
बात जब किसी की प्रियता की की जाए तो वह उसे बेहद पसंद करता है लेकिन जब बात हित की की जाये तो उसे नापसंद करता है आज तम्बाकू निषेध दिवस है यह दिन नशामुक्ति से प्रेरणा देने के लिए मनाया जाता है तम्बाकू एक धीमा ज़हर है जो इसका सेवन करने वाले को धीरे धीरे मौत के मुंह में ले जाता है एक आंकड़े के अनुसार हर साल भारत में लगभग ८ लाख नए केंसर के मामले सामने आते हैं जिनमें से तकरीबन ३.२ लाख मामले मुंह और गले के केंसर से सम्बंधित होते हैं
हर साल हम ३१ मई को तम्बाकू निषेध दिवस मनाते है लेकिन इस धीमे ज़हर से समाज को मुक्त कर पाने में हम कितने सफल रहे हैं इसका जवाब हर कोई जानता है आज हम फिर तम्बाकू निषेध दिवस मना रहे हैं आज देश का अधिकतर नौजवान यहाँ तक की देश के नौनिहाल भी इस चुटकी भर ज़हर की चपेट में आ रहे हैं खास बात तो यह है कि उपयोग में आसान और सुविधाजनक होने के कारण समय दर समय तम्बाकू का प्रचलन भी बढा है मौजूदा हालत और बदलते परिवेश और एकल परिवार व्यवस्था में माता पिटा का अपने बच्चों पर ज़्यादा ध्यान न दे पाने के कारण एक आत्मबलहीन पीढी तैयार हो गई है जो अपने हर समय अपनी प्रियता की बात ही सोचती है और अपने हित के प्रति उसका कोई ध्यान ही नहीं रहता
विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से इस बारे में ‘इण्ड-केन-006’ नामक सर्वेक्षण विश्व तम्बाकू निषेध दिवस से पहले जारी की गई रिपोर्ट में भविष्य की भयावह तस्वीर का खुलासा किया गया है। 66 हजार लोगों पर किए गए इस सर्वे में रतलाम में पता चला कि 12 फीसदी स्कूली बच्चे तम्बाकू का नियमित सेवन करते हैं। इस बात से साफ़ अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाला समय कितना भयावह होगा
ऐसे में साल में एक दिन औपचारिकता मात्र के रूप में तम्बाकू निषेध दिवस मनाना कितना उचित है वास्तव में नशा किसी भी रूप में हो बेहद घातक होता है हर व्यक्ति का किसी मादक पदार्थ को लेने के पीछे मकसद भी अलग अलग होता है लेकिन मकसद चाहे जो हो नुकसान तो उठाना ही पङता है पहले कोई व्यक्ति तम्बाकू का सेवन करता है फिर तम्बाकू उसका सेवन करने लगती हैं किसी भी तरह के नशे से मुक्ति के लिए सिर्फ एक ही उपाय है वह है संयम
वैसे तो संयम कई समस्याओं का समाधान है लेकिन जहां तक नशामुक्ति का सवाल है संयम से बेहतर और कोई दूसरा विकल्प नहीं है हाँ सेल्फ मोटिवेशन भी नशामुक्ति में बेहद कारगर है या फिर किसी को मोटिवेट करके या किसी के द्वारा मोटिवेट होके भी नशे से मुक्त हुआ जा सकता है लेकिन यदि तम्बाकू का नशा करने वाला यदि संयम अपनाए तो इस पर जीत हासिल कर सकता है जब कभी तम्बाकू का सेवन करने की तीव्र इच्छा हो तो संयम के साथ अपना ध्यान किसी अन्य काम में लगा लें ज़्यादातर तम्बाकू को भुलाने की कोशिश करें वास्तव में यदि व्यक्ति हितों के प्रति जागरुक हैं तो वह किसी भी नशे की चपेट में आ ही नहीं सकता और यदि आ भी जाए तो थोडा सा संयम और सेल्फ मोटिवेशन उसे इस धीमे ज़हर से मुक्त कर सकता है तो आज के दिन महज़ एक परम्परा के रूप में तम्बाकू निषेध दिवस मनाने के बजाय तम्बाकू और इसके घातक परिणामो से हम अपने करीबी और अपने मित्रों को परिचित करायें यदि कोई आपका करीबी तम्बाकू या किसी नशे की लत का शिकार है तो उसे मोटिवेट करके उसे संयम का रास्ता बताएं और नशे से मुक्त होने में उसकी मदद करें
कैसे छोड़ें तम्बाकू की आदत? :-
- तम्बाकू छोड़ने लिए आपको एक दिन तय कर लेना चाहिए कि इस दिन से तम्बाकू बंद।
- इसके अपने दोस्तों और पारिवारिक डॉक्टर की भी मदद लें।
- सिगरेट से जुड़ी चीजों को दूर रखें।
- अगर सिगरेट ज्यादा पीने की आदत पड़ ही चुकी है तो भी उसे पीने से पहले छोटी कर लें।
- धीमे जहर के सेवन न करने के प्रति खुद को मोटिवेट करें