुरू होगी और शाहपुर, चौपना, सारणी स्टेडियम में मुख्यमंत्री की जनसभा होगी। इसके बाद वे पदयात्रा कर सात किमी दूर पाथाखेड़ा जाएंगे और कोयला उठाएंगे।
नियामक आयोग बनाने की मांग :- मुख्यमंत्री ने केन्द्र और राज्य सरकारों के परस्पर संबंधों को परिभाषित करते हुए कोयला आवंटन के लिए नियामक आयोग बनने की मांग भी की है
मुख्यमंत्री के इस कोयला सत्याग्रह की शुरुआत में प्रदेश बीजेपी कार्यालय में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, विक्रम वर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा, कैलाश जोशी, बिजली मंत्री अनूप मिश्रा, सहित पार्टी के कई नेता और प्रदेश सरकार के मंत्री मौजूद थे
प्रदेश बीजेपी कार्यालय में दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्होंने इस सत्याग्रह की शुरुआत की उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस हमें चुनाव में नहीं हरा पाई तो अब बेईमानी करके बीजेपी को हराना चाहती है अपने संबोधन में उन्होंने रेल बजट लो लालू प्रसाद यादव के घर का बजट करार दिया मध्यप्रदेश की बिजली समस्या पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में पन बिजली उत्पादन के बारे में बताते हुए कहा कि पहले हम ३१०० मेगावाट बिजली का उत्पादन कर लेते थे लेकिन अभी हमारे प्रदेश के सारे बाँध खाली है यही वजह है कि हमारा बिजली उत्पादन घटाकर ३५० मेगावाट रह गया है ऐसे में हम कोयले से बिजली उत्पादन के सयंत्रों बिरसिंगपुर, अमरकंटक, और सारणी पर ही आश्रित है उन्होंने कहा कि हमें बिजली उत्पादन के लिए १७.१ लाख मिलियन टन कोयले की आवश्यकता है लेकिन केन्द्र ने सिर्फ़ १३.५ लाख मिलियन टन कोयले का आवंटन किया और सिर्फ़ ११ लाख मेट्रिक टन कोयला हमें दे रही है और वह भी लो ग्रेट का यही वजह है कि हम पर्यात बिजली उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं और प्रदेश में बिजली संकट गहराता जा रहा है मुख्यमंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस जान बूझकर प्रदेश में बिजली संकट लाना चाहती है ताकि वह अपनी वोटों की फसल काट सके
न्याय यात्रा पर निकलें शिवराज :- पहले चरण में वाहनों के जरिए भोपाल से इटारसी तक होने वाली इस यात्रा के दौरान मार्ग में जगह-जगह मुख्यमंत्री का स्वागत किया जाएगा और जनसभाएं होंगी। यात्रा प्रभारी रामेश्वर शर्मा ने प्रदेश कार्यालय में जिले के नेताओं की बैठक कर यात्रा से जुड़ी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सौंपी। शर्मा के अनुसार यात्रा 21 और 22 फरवरी को ग्रामीण अंचल से होती हुई सारणी पहुंचेगी, जहां से मुख्यमंत्री पाथाखेड़ा कोयला क्षेत्र तक पैदल यात्रा करते हुए पहुंचेंगे और सत्याग्रह करेंगे।
पत्नी साधना भी होंगी साथ में :- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ उनकी पत्नी साधना सिंह भी कोयला सत्याग्रह में भोपाल से पथाखेदा तक साथ रहेंगी सत्याग्रह की शुरुआत में उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश के साथ जो अन्याय हो रहा है उस अन्याय के ख़िलाफ़ में अपने पति के साथ हूँ
न्याय यात्रा के दौरान जनसभाएं :- 21 फरवरी को साढ़े 12 बजे मंडीदीप, डेढ़ बजे औबेदुल्लागंज, तीन बजे बुधनी में, साढ़े चार बजे होशंगाबाद शाम साढ़े छह बजे इटारसी में जनसभा होगी। न्याय यात्रा रात्रि में इटारसी में विश्राम करेगी। 22 फरवरी को इटारसी से यात्रा शुरू होगी और शाहपुर, चौपना, सारणी स्टेडियम में मुख्यमंत्री की जनसभा होगी। इसके बाद वे पदयात्रा कर सात किमी दूर पाथाखेड़ा जाएंगे और कोयला उठाएंगे।
नियामक आयोग बनाने की मांग :- मुख्यमंत्री ने केन्द्र और राज्य सरकारों के परस्पर संबंधों को परिभाषित करते हुए कोयला आवंटन के लिए नियामक आयोग बनने की मांग भी की है
मुख्यमंत्री के इस कोयला सत्याग्रह की शुरुआत में प्रदेश बीजेपी कार्यालय में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, विक्रम वर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा, कैलाश जोशी, बिजली मंत्री अनूप मिश्रा, सहित पार्टी के कई नेता और प्रदेश सरकार के मंत्री मौजूद थे
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