January 31, 2009

अब मुख्यमंत्री ने बुलाई अपने निवास पर "हाथ ठेला और रिक्शा श्रमिकों" की पंचायत


<><><>(कमल सोनी)<><><> पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान पंचायतों की माध्यम से आम जनमानस से रूबरू होकर उनकी समस्याओं को जानने और उन समस्याओं का निराकरण करने का करिश्मा दिखा चुके प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंचायतों की इस कड़ी में एक और अध्याय जोड़ दिया है और वह है "हाथ ठेला और रिक्शा चालकों की पंचायत" समाज के उच्च वर्ग के बारे में तो हमेशा से ही सोचा जाता रहा है लेकिन समाज के अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति की रोज़मर्रा की वे समस्यायें जो उसके विकास में बाधक हैं उनका निराकरण भी बेहद आवश्यक है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंचायतों का आयोजन कर वास्तव में उन लोगों की व्यथा सुनी है जो सरकार की योजनाओं की वास्तविक हकदार हैं
मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित इस पंचायत में पूरे प्रदेश से लगभग 2000 से अधिक हाथ ठेला और रिक्शा चालक शामिल हुए और उन्होंने अपनी मूलभूत समस्याओं से सरकार को अवगत कराया जिसके बाद प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह ने उनकी समस्याओं को आधार रख हाथ ठेला और रिक्शा चालकों के लिए कई घोषणाये की इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास पर आए हाथ ठेला चालकों और रिक्शा चालकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश को विक्सित बनाने के लिए सबसे पीछे रहने वाले गरीब और पसीना बहाने वाले का विकास सरकार की प्राथमिकता होगी उन्होंने कहा कि आप सभी जो सुझाव देंगे उस पर तत्काल कार्यवाही कर योजनाओं की घोषणा की जायेगी
ये थी समस्यायें और सुझाव ? :- पंचायत में शामिल हुए रिक्शा चालको और हाथ ठेला चालकों ने बच्चों की शिक्षा, स्वयं और परिवार का स्वास्थ्य, इज्ज़त और सम्मान मिले, कम ब्याज पर लोन मिले, बच्चों को छात्रवृत्ती मिले, रिक्शा चालकों और हाथ ठेला चालकों को पंजीयन कराया जाय और उन्हें परिचय पत्र दिया जाय, तथा श्रम क़ानून के अंतर्गत रखा जाय, स्वयं का रिक्शा खरीदने मदद मिले
क्या हुई घोषणाये ? :-
>>> शहरों और कस्बों में बनेंगे होकर्स जोन जहाँ रिक्शा चालक और हाथ ठेला चालक खड़े कर सकेंगे अपने वाहन
>>> सभी रिक्शा चालक और हाथ ठेला चालक के तीन माह में बनेंगे परिचय पत्र नगरिया निकाय करेगा पंजीयन
>>> रिक्शा खरीदने के लिए १५०० अनुदान और ८००० रु कम ब्याज पर बैंक से लोन मिलेगा हाथ ठेले के लिए भी उसी अनुपात में अनुदान और लोन मिलेगा
>>> रिक्शा चालक और हाथ ठेला चालक को भी मिलेगा मजदूर सुरक्षा योजना का लाभ
>>> कन्या के विवाह के लिए ६००० रु के सहायता
>>> बेहतर उपचार मिले इसके लिए दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना का लाभ मिलेगा जिसके अंतर्गत २०००० रु का इलाज़ मुफ्त किया जायेगा
>>> अन्तिम संस्कार के लिए २००० रु सरकार देगी
>>> रिक्शा चालक और हाथ ठेला चालक को जनश्री बीमा योजना का लाभ मिलेगा
>>> बच्चों की शिक्षा के लिए ९वीन से बारहवीं तक १०० रु प्रतिमाह छात्रवृत्ती
>>> हर ३१ जनवरी को मानेगा रिक्शा चालक और हाथ ठेला चालक दिवस
शुरू होंगी दो नई योजनायें :-
>>> रिक्शा चालक और हाथ ठेला चालक के लिए " रिक्शा मालिक और हाथ ठेला मालिक योजना शुरू होगी
>>> मुख्यमंत्री हाथ ठेला और रिक्शा चालक कल्याण योजना शुरू होगी
क्या किए वादे ? :-
>>> रिक्शा चालक और हाथ ठेला चालक को इज्ज़त और सम्मान का जीवन जीने दिया जायेगा यदि कोई उनकी इज्ज़त से खिलवाड़ करेगा तो शिकायत करने पर सरकार स्वयं सख्त से सख्त कार्यवाही करेगी
>>> एक साल में स्वयं का वाहन मालिक बनायेंगे
>>> पत्नी को प्रसूती पर १००० रु और महिला को ४५ दिन की मज़दूरी यदि पुरूष हो तो १५ दिन की मज़दूरी >>> जनश्री बीमा योजना का प्रीमियम सरकारी खजाने से देने का वायदा
चिर परिचित अंदाज़ में दिखे शिवराज :- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रिक्शा चालक और हाथ ठेला चालक के कल्याण के लिए जब घोशनाएँ की तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना हे न रहा अपने उसी चिर परिचित अंदाज़ में उन्होंने रिक्शा चालक और हाथ ठेला चालक का दिल जीत लिया सम्मलेन में नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने मुख्यमंत्री स्व आग्रह किया कि वे बस स्टेंड पर काम करने वाले हम्मालों के लिए भी पंचायत आयोजित कर उनकी समस्याओं का निराकरण करें
मुख्यमंत्री निवास पर हुई पंचायत में नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर, पूर्व मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा, सांसद कैलाश जोशी, निर्धन वर्ग आयोग के अध्यक्ष बाबूलाल जैन, बी.डी.ऐ. अध्यक्ष सुरेन्द्र नाथ सिंह तथा नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव राघव चंद्र तथा आयुक्त एस.एन मिश्रा मोजूद थे
बहरहाल प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान का पंचायतो के माध्यम से आम जनमानस रो रूबरू होकर निर्धन, उपेक्षित और गरीब तबके के लोगों की समस्यायें जानकर उनका निराकरण निकालने तथा हाथों हाथ कल्याणकारी फैसले लेने का यह सिलसिला वास्तव में समाज के कल्याण और उत्थान के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही घोषणये महज़ कागजी बनकर न रह जायें इस दिशा में भी कोई सकारात्मक बदलाव लाने की ज़रूरत है

January 30, 2009

लोकप्रिय हो रही है "वन्य प्राणी एडाप्शन योजना"

<><><>(कमल सोनी)<><><> वन्य प्राणियों के संरक्षण के प्रति आम जनमानस में जागरूकता लाने के उद्देश्य से वन विहार भोपाल द्वारा नए वर्ष की शुरुआत में प्रारंभ की गई "वन्य प्राणी एडाप्शन योजना" काफी लोक प्रिय हो रही है "वन्य प्राणी एडाप्शन योजना" के अंतर्गत मौजूदा परिणामो से आगे इस योजना के सफल होने की उम्मीद जतायी जा रही है
"वन्य प्राणी एडाप्शन योजना" के तहत गत 28 जनवरी को वन विहार के नर तेंदुआ ट्रेगा को गोद लिया गया है ट्रेगा की नई अभिभावक भोपाल निवासी श्री मति मीना गुप्ता ने अगले एक माह के लिए ट्रेगा को गोद लिया है जिसके लिए उन्होंने 5760 रु का भुगतान किया है यह राशिः उन्होंने मध्यप्रदेश टाइगर फॉउन्डेशन सोसायटी को दी है श्री मति मीना गुप्ता से पूर्व तीन और लोग इस योजना के तहत वन्य प्राणियों को गोद ले चुके हैं
कौन कौन है वन्य प्राणियों के अभिभावक :- वन विहार में रह रहे वन्य प्राणियों को गोद लेने की योजना गत एक जनवरी से शुरू हुई है। पहले ही दिन आईएएस अफसर अशोक दास की बेटी अभिनीता दास ने एक अजगर को गोद लिया था। अभिनीता देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में कानून की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने इंटर्नशिप की पहली किस्त मिलने पर अजगर को गोद लिया था। इसके बाद पानीपत के राकेश गुगलानी ने ही १० जनवरी को अजगर को ही आगामी छः माह के लिए गोद लिया था इसी कड़ी में उद्योगपति गुलरेज अहमद ने वन विहार के एक बाघ को गोद लिया उन्होंने तीन महीने के लिए बाघ को गोद लिया और इसके एवज में वन विहार प्रबंधन को 36 हजार रुपए दिए ।
क्या है योजना ? :- आमजनमानस में वन्य प्राणियों और प्रकृति के प्रति स्नेह और उनके संरक्षण के लिए जागरूकता बढाने के लिए वन विहार ने एक नई योजना प्रारंभ की है और वह है वनविहार में रह रहे वन्य प्राणियों को गोद लेने की योजना इस योजना के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति वन विहार में रह रहे जानवरों को गोद ले सकेगा वन विहार में बाघ, सिंह, तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा, भू.रीछ, सियार, मगर, घड़ियाल, अजगर, सर्प को गोद ले सकता है गोद लेने वाला व्यक्ति वार्षिक, अर्धवार्षिक, त्रैमासिक अथवा मासिक आधार पर इन्हें गोद ले सकता है वन्य प्राणियों को गोद लेने के लिए भुगतान की गई राशि को आयकर की धारा ८० जी. के तहत आयकर से पूर्णतः मुक्त रखा गया है

January 28, 2009

योग गैर इस्लामी नहीं - देवबंद


<><><>(कमल सोनी)<><><> स्वस्थ्य रहना सभी का मौलिक अधिकार है और प्रतिदिन योग करने से तन और मन स्वस्थ्य तो रहता ही है साथ ही पूरा दिन स्फूर्ति भी देता है लेकिन क्या योग इस्लाम की खिलाफत है ? या फिर गैर इस्लामी है ? यह एक विवाद बना हुआ है
दारुम उलूम (देवबंद) ने कहा है कि योग करना गैर इस्लामी नहीं है उन्होंने मुस्लिम समुदाय द्वारा योग करने पर उठे विवाद को सिरे से खारिज करते हुए इस धार्मिक संथा ने कहा कि योग का मतलब स्वयं को स्वस्थ्य रखना है दारुम उलूम (देवबंद) प्रवक्ता आदिल सिद्दीकी ने अपने एक वक्तव्य में कहा कि इस्लाम में योग को लेकर कोई समस्या नहीं है योग को बेवजह मज़हबी रंग दिया जा रहा है जो कि पूरी तरह से गलत है
श्री सिद्दीकी ने कहा कि प्रतिदिन योग करने का मकसद खुद को सेहतमंद रखना है उन्होंने बताया कि इस्लाम में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है जिसमें किसी को स्वस्थ्य रहने की मनाही हो उन्होंने कहा कि इस्लाम में सेहत को प्राथमिकता दी गई है और सेहतमंद जीवन जीने के लिए मुस्लिम समुदाय योग को एक्स्सरसाईस के रूप में कर सकते हैं उन्होंने प्रत्येक मुसलमान को प्रतिदिन पांच बार नमाज़ पढ़ने की बात कहते हुए कहा कि नमाज़ पढ़ना भी एक प्रकार की एक्स्सरसाईस ही है उन्होंने नमाज़ की प्रक्रिया पर गौर फरमाते हुए कहा कि यदि नमाज़ भी एक प्रकार का योग ही है जो किसी व्यक्ति को स्वस्थ्य रहने में अहम् भूमिका निभाती है
गौरतलब है मुस्लिम समुदाय पर योग करने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है मुसलमानों के योग करने पर विवाद उस समय गहराया था जब मलेशिया नॅशनल फतवा काउंसिल ने मुस्लिम समुदाय के योग करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था हाल ही में इन्डोनेशिया में भी मुसलमानों के योग करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था ख़ास बात यह है कि यह प्रतिबन्ध मुसलमानों में योग के प्रति बढ़ते रुझान को देखकर लगाया गया था इस प्रतिबन्ध के पीछे यह भी दलील दी गई थी योग करते समय होने वाले मंत्रोच्चार से मुसलमानों की आस्था डगमगा जायेगी इन सबसे पूर्व मध्य प्रदेश में प्रतिवर्ष होने वाले सामूहिक सूर्ये नमस्कार के लिए भी कुछ मुस्लिम समुदायों द्वारा सूर्य नमस्कार में हिस्सा लेने पर आपत्ती जतायी गई थी
बहरहाल योग भारतीय संस्कृति की एक अहम् हिस्सा है जो स्वस्थ्य रहने में अहम् भूमिका निभाता है लेकिन योग को एक मज़हबी रंग देना या फिर उसे किसी धर्म विशेष का बताना वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन दारुम उलूम (देवबंद) के इस वक्तव्य के बाद मुस्लिम समुदाय के उन लोगों को राहत ज़रूर मिलेगी जो योग के प्रति अपना रुझान रखते हैं वैसे भी योग किसी धर्म विशेष का न होकर सभी के लिए है और पूरी दुनिया में भारतीय योग परम्परा को विशेष महत्व भी प्राप्त है

अनुसूचित जाति और जनजाति पर बलात्कार के मामलों में मध्यप्रदेश अव्वल

<><><>(कमल सोनी)<><><> अनुसूचित जाति और जनजाति पर बलात्कार के मामलों में मध्यप्रदेश पूरे देश में नंबर वन है कम से कम राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, गृह मंत्रालय के आंकडों से तो यही पता चलता है सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 तथा अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के अंतर्गत दर्ज मामलों की समीक्षा तथा निगरानी करने के लिए गठित समिति द्वारा अनुसूचित जातियों और जनजातियों पर हो रहे अत्याचार और अपराधों को रोकने और उनके तौर तरीके बनाने के लिए राज़धानी भोपाल में आहूत एक सभा में देश के पांच राज्यों में अनुसूचित जाती और जनजाति की महिलाओं पर हुए बलात्कार के मामलों की ताजा सूची जारी की है सूची में मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति पर बलात्कार के मामलों में सबसे अव्वल रहा है
ब्यूरो द्वारा वर्ष २००५-०७ के समयावधी में अनुसूचित जाति और जनजाति पर हुए बलात्कार के मामलों की ताज़ा सूची जारी के है सूची दर्शाए आंकडों की बात करें तो मध्यप्रदेश में ही अनुसूचित जाति और जनजाति पर बलात्कार के 5763 मामले दर्ज किये गए हैं जिनमें 4225 प्रकरण अनुसूचित जाति, और 1538 प्रकरण अनुसूचित जनजाति की महिलाओं पर किये गए बलात्कार के हैं मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति की कुल आबादी ९१.५ लाख है तथा अनुसूचित जनजाति की आबादी १२२.३ लाख दूसरा अनुसूचित जाति पर ४६.२% तथा अनुसूचित जनजाति पर १२.६% मामले दर्ज हैं
समीक्षा और निगरानी समिति कि इस बैठक में सामजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री मति मीरा कुमार कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति पर होने वाले अत्याचारों पर अंकुश लगाने निरंतर बैठकें आयोजित किये जाने की ज़रुरत है उन्होंने राज्य सरकारों और संघ राज्य क्षेत्रों से अनुरोध किया कि वे जिले के अन्दर अनुसूचित जाति और जनजाति पर सर्वाधिक अत्याचार होने वाले क्षत्रों की पहचान करें तथा अत्याचारों को रोकने के लिए विशेष पॅकेज तैयार करें उन्होंने आर्थिक विकास योजनाओं, भूमि सुधार हेतु कारगर कार्य करने, न्यूनतम मजदूरी को सख्ती से लागू करने, नज़दीकी पुलिस स्टेशन तक पहुँचने हेतु सड़क निर्माण, विशेष रूप से महिला और सवा सहायता समूह का विकास करने इत्यादि को पॅकेज में शामिल करने का विशेष अनुरोध किया श्री मति मीरा कुमार ने जानकारी दी कि डॉ अम्बेडकर प्रतिष्ठान में एक नई योजना प्रारंभ की गई है जिसके अंतर्गत अनुसूचित जाति और जनजाति पर होने वाले जघन्य अपराधों के शिकार को तात्कालिक रूप से आर्थिक सहायता प्रदान करने की व्यवस्था भी की गई है उन्होंने राज्य सरकारों को सुझाव दिया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति का गठन किया जाय और वर्ष में दो बार बैठकें आयोजित कर अनुसूचित जाति और जनजाति पर होने वाले जघन्य अपराधों की समीक्षा की जाय
<<<<< राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, गृह मंत्रालय के आंकड़े >>>>>

लो अब पियो विटामिन वाली चाय ............!

<><><>(कमल सोनी)<><><> क्या आप चाय के शौकीन हैं ? तब तो यह ख़बर आपके लिए बेहद अच्छी है आपने हर्बल टी, आयुर्वेदिक टी, और भी तरह तरह की चाय के बारे में तो सुना ही होगा समय समय पर होने वाले शोधो और अनुसंधानों से चाय के फायदे और नुकसानों से भी आप परिचित होंगे लेकिन चाय की चुस्की के आनंद साथ चाय यदि सेहत के लिए भी लाभदायक हो तो क्या बात है ?
हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड ने "ब्रुक ब्रोंड सेहतमंद" चाय का नया उत्पाद बाज़ार में उतारा है कम्पनी का दावा है कि यह चाय एक पौष्टिक चाय है क्योंकि इसमें है विटामिन, कार्बोहाइड्रेट का मिश्रण तो है न ये चाय के शौकीनों के लिए खुशखबरी
कैसे होगी विटामिन की पूर्ती :- भारत में 20 करोड़ से ज़्यादा लोग कुपोषण का शिकार हैं वास्तव में हमारी जनसंख्या का 60 प्रतिशत हिस्सा उपयुक्त मात्रा में विटामिन ना ले पाने के कारण विटामिन की कमी का शिकार है चूँकि लगभग 95 प्रतिशत लोग रोजाना चाय ज़रूर पीते हैं ऐसे में श्री में विटामिन पूर्ती का चाय सबसे अच्छा और आसन माध्यम है कंपनी का दावा है कि इस सेहतमंद चाय के तीन प्याले अनुशंसित आहार की पूर्ती करते है यानि हमारी रोजाना ज़रुरत का 50%
इस चाय के सम्बन्ध में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ डेवलपमेंट मेनेजमेंट के डॉ एस. के. त्रिवेदी ने कहा " कि कुपोषण से गंभीर नुकसान होते हैं और यह मानसिक और भौतिक विकास रोक देता है उन्होंने बताया कि हमारी 70% जनसंख्या माइक्रोन्यूट्रीएंट की रोजाना ज़रुरत को पूरा नहीं कर पाता उन्होंने बताया कि यह उत्पाद पूरे परिवार को दैनिक ज़रुरत में विटामिन की पूर्ती भी करेगा"
चाय तो हम सभी पीते ही हैं सुबह सुबह की चाय की चुस्की की क्या बात है और जब यह चुस्की विटामिन से भरपूर हो तो चाय का आनंद और सेहत के लिए भी फायदेमंद