December 17, 2008

चमत्कारिक प्रभाव ॐ के

17/दिसम्बर/2008/( कमल सोनी )>>>> भारतीय दर्शन यूँ तो पूरे विश्व में चर्चित है वहीं यह वैज्ञानिकों के लिए भी जिज्ञासाओं का विषय रहा है यही कारण है कि वैज्ञानिकों ने समय समय पर इस पर कई शोध भी किए आध्यात्म में ॐ का विशेष महत्व है वेद शास्त्रों में भी ॐ के कई चमत्कारिक प्रभावों क उल्लेख मिलता है आज के आधुनिक युग में वैज्ञानिकों ने भी शोध के मध्यम से ॐ के चमत्कारिक प्रभाव की पुष्टी की है पाश्चात्य देशों में भारतीय वेद पुराण और हजारों वर्ष पुराणी भारतीय संस्कृति और परम्परा काफी चर्चाओं और विचार विमर्श का केन्द्र रहे हैं दूसरी और वर्तमान की वैज्ञानिक उपलब्धियों का प्रेरणा स्त्रोत भारतीय शास्त्र और वेद ही रहे हैं हलाकि स्पष्ट रूप से इसे स्वीकार करने से भी विज्ञानी बचते रहे हैं ॐ को लेकर वैज्ञानिकों का प्रयोग काफी चर्चा में रहा है वैज्ञानिकों ने शोध में यह तथ्य पाया कि ॐ का जाप अलग अलग आवृत्तियों और ध्वनियों में दिल और दिमाग के रोगियों के लिए बेहद असर कारक है यहाँ एक बात बेहद गौर करने लायक यह है जब कोई मनुष्य ॐ का जाप करता है तो यह ध्वनि जुबां से न निकलकर पेट से निकलती है यही नही ॐ का उच्चारण पेट, सीने और मस्तिस्क में कम्पन पैदा करता है यह कम्पन शरीर की मृत कोशिकाओं को पुनर्जीवित कर देता है तथा नई कोशिकाओं का निर्माण करता है शोध में यह भी पाया गया कि ॐ का जाप मस्तिष्क से लेकर नाक, गला फेफडे के हिस्सों में तेज़ तरंगे प्रवाहित करता है यही नही आयुर्वेद में भी ॐ के जाप के चमत्कारिक प्रभावों का वर्णन है वैज्ञानिकों ने मस्तिस्क और दिल के विभिन्न रोगों से ग्रसित २५०० पुरूष और २०० महिलाओं को प्रयोग के लिए चुना इनमें उन लोगों को भी शामिल किया गया जो अपनी बीमारी के अन्तिम चरण में पहुँच चुके थे इन व्यक्तियों को रोजाना अलग अलग आवृत्तियों में ॐ का जाप कराया गया साथ ही उनके उपचार में प्रयोग लाइ जा रही दवाओं को बंद कर मातृ जीवन रक्षक दवाओं को ही देना जारी रखा गया साथ ही प्रत्येक तिमाही में इनका शारीरिक परिक्षण कराया गया इस तरह यह प्रयोग लगभग चार साल चला लेकिन चार साल में इसके चौकाने वाले परिणाम सामने आए लगभग ७० फीसदी पुरूष और ८५ फीसदी महिलाओं को इसमें ९० फीसदी राहत मिली इस तरह के कई प्रयोगों के बाद भारतीय आध्यात्मिक प्रतीक चिन्हों को के प्रति पश्चिम देशों के लोगों में भी खुलापन देखा गया ॐ हिंदू धर्म का प्रतीक चिन्ह ही नहीं बल्कि हिंदू परम्परा का सबसे पवित्र शब्द है प्रतिदिन ॐ का उच्चारण न सिर्फ़ ऊर्जा शक्ति का संचार करता है शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाकर कई असाध्य बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है

3 comments:

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

बहुत खूब

रचना गौड़ ’भारती’ said...

भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
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