<><><>(कमल सोनी)<><><> मध्यप्रदेश के चार बड़े शहरों में एयर कंडीशन वोल्वो सिटी बसे चलाई जायेंगी यदि सब कुछ ठीक ठाक चला तो आगामी तीन चार माह में एयर कंडीशन वोल्वो सिटी बसे प्रदेश के चार बड़े शहरों की सडकों में दौडेंगी नगरीय प्रशासन मंत्र बाबूलाल गौर ने भोपाल में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही उन्होंने बताया कि जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीनीकरण मिशन के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं की स्वीकृति हेतु पर्यवेक्षण समिति की एक बैठक दिनांक २६/०२/2009 को आहूत की गई थी जिसमें प्रदेश के चार बड़े शहरों इंदौर, भोपाल, जबलपुर और उज्जैन के लिए कुल ५२५ एयर कंडीशन वोल्वो सिटी बसे स्वीकृत हो गई हैं
बाबूलाल गौर ने बताया कि इन बसों के लिए लगभग ५० प्रतिशत भारत सरकार का अनुदान है तथा २० प्रतिशत प्रदेश सरकार से अनुदानित होगा तथा ३० प्रतिशत हिस्सा बस आपरेटरों को लगाना होगा प्रदेश के लिए स्वीकृत कुल ५२५ बसों की लागत २०५ करोड़ रु है इससे पूर्व भी प्रदेश के चार शहरों में स्टार सिटी बसे संचालित हैं जिनमें बसे बस आपरेटरों ने ख़रीदी थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं है दूसरी तरफ बसों के लिए आपरेटर के चयन के लिए अगले एक सप्ताह के भीतर निविदाएँ आमंत्रित किये जाने की भी खबरें हैं उमीदें लगाईं जा रही हैं कि आगामी चार पांच माह के भीतर ये बसे प्रदेश के चार नादे शहरों की सडकों पर दौड़ती नज़र आयेंगी हलाकि आगामी लोक सभा चुनाव के मद्देनज़र आचार संहिता लग जाने से विभागीय कर्यप्रानाली में किसी अड़चन से भी इनकार नहीं किया जा सकता
तीन तरह की होंगी बसे :- नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि ये बसे कुल तीन तरह की होंगी
लो फ्लोर ऐ.सी. - लागत ७० लाख
लो फ्लोर नॉन ऐ.सी. :- लागत ४० लाख
स्टैण्डर्ड :- ३० लाख
प्रदेश में कुल ५२५ बसें खरीदे जायेंगी कुल लागत ---- २०५ करोड़ रुपये
कहाँ कितनी बसे :-
१ > राज़धानी भोपाल
लो फ्लोर ऐ.सी --- ५० बसे
लो फ्लोर नॉन ऐ.सी. --- ५० बसे
स्टैण्डर्ड --- १२५ बसे
कुल बसे ------- २२५
२ > इंदौर
लो फ्लोर ऐ.सी --- २० बसे
लो फ्लोर नॉन ऐ.सी. --- ३० बसे
स्टैण्डर्ड --- १२५ बसे
कुल बसे ------- १७५
३ > जबलपुर
लो फ्लोर ऐ.सी --- २५ बसे
स्टैण्डर्ड --- ५० बसे
कुल बसे ------- ७५
४ > उज्जैन
लो फ्लोर ऐ.सी --- १० बसे
स्टैण्डर्ड --- ४० बसे
कुल बसे ------- ५०
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2 comments:
बहुत बढ़िया समाचार दिया है. धन्यवाद.
समाचार तो उत्साहवर्द्धक है लेकिन स्टार बसों का क्या हाल हुआ. कितनी अच्छी बसें थीं और इतनी जल्दी कंडम भी हो गए. अब देखते हैं इनका क्या होता है? आभार.
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